जामिया हिंसा मामले में 10 गिरफ्तार, कोई छात्र शामिल नहीं

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में जामिया नगर इलाके से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ज्यादातर आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है. इनमें से कोई भी छात्र नहीं हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनकी पहचान की. जांच में अब तक पता चला है कि गिरफ्तार लोगों ने भीड़ को उकसाया था और सार्वजनिक संपत्ति में भी तोड़फोड़ की थी.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में जामिया नगर इलाके से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ज्यादातर आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है. इनमें से कोई भी छात्र नहीं हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनकी पहचान की. जांच में अब तक पता चला है कि गिरफ्तार लोगों ने भीड़ को उकसाया था और सार्वजनिक संपत्ति में भी तोड़फोड़ की थी.

New Delhi: Students of Jamia Millia Islamia University clash with the police during a protest against the Citizenship Amendment Bill (CAB), at the University in New Delhi, Friday, Dec. 13, 2019. (PTI Photo)   (PTI12_13_2019_000264B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा, ‘हिंसा के सिलसिले में जामिया नगर इलाके से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ज्यादातर आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है. इनमें से कोई भी छात्र नहीं हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनकी पहचान की.’

रंधावा ने यह भी कहा कि आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत अपराध शाखा को दी जाएगी. रंधावा ने कहा, ‘जांच में अब तक पता चला है कि गिरफ्तार लोगों ने भीड़ को उकसाया था और सार्वजनिक संपत्ति में भी तोड़फोड़ की थी.’

दक्षिणी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन रविवार की शाम हिंसक हो गया था जिसके बाद पुलिस जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस में घुस गई थी और लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया के कई छात्र घायल हो गए थे.

दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की.

इसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख़्तर ने सोमवार को कहा था कि विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुई कार्रवाई की उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

अख्तर ने कहा, ‘पुलिस बिना अनुमति के परिसर में दाखिल हुई थी. हम परिसर में पुलिस की मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने अपनी बर्बरता से छात्र-छात्राओं को डराया. विश्वविद्यालय की संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है.’

उन्होंने कहा, ‘संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और छात्र-छात्राओं पर पुलिस की कार्रवाई के संबंध में हम प्राथमिकी दर्ज कराएंगे. हम उच्चस्तरीय जांच चाहते हैं. मैं मानव संसाधन मंत्री के समक्ष तथ्यों को पेश करूंगी.’ उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए और इसकी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.

इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने रविवार को दावा किया था कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बगैर इजाजत के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गये और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा तथा उन्हें परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया.

हालांकि, पुलिस का कहना था कि दक्षिण दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के निकट प्रदर्शनकारियों के हिंसा में संलिप्त होने के बाद वे (पुलिसकर्मी) केवल स्थिति नियंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में घुसे थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)