कांग्रेस ने अपनी विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता ख़त्म करने की याचिका दाख़िल की

कांग्रेस द्वारा बहिष्कार करने के बावजूद बीते दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने भाग लिया था. इस पर पार्टी ने उन्हें दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

अदिति सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

कांग्रेस द्वारा बहिष्कार करने के बावजूद बीते दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने भाग लिया था. इस पर पार्टी ने उन्हें दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

अदिति सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)
अदिति सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

लखनऊ: कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में जारी नोटिस का जवाब नहीं देने वाली रायबरेली से अपनी विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने संबंधी याचिका दाखिल की है.

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने बताया की पार्टी ने अदिति की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने संबंधी एक याचिका गत मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को सौंपी है.

उन्होंने बताया कि अदिति को गत दो अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा आहूत विधानमंडल के विशेष सत्र में पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन में उपस्थित होने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लेकिन उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया.

अदिति को उसके बाद दोबारा नोटिस भेजा गया था लेकिन उन्होंने इसका भी जवाब नहीं दिया.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आराधना मिश्रा ने कहा, ‘पार्टी ने यूपी विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका दाखिल कर रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह की सदस्यता खत्म करने को लेकर याचिका भेजी है. उन्होंने सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा में 2 अक्टूबर को आयोजित विशेष सत्र का बहिष्कार करने के लिए पार्टी व्हिप का अनादर किया था.’

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा में विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने यूपी सदस्य दल परिवर्तन की निर्भरता नियमावली 1987 के तहत नोटिस दिया है.

इसके अलावा अदिति सिंह पर ये भी आरोप है कि वह भाजपा से नजदीकियां बढ़ा रही हैं. हाल ही में रायबरेली टोल प्लाजा में अदिति पर हमला होने के बाद उन्होंने योगी सरकार से सुरक्षा की मांग की थी. उसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी थी.

दो अक्टूबर को महात्मा गांधी के जयंती पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, परन्तु अदिति सिंह ने उसमें भाग लिया था.

इस बीच बीते सोमवार को सोमवार को कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश नेतृत्व पर यह आरोप भी लगाया था कि वे अदिति के खिलाफ कार्रवाई का साहस नहीं जुटा पा रहा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने पार्टी के निर्णय से असहमति जताने के आरोप में गत रविवार को अपने 10 वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निकाल दिया था.

बाहर किए गए नेताओं में तीन पूर्व विधायक, दो पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, एक पूर्व एमएलसी और तीन अन्य नेता शामिल हैं. इन नेताओं को पार्टी की अनुशासन समिति ने नोटिस भेजा था, जिसके जवाब से संतुष्ट न होने के बाद इन्हें पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)