बांग्लादेश ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर भारत से लगी सीमा पर मोबाइल सेवा बंद की

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि यह निर्णय इस चिंता से लिया गया है कि भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून लागू होने के बाद भारतीय मुसलमान बांग्लादेश में प्रवेश कर सकते हैं.

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(फोटो: रॉयटर्स)

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि यह निर्णय इस चिंता से लिया गया है कि भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून लागू होने के बाद भारतीय मुसलमान बांग्लादेश में प्रवेश कर सकते हैं.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

ढाका: बांग्लादेश सरकार ने भारत के साथ लगे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मोबाइल नेटवर्क को बंद कर दिया है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार इस कदम से क्षेत्र में करीब एक करोड़ लोग प्रभावित होंगे.

सरकार का दूरसंचार ऑपरेटरों को यह निर्देश भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम बनाने के कुछ दिन बाद आया है, जिसको लेकर ढाका में काफी चिंता है.

ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, सोमवार को ऑपरेटरों ने भारत के साथ लगी सीमाओं पर करीब एक किलोमीटर के भीतर नेटवर्क पर अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है.

बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं- ग्रामीण फोन, टेलीटॉक, रॉबी और बांग्लालिंक- को अपने आदेश में रविवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नेटवर्क कवरेज को देश की सुरक्षा के लिए अगले आदेश तक बंद रखा जाना चाहिए.

बीडीन्यूज 24 ने बीटीआरसी के अध्यक्ष जहुरुल हक के हवाले से कहा कि सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया और उसके बाद निर्देश जारी किए गए.

ढाका ट्रिब्यून से बातचीत में नाम न बताने की शर्त पर बीटीआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के इस आदेश से भारत और म्यांमार सीमा से लगे 32 जिलों के तकरीबन एक करोड़ मोबाइल उपभोक्ता प्रभावित होंगे. इन क्षेत्रों तकरीबन दो हजार मोबाइल टावर हैं.

रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने सरकार के इस फैसले पर अनभिज्ञता व्यक्त की.

कमाल ने कहा, ‘मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है. पहले मुझे इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने दें, फिर मैं टिप्पणी करूंगा.’

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में एक अधिकारी ने नाम न बताए जाने की शर्त पर कहा है कि यह निर्णय इस चिंता से लिया गया है कि भारत में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद भारतीय मुसलमान बांग्लादेश में प्रवेश कर सकते हैं.

भारत और बांग्लादेश चार हजार किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं.

द प्रिंट वेबसाइट ने 30 दिसंबर की अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोदी सरकार से लिखित आश्वासन मांगा है कि भारत से किसी भी अवैध प्रवासी की निकाला नहीं जाएगा.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इस सूचना के संबंध में प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिल सका है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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