मैग्सेसे सम्मानित संदीप पांडेय ने योगी सरकार से की निर्दोषों को रिहा करने की अपील

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात का समय न मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने उन्हें एक खुला पत्र लिखकर कहा कि नागरिकता क़ानून के विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ राज्य सरकार की ‘प्रतिशोध की भावना’ से की गई कार्रवाई निंदनीय है.

संदीप पांडेय. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात का समय न मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने उन्हें एक खुला पत्र लिखकर कहा कि नागरिकता क़ानून के विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ राज्य सरकार की ‘प्रतिशोध की भावना’ से की गई कार्रवाई निंदनीय है.

Sandeep-Pandey-Youtube
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का समय नहीं मिलने पर मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने गुरुवार को उन्हें एक खुला पत्र लिखकर कहा कि हिंसा में शामिल अराजकतावादियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार जिस तरह से ‘प्रतिशोध की भावना’ से कार्रवाई कर रही है, वह निंदनीय है.

उन्होंने राज्य सरकार से अधिक परिपक्वता और संयम बरतने की अपील की. पांडेय ने कहा, ‘मैंने आपसे 21 दिसंबर को मिलने का समय मांगा था लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला. मैं लखनऊ और उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून एवं एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में सरकार-प्रशासन के रवैये पर कुछ टिप्पणी करने के लिए यह खुला पत्र लिख रहा हूं.’

उन्होंने कहा कि लखनऊ में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में जो प्राथमिकियां दर्ज की गईं, उनमें अधिकतर आरोपी मुसलमान हैं. अगर कार्रवाई में मुस्लिमों को लेकर भेदभाव होगा तो उनसे सरकार-प्रशासन में भरोसा रखने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है.

पांडेय ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून एवं एनआरसी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के बाद भाजपा के नेता अब देश के मुस्लिम नागरिकों से कह रहे हैं कि वे चिन्ता ना करें.

लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर का जिक्र करते हुए पांडेय ने कहा कि 39 आरोपियों में से 36 मुस्लिम हैं जबकि प्रदर्शन में गैर मुस्लिमों ने बड़ी संख्या में भाग लिया था. उत्तर प्रदेश में गोली लगने से मारे गए 16 युवकों में सभी मुस्लिम हैं.

उन्होंने कहा कि यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि जब देश में अन्य राज्यों में लाखों की संख्या में लोग एकत्र हुए, कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई तो उत्तर प्रदेश में हिंसा कैसे भड़क उठी.

उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए अराजक तत्व जिम्मेदार हैं जबकि कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की जा रही है जिन्होंने अपने पूरे जीवन शांतिपूर्वक प्रदर्शन किए और जिनकी देश के संविधान में आस्था है.

पांडेय ने कहा, ‘वकील मोहम्मद शोएब और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को गिरफ्तार किया गया. मेरे जैसे लोगों को 19 दिसंबर को लखनऊ में नजरबंद कर दिया गया.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर अपनी गिरफ्तारी के पहले तक हिंसा कर रहे युवकों को समझाने-बुझाने का कार्य कर रही थीं, जिसका सबूत भी है. पांडेय ने कहा कि इसी प्रकार दीपक मिश्रा रचनात्मक सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं. पवन राव आंबेडकर रायबरेली में लेक्चरार हैं.

उन्होंने योगी से कहा, ‘अगर आप उन सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल भेजेंगे, जिनकी संविधान में आस्था है और चूंकि आपकी पुलिस अराजक तत्वों की पहचान करने में अक्षम रही है तो लोकतंत्र में सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध प्रकट करने की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और अराजक तत्व आम आदमी को आसानी से गुमराह कर सकेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘मैं ये आपके (योगी आदित्यनाथ) विवेक पर छोड़ता हूं. अगर आप उचित समझते हैं तो अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और उक्त कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस ले लीजिए और सभी निर्दोष लोगों को रिहा कीजिए.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25