2008 जयपुर धमाका: चार आरोपी दोषी क़रार, एक दोषमुक्त

13 मई 2008 को जयपुर में हुए आठ सिलसिलेवार बम धमाकों में 70 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे. दोषियों की सज़ा पर गुरुवार को जिरह के बाद फ़ैसला लिया जाएगा.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

13 मई 2008 को जयपुर में हुए आठ सिलसिलेवार बम धमाकों में 80 लोगों की मौत हुई थी और 170 घायल हुए थे. दोषियों की सज़ा पर जिरह के बाद फ़ैसला लिया जाएगा.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

जयपुर: राजस्थान की एक विशेष अदालत ने जयपुर बम विस्फोट मामले में बुधवार को चार आरोपियों को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त करार दे दिया है.

अदालत में अब दोषियों को सजा के अनुपात पर कल बहस होगी और उसके बाद सजा सुनाई जाएगी. मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने बुधवार को फैसला सुनाया.

लोक अभियोजक श्रीचंद ने बताया, ‘चार आरोपियों को दोषी ठहराया गया है. उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307,324, 326, 120 बी, 121ए और 124 ए, 153 ए के तहत दोषी माना गया है. इसके अलावा विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा तीन के तहत तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1 ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया है.’

श्रीचंद ने बताया कि दोषियों को सजा के अनुपात पर गुरुवार को जिरह होगी, फिर निर्णय के लिए तारीख दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 1,272 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए.

मालूम हो कि भारत के पर्यटन स्थलों में चर्चित जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोट में कुल 80 लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग 170 घायल हुए थे.

उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह अदालत से किया जाएगा और ‘मैंने इन दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने का निवेदन अदालत से किया है.’

मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन के न्यायमित्र (एमिक्स क्यूरी) सुरेश व्यास ने इससे पहले संवाददाताओं को बताया, ‘अदालत ने आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया क्योंकि उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो सके. बाकी चार आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत दोषी माना गया है.’

बाकी चार दोषियों के नाम मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहमद सलमान और सैफुर्रहमान हैं. ये सभी अदालत में मौजूद थे.

एनडीटीवी के अनुसार, तीन और आरोपी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को मास्टरमाइंड बताया गया था.

राजस्थान एटीएस को ऐसा संदेह है कि इन धमाकों में दो और व्यक्ति संलिप्त थे, जो 2008 में ही दिल्ली में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे.

बता दें कि इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने पिछले महीने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

दोषमुक्त हुए शाहबाज़ पर था धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाला ईमेल भेजने का आरोप

विशेष अदालत ने जिस आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया है उस पर आरोप था कि उसने विस्फोट के बाद उसकी जिम्मेदारी लेने वाला ईमेल अधिकारियों को किया था.

पुलिस ने अगस्त 2008 में शाहबाज को लखनऊ में पकड़ा था और तब से वह जयपुर में न्यायिक हिरासत में थे.

लखनऊ के रहने वाले शाहबाज के लिए एमिकस क्यूरी सुरेश व्यास ने कहा कि शाहबाज के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके और इसलिए उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया.

व्यास ने कहा, ‘उस पर सिर्फ ईमेल भेजने के आरोप के अलावा कोई अन्य आरोप नहीं था. ईमेल भेजने का आरोप साबित नहीं हो सका. वह अगस्त 2008 से न्यायिक हिरासत में है.’

मई 2008 में विस्फोट के बाद ईमेल भेजने वाले ने आतंकवादी संगठन- इंडियन मुजाहिदीन की ओर से विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था.

राजस्थान की राजधानी में 13 मई 2008 को शाम लगभग सवा सात बजे 15 मिनट में शहर की नौ जगहों पर सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे. इन धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था.

पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था. इसके बाद बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे.

बम धमाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश पर उच्च न्यायायल ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)