केरल और पंजाब ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने से मना किया

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.

Amritsar: Punjab Chief Minister Capt Amrinder Singh with Punjab Minister Navjot Singh Sidhu talk to the media after visiting Guru Nanak Hospital, in Amritsar, Saturday, Oct 20, 2018. A speeding train ran over revellers watching fireworks during the Dussehra festival Friday, killing at least 60 people. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI10_20_2018_000096B)
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू. (फोटो: पीटीआई)

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.

Amritsar: Punjab Chief Minister Capt Amrinder Singh with Punjab Minister Navjot Singh Sidhu talk to the media after visiting Guru Nanak Hospital, in Amritsar, Saturday, Oct 20, 2018. A speeding train ran over revellers watching fireworks during the Dussehra festival Friday, killing at least 60 people. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI10_20_2018_000096B)
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केरल और पंजाब ने अपने राज्य में नागरिकता संशोधन विधेयक लागू करने से मना कर दिया है.

बीते गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.

संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि राज्य विधानसभा में बहुमत वाली कांग्रेस सदन में इस असंवैधानिक अधिनियम को रोक देगी. उन्होंने कहा, उनकी सरकार इस कानून के जरिए देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने नहीं देगी.

इसके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक बताया और कहा कि उनका राज्य इसे नहीं अपनाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक तौर पर बांटने की कोशिश कर रही है. ये समानता और धर्मनिरपेक्षता को तहस-नहस कर देगा.

द हिंदू के मुताबिक विजयन ने मीडिया से कहा कि इस्लाम के खिलाफ भेदभाव करने वाले सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकरण कानून का केरल में कोई जगह नहीं है. बता दें कि देश भर के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

पांच वाम दलों ने 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी संयुक्त विरोध की घोषणा की है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने कहा कि विधेयक ने संविधान का उल्लंघन किया है और इसका उद्देश्य भारत की धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक नींव को नष्ट करना है.

इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.

इस प्रकार भेदभावपूर्ण होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है और इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक किसी को उनके धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने से मना नहीं किया गया है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25