सात कर्मचारियों को पाक के लिए जासूसी करते पकड़ने के बाद नौसेना ने फेसबुक पर लगाया प्रतिबंध

आंध्र प्रदेश खुफिया विभाग द्वारा 19 दिसंबर को जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था. इसमें दावा किया गया था कि 2017 में भर्ती किए गए नाविकों ने कथित तौर पर नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के स्थानों की जानकारी साझा की थी, क्योंकि वे एक हनीट्रैप में फंस गए थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर. (वीकिमीडिया कॉमन्स)

आंध्र प्रदेश खुफिया विभाग द्वारा 19 दिसंबर को जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था. इसमें दावा किया गया था कि 2017 में भर्ती किए गए नाविकों ने कथित तौर पर नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के स्थानों की जानकारी साझा की थी, क्योंकि वे एक हनीट्रैप में फंस गए थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर. (वीकिमीडिया कॉमन्स)
प्रतीकात्मक तस्वीर. (वीकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ होने और पाकिस्तानी नाविक को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में सात नाविकों को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिन बाद, भारतीय नौसेना ने अपने कर्मियों द्वारा फेसबुक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा, नौसेना ने नौसेना के ठिकानों, डॉकयार्ड और युद्धपोतों पर स्मार्टफोन के उपयोग को भी प्रतिबंधित कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, सात नौसैनिकों द्वारा सोशल मीडिया पर दुश्मन की खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील सूचनाएं लीक करते पकड़े जाने के तुरंत बाद कड़े कदम उठाए गए हैं.

आंध्र प्रदेश खुफिया विभाग द्वारा 19 दिसंबर को जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था. इसमें दावा किया गया था कि 2017 में भर्ती किए गए नाविकों ने कथित तौर पर नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के स्थानों की जानकारी साझा की थी, क्योंकि वे एक हनीट्रैप में फंस गए थे.

एक अधिकारी ने कहा, ‘इन युवकों को पहले तीन-चार महिलाओं द्वारा फेसबुक पर संपर्क किया गया और उन्हें ऑनलाइन संबंध बनाने का लालच दिया. महिलाओं ने बाद में उन्हें एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाया, जो एक व्यापारी के रूप में सामने आया था, लेकिन वास्तव में एक पाकिस्तानी हैंडलर था जिसने नाविकों से जानकारी लेना शुरू कर दिया था.’

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के साथ कामुक बातें करने वाले नाविकों को बाद में हमारे युद्धपोतों और पनडुब्बियों की स्थिति और आने-जाने के मार्ग की जानकारी हासिल करने के लिए ब्लैकमेल किया गया था. नाविकों को हर महीने हवाला ऑपरेटर के माध्यम से पैसे दिए जाते थे.’

ये सात नाविक जहाजों और पनडुब्बियों से लौटेंगे और पिछले साल सितंबर-अक्टूबर तक किए गए कार्यों और स्थानों का खुलासा करेंगे. वे बहुत सारी संवेदनशील सूचनाओं से गुजरते थे.

विजयवाड़ा में खुफिया रोधी विभाग में सात नाविकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. सूत्रों ने कहा कि आंध्र प्रदेश की खुफिया इकाई इंटेलिजेंस सातों नाविकों को कई दिनों से ट्रैक कर रहा था और उनकी गतिविधियाँ निगरानी में थीं.

इंडिया टुडे के अनुसार, तीन नाविक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विशाखापत्तनम की पूर्वी नौसैन्य कमांड (ईएनसी) से जुड़े हैं जबकि तीन अन्य पश्चिमी नौसैन्य कमांड (डब्ल्यबएनसी) और एक कर्नाटक के करवार नौसैन्य बेस पर तैनात था.

ईएनसी विशाखापत्तनम से जुड़े तीन आरोपियों की पहचान राजस्थान स्थित अलवर के सन्नी कुमार, ओडिशा स्थित गोपालपुर के एसके दास और उत्तर प्रदेश के एस. कुुमार शर्मा के रूप में की गई है.

अन्य आरोपियों राजस्थान स्थिति झुंझनु के अशोक कुमार, राजस्थान स्थित जोधपुर के अशोक कुमार, राजस्थान स्थित अलवर के वी. कुमार और महाराष्ट्र स्थित पुणे के सोमनाथ को कर्नाटक के करवार कमांड से गिरफ्तार किया गया है.

अशोक कुमार सिंह मुंबई स्थित सबमरीन में तैनात था. एसके दास एक डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन आईएनएस सुंधुकार्ति पर तैनात था जबकि सन्नी और एस. कुमार आईएनएस खंजर के साथ काम कर रहा था.

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