हैदराबाद रेप: आरोपियों के शव का दोबारा पोस्टमार्टम के लिए एम्स ने तीन विशेषज्ञों को भेजा

तेलंगाना हाईकोर्ट ने बीते शनिवार को आदेश दिया था कि पशुचिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या मामले में कथित मुठभेड़ में मारे गए चार आरोपियों के शव का फिर से पोस्टमार्टम किया जाए.

नई दिल्ली स्थित एम्स. (फोटो: पीटीआई)

तेलंगाना हाईकोर्ट ने बीते शनिवार को आदेश दिया था कि पशुचिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या मामले में कथित मुठभेड़ में मारे गए चार आरोपियों के शव का फिर से पोस्टमार्टम किया जाए.

नई दिल्ली स्थित एम्स. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली स्थित एम्स. (फोटो: पीटीआई)

हैदराबाद: एम्स ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपने तीन फॉरेंसिक एक्सपर्ट को हैदराबाद बलात्कार एवं हत्या के आरोपियों के शव का फिर से पोस्टमार्टम करने के लिए भेजा है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस टीम की अध्यक्षता फॉरेंसिक एचओडी प्रोफेसर डॉ. सुधीर गुप्ता करेंगे और इसमें प्रोफेसर डॉ. आदर्श कुमार और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक यादव भी शामिल हैं.

तेलंगाना हाईकोर्ट ने बीते शनिवार को आदेश दिया था कि पशुचिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या मामले में कथित मुठभेड़ में मारे गए चार आरोपियों के शवों का फिर से पोस्टमार्टम किया जाए.

इसके बाद राज्य के विशेष मुख्य सचिव ए. संथी कुमारी ने एम्स से संपर्क किया और कोर्ट के आदेशानुसार दोबारा पोस्टमार्टम करने की गुजारिश की.

उच्च न्यायालय के आदेश पर चारों आरोपियों के शव यहां गांधी अस्पताल में सुरक्षित रखे गए हैं. इन चारों की हत्या का आरोप लगाते हुए जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिकाओं में छह दिसंबर को हुई इस मुठभेड़ के फर्जी होने का दावा किया गया है.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस ए. अभिषेक रेड्डी की खंडपीठ ने तेलंगाना के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक से दूसरा पोस्टमार्टम करने के लिए अपराध विज्ञान के तीन विशेषज्ञों की एक मेडिकल टीम गठित करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया था.

खंडपीठ ने यह निर्देश भी दिया कि पोस्टमार्टम 23 दिसंबर से पहले किया जाए और उसकी रिपोर्ट उच्च न्यायालय महापंजीयक के समक्ष दाखिल की जाए.

हाईकोर्ट ने कहा कि दूसरे पोस्टमार्टम के बाद शव इन चारों के रिश्तेदारों को सौंपे जा सकते हैं. डॉक्टरों को उनके द्वारा एकत्र किये गए सबूतों के आधार पर स्वतंत्र राय रखने की भी सलाह दी गई है.

खंडपीठ ने इस मुठभेड़ की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख को केस डायरी, पुलिस अधिकारियों के आवाजाही रजिस्टर, मुठभेड़ में शामिल हथियारों की फेहरिस्त जैसी सभी सामग्री जब्त कर लेने का भी निर्देश दिया.

उच्च न्यायालय ने कहा कि इन चीजों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आयोग के सामने जरूरत के हिसाब से पेश किया जाए. खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किए.

उसने कहा कि राज्य सरकार एम्स के चिकित्सा दल की विमान यात्रा, उनके ठहरने और उनके लिए अन्य सारी सुविधाओं का इंतजाम करेगी ताकि दल उसे सौंपे गए काम को बखूबी कर पाए.

बीते शुक्रवार को तेलंगाना के महाधिवक्ता ने कहा था कि इन चारों के शवों का सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक पहले ही पोस्टमार्टम कर दिया गया है, इसलिए फिर से पोस्टमार्टम के लिए कोई आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है.

हालांकि न्यायमित्र (अमाइकस क्यूरी) डी. प्रकाश रेड्डी ने दलील दी थी कि दूसरे पोस्टमार्टम की जरूरत पर गौर करने के लिए ही उच्च न्यायालय के निर्देश पर शवों को सुरक्षित रखा गया है और सुप्रीम कोर्ट भी इस पर मुहर लगा चुका है.

सुप्रीम कोर्ट ने पशुचिकित्सक के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के चारों आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की परिस्थितियों की जांच के लिए पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया था.

बंबई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा सोनदुर बालडोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक डीआर कार्तिकेयन उसके अन्य सदस्य हैं. आयोग को छह महीने के अंदर उच्चतम न्यायालय को रिपोर्ट सौंपनी है.

इन चारों आरोपियों को महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार करने, गला घोंटकर उसे मार डालने और उसके शव को जला देने के लिए 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.

इस वारदात को लेकर देशभर में जनाक्रोश फैल गया और गुनहगारों को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए जगह जगह प्रदर्शन किया गया था.

चारों आरोपियों को छह दिसंबर को उस पुलिया के पास पुलिस ने कथित मुठभेड़ में गोली मार दी थी, जहां 28 नवंबर को 25 वर्षीय पशुचिकित्सक का जला हुआ शव मिला था.

पुलिस इस मामले में पशुचिकित्सक का फोन, कलाई घड़ी और अन्य चीजें बरामद करने के लिए चारों को लेकर पुलिया के पास पहुंची थी.
हालांकि यह मुठभेड़ कानूनी जांच के दायरे में आ गई.

चारों आरोपियों के शव का छह दिसंबर को ही महबूबनगर के एक सरकारी अस्पताल में पहला पोस्टमार्टम किया था और फिर उन्हें यहां गांधी अस्पताल में लाया गया था.

साइबराबाद पुलिस ने कहा था कि जब दो आरोपी पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर उन पर गोलियां चलाने लगे तब उन्होंने उन पर जवाबी कार्रवाई की. पुलिस का दावा है कि आरोपियों की गोलीबारी एवं पथराव में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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