इस साल अब तक पीएम-किसान की सिर्फ 37 फीसदी राशि खर्च की गई

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीएम-किसान के तहत 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. कम खर्च की वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि आवंटित राशि का भारी-भरकम हिस्सा केंद्र सरकार खर्च नहीं कर पाएगी.

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Nadia: A farmer prepares land for cultivation during Monsoon season, in Nadia district of West Bengal, Tuesday, July 9, 2019. (PTI Photo)(PTI7_9_2019_000060B)
Nadia: A farmer prepares land for cultivation during Monsoon season, in Nadia district of West Bengal, Tuesday, July 9, 2019. (PTI Photo)(PTI7_9_2019_000060B)

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीएम-किसान के तहत 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. कम खर्च की वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि आवंटित राशि का भारी-भरकम हिस्सा केंद्र सरकार खर्च नहीं कर पाएगी.

Nadia: A farmer prepares land for cultivation during Monsoon season, in Nadia district of West Bengal, Tuesday, July 9, 2019. (PTI Photo)(PTI7_9_2019_000060B)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2019-20 के पहले सात महीनों में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की सिर्फ 37 फीसदी राशि खर्च हुई है.

पीएम-किसान के लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. हालांकि बीते मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अक्टूबर अंत तक इस योजना के तहत कुल 27,937.26 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

ये आंकड़ा इस साल के लिए आवंटित राशि का सिर्फ 37 फीसदी हिस्सा है. इस वित्त वर्ष को पूरा होने में करीब साढ़े चार महीने बचे हैं, इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि आवंटित राशि का भारी-भरकम हिस्सा केंद्र सरकार खर्च नहीं कर पाएगी.

बल्कि द वायर की एक रिपोर्ट में कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव और इस योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल ने बताया था कि पीएम-किसान की 30 फीसदी राशि खर्च नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा था कि इसकी वजह ये है कि केंद्र को किसानों की कुल संख्या पता नहीं है.

तोमर ने अपने जवाब में कहा, ‘वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आवंटित 75,000 करोड़ रुपये में से 31.10.2019 तक कुल 27,937.26 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.’ लेकिन तोमर ने कोई कारण नहीं बताया कि आखिर क्यों इतनी कम राशि अभी तक खर्च हो पाई है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पीएम-किसान के तहत पहचान किए गए लाभार्थियों के बैंक खातों में तब वित्तीय लाभ ट्रांफसर किए जाते हैं, जब उनका सही और सत्यापित डेटा पीएम-किसान वेब पोर्टल पर संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपलोड किया जाता है. इसलिए लाभार्थियों की संख्या में भिन्नता के आधार पर फंड के वास्तविक उपयोग में अंतर आ सकता है. वित्त वर्ष 2019-20 की समाप्ति के बाद वास्तविक खर्च का आंकलन किया जा सकेगा.’

साल 2018-19 में केंद्र ने पीएम-किसान के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. हालांकि 25 जून को लोकसभा में तोमर द्वारा दिए गए एक लिखित जवाब से पता चलता है कि लाभार्थियों को पिछले वित्तीय वर्ष में पहली किस्त के रूप में 6,662 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया था.

पीएम-किसान योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को 2,000 रुपये की तीन किस्त के आधार पर एक साल में 6,000 रुपये मुहैया कराती है. ये लाभ सीधे लाभार्थियों के खाते में जाता है.

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