झारखंड: हेमंत सोरेन 11वें मुख्यमंत्री बने, मौजूदगी दर्ज करा विपक्षी नेताओं ने दिखाई एकता

रांची के मोरहाबादी मैदान में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटो: ट्विटर)

रांची के मोरहाबादी मैदान में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटो: ट्विटर)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटो: ट्विटर)

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं.

यहां मोरहाबादी मैदान में दोपहर सवा दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

इस प्रकार चुनाव-पूर्व गठबंधन में शामिल तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने शपथ ग्रहण किया. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज शाम ही मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बैठक बुलाई है.

सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं. समारोह में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा और अतुल अंजान तथा द्रमुक (डीएमके) नेता एमके स्टालिन भी शामिल हुए.

समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती शामिल नहीं हुईं.

झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. उसने सत्ताधारी भाजपा को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिली थीं.

हेमंत सोरेन ने 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद गठबंधन सहयोगियों के साथ 24 दिसंबर को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था जिसके बाद राज्यपाल ने 25 दिसंबर को उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री मनोनीत कर 29 दिसंबर को शपथग्रहण के लिए आमंत्रित किया था.

शपथग्रहण से पहले नक्सलियों ने उड़ाया सामुदायिक भवन

झारखंड में झामुमो नेता हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण से पहले उसे चुनौती देते हुए प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के उग्रवादियों ने अड़की थाना क्षेत्र के सेल्दा में शनिवार देर रात विस्फोटकों के जरिए सामुदायिक भवन को उड़ा दिया.

इस घटना के बाद एसडीपीओ आशीष कुमार महली के नेतृत्व में पुलिस बल ने मौके का जायजा लिया और उग्रवादियों की तलाश शुरू की. घटना के संबंध में महली ने बताया कि शुरुआती जांच के मुताबिक घटना में माओवादियों का हाथ नजर आ रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि भवन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

घटना की जानकारी स्थानीय लोगों को रविवार सुबह मिली, हालांकि देर रात ग्रामीणों ने तेज आवाज सुनी थी, लेकिन दहशत के चलते वे अपने घरों से बाहर नहीं निकले. माओवादियों ने कुछ पोस्टर भी लगाए, जिनमें सरकारी भवनों में पुलिस कैंप नहीं लगाने की चेतावनी दी गई है. उन्होंने बताया कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान इस नवनिर्मित भवन में पुलिस कैम्प बनाया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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