नागरिकता क़ानून: प्रदर्शन के दौरान पटना में मारे गए युवक की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बीते 21 दिसंबर को बिहार की राजधानी पटना में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान 18 वर्षीय अमीर हंजला की हत्या कर दी गई थी. हिंसा के 10 दिन बाद उनका शव बरामद हुआ. हत्या के संबंध में पुलिस ने हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ़्तार किया है.

अमीर हंजला.

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बीते 21 दिसंबर को बिहार की राजधानी पटना में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान 18 वर्षीय अमीर हंजला की हत्या कर दी गई थी. हिंसा के 10 दिन बाद उनका शव बरामद हुआ. हत्या के संबंध में पुलिस ने हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ़्तार किया है.

अमीर हंजला.
अमीर हंजला.

पटना: ‘पिछले ही साल उसने मैट्रिक (हाईस्कूल) की परीक्षा पास की थी. कम उम्र (18 साल) में ही उसे जिम्मेदारी का एहसास हो गया था, इसलिए उसने आगे की पढ़ाई छोड़ दी और परिवार संभालने के लिए एक बैग रिपेयरिंग सेंटर में नौकरी करने लगा था.’

पटना के फुलवारी शरीफ के हारुन नगर के रोड नंबर 7 के आखिरी मकान के अहाते में गमगीन बैठे 54 वर्षीय सुहैल अहमद अपने बेटे अमीर हंजला के बारे में इतना कहकर खामोश हो जाते हैं.

अमीर हंजला की दिलचस्पी राजनीति में बिल्कुल भी नहीं थी. उनकी दुनिया बैग रिपेयरिंग सेंटर और घर के इर्द-गिर्द ही थी. उनके फेसबुक पेज पर भी राजनीति से जुड़ा एक पोस्ट नहीं मिला, सिवाय उनकी अपनी तस्वीरों के. लेकिन राजनीतिक और उन्मादी हिंसा ने उसकी सांसें छीन लीं.

अमीर हंजला ने पिछले साल उर्दू मीडियम से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. पिछले छह महीने से वह एक बैग रिपेयरिंग सेंटर में नौकरी कर रहे थे. सुहैल अहमद निजी कंपनी में काम करते थे, लेकिन अब उन्होंने नौकरी छोड़ दी है. अमीर अपने छह-भाई बहनों में चौथे नंबर पर थे और उसकी कमाई से परिवार को चलाने में काफी मदद मिल जाती थी.

बीते 21 दिसंबर से लापता अमीर हंजला का सड़ा-गला शव ब्लॉक कार्यालय से लगे एक जलाशय से 31 दिसंबर की सुबह छह बजे बरामद किया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, धारदार हथियार से उनके पेट पर दो जगह वार किया गया था और सिर पर किसी वजनदार चीज से मारा गया था. अन्य जख्मों के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं लिखा गया है, क्योंकि शव सड़ चुका था.

अमीर हंजला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट. (फोटो: उमेश कुमार राय)
अमीर हंजला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट. (फोटो: उमेश कुमार राय)

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के खिलाफ 21 दिसंबर को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार बंद का आह्वान किया था. पटना में इस बंद का असर हुआ था.

वो दिन अमीर के लिए किसी सामान्य दिन की तरह ही था. रोज की तरह उस दिन भी वह सुबह 10 बजे बैग रिपेयरिंग सेंटर के लिए निकल गए थे. लेकिन राजद के बंद के चलते सेंटर बंद हो गया था, तो वह राजद के जुलूस में शामिल हो गए. किसी ने उन्हें तिरंगा पकड़ा दिया था.

जुलूस के वीडियो में लाल रंग का स्वेटर पहने और हाथ में तिरंगा लिए अमीर की शिनाख्त करते हुए उसके भाई 30 वर्षीय मोहम्मद साहिल कहते हैं, ‘सुबह 11:45 बजे के आसपास उसने मुझे फोन कर पूछा कि क्या हम लोग भी उस जुलूस में आएंगे, तो मैंने इनकार कर दिया. उसके साथ ये मेरी आखिरी बातचीत थी. इसके बाद करीब एक बजे मैंने उसके मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था. हमें लगा कि वह वापस बैग रिपेरिंग सेंटर चला गया होगा, इसलिए उस वक्त उसकी खोजबीन नहीं की.’

अमीर अमूमन रात 8 बजे से पहले ही काम से घर लौट आता था, लेकिन उस दिन वह आठ बजे तक नहीं लौटा, तो उसके परिजनों ने दोबारा उसके मोबाइल पर कॉल लगाया, लेकिन मोबाइल फोन अब भी बंद था. इससे उन्हें संदेह हुआ.

साहिल बताते हैं, ‘तब हमने बैग रिपेयरिंग सेंटर के मालिक को फोन किया तो उन्होंने बताया कि वह तो राजद के जुलूस में शामिल हुआ था और उसके बाद सेंटर में आया ही नहीं.’

ये सुनकर अमीर के परिजनों का डर और गहरा गया और रात करीब 11 बजे वे लोग फुलवारी शरीफ थाने में शिकायत लिखवाने गए. परिजनों का कहना है कि उस वक्त पुलिस ने ये कहकर गुमशुदगी कि रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया कि वे थके हुए हैं और सीनियर पुलिस अफसर भी नहीं हैं. फिर भी किसी तरह परिजनों ने कागज पर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखकर थाने में जमा कर दिया.

गौरतलब हो कि 21 दिसंबर के राजद के बंद को लेकर फुलवारी शरीफ में खूब बवाल हुआ था. बताया जाता है कि राजद का जुलूस फुलवारी शरीफ से होकर गुजर रहा था, तभी संगत गली के पास सीएए और एनआरसी के समर्थकों के जवाबी जुलूस से उसकी भिड़ंत हो गई.

आरोप है कि एनआरसी समर्थकों की तरफ से पथराव और गोलीबारी भी की गई. हालात को बेकाबू होता देख पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा. पथराव व मारपीट में आधा दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. एसएसपी गरिमा मलिक के मुताबिक, मामले को लेकर 40 नामजद और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

वीडियो फुटेज में अमीर हंजला.
वीडियो फुटेज में अमीर हंजला.

जुलूस में हिंसक झड़प की खबर अमीर के परिवार के पास भी पहुंची थी, इसलिए उन्होंने सिर्फ गुमशुदगी रिपोर्ट के भरोसे बैठना मुनासिब नहीं समझा. अमीर के परिजनों ने पता लगाया कि झड़प में जख्मी लोग पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीए) और पटना एम्स में भर्ती हैं. ये लोगों तुरंत दोनों हॉस्पिटल पहुंचे और एक-एक कर सभी घायलों को देखा, लेकिन उनमें अमीर कहीं नहीं था.

अस्पताल में अमीर का न होना, परिवार के ज्यादा का चिंता का सबब बन गया. अगले दिन यानी 22 दिसंबर की सुबह अमीर के परिजन दोबारा थाने में गए और पूरी बात बताई.

उसी वक्त एसएसपी गरिमा मलिक ने एक टीम बनाई और मामले की पड़ताल शुरू की. पुलिस के अनुसार, अमीर के परिजनों को आश्वस्त किया गया कि जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा.

इस बीच अमीर के के परिजनों के पास उनसे जुड़ीं तरह-तरह की बुरी खबरें पहुंचती रहीं.

अमीर के भाई साहिल के मुताबिक, 22 दिसंबर की शाम को एक अज्ञात नंबर से उनके पास कॉल आया था. कॉल करने वाले ने बताया था कि उसकी हत्या कर दी गई है.

साहिल ने बताया, ‘हमने इसकी जानकारी पुलिस को दी. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने हालांकि इस आरोप को बेबुनियाद बताया है. पुलिस का कहना है कि बताई गई जगह वे लोग गए थे, लेकिन अमीर का कुछ पता नहीं चल सका.’

अमीर के परिजन एक हफ्ते तक इलाके में उसकी तस्वीर लेकर घूमते रहे ताकि कोई सुराग मिल जाए. साहिल बताते हैं, ‘तस्वीर के सहारे ढूंढते हुए अक्सर कुछ लोग ये कहते हुए मिले कि उसे तो मार दिया गया है.’

आरोपियों की निशानदेही पर शव बरामद

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अमीर हंजला केस में पहली लीड 30 दिसंबर को मिली, जब तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. उनसे पूछताछ की गई, तो उन्होंने अमीर हंजला की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली.

उनकी स्वीकारोक्ति के बाद पुलिस अमीर के पिता सुहैल के पास गए और शव की बरामदगी की सूरत में शिनाख्त करने के लिए अपने साथ चलने को कहा.

सुहैल बताते हैं, ‘30 दिसंबर की रात करीब 11 बजे पुलिस कर्मचारी मेरे घर आए और मुझे अपने साथ चलने को कहा. इसके बाद वे काफी समय तक जलाशय में शव ढूंढते रहे. 31 की सुबह 6 बजे के करीब शव की बरामदगी हुई. शव पूरी तरह सड़ चुका था, लेकिन मैंने उसकी शिनाख्त कर ली.’

अमीर के पिता सुहैल अहमद. (फोटो: उमेश कुमार राय)
अमीर के पिता सुहैल अहमद. (फोटो: उमेश कुमार राय)

फुलवारी शरीफ थाने के एसएचओ रफीकुर रहमान ने बताया, ‘अब तक छह आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और उन्होंने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं. हम लोग उनकी गिरफ्तारी के लिए भी अभियान चला रहे हैं.’

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आरोपियों ने बताया है कि अमीर की हत्या संगत गली में की गई थी और ऐसा लगता है कि आरोपियों को पता था कि अमीर सीएए व एनआरसी के विरोध में निकले जुलूस में शामिल था.’

झड़प के वक्त अमीर आरोपियों के हत्थे कैसे चढ़ गया, इस पर अमीर के भाई मो. साहिल कहते हैं, ‘हमें पता चला है कि हिंसा से बचने के लिए वह संगत गली में घुस गया था. उसी वक्त उन लोगों ने उसकी हत्या कर दी. अमीर के साथ एक और युवक को उन लोगों ने जख्मी कर दिया था, लेकिन वह किसी तरह भाग गया. हमें ये भी पता चला है कि वे लोग नाम पूछ कर मार रहे थे. संभवत: अमीर से भी उसका नाम पूछा गया होगा.’

हालांकि अमीर के पिता सुहैल इसे हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे की हत्या की खबर से हिंदू भी दुखी हैं. वे लोग भी हमारे पास आकर संवेदना जाहिर कर रहे हैं. मैं नहीं समझता ये हिंदू मुस्लिम का मामला है. हां, कुछ लोग हैं, जो कट्टर मानसिकता के हैं. वे ही हिंदुओं को बदनाम करना चाहते हैं.’

अमीर के परिजनों ने मामले की त्वरित सुनवाई कर अपराधियों को फांसी की सजा देने और सरकार से मुआवजे की मांग की है.

पुलिस के अनुसार, आरोपी हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े

पुलिस ने इस हत्या में गिरफ्तार आरोपितों की शिनाख्त नागेश सम्राट, रईस पासवान, चैतु महतो, सनोज महतो, विकास और दीपक कुमार के रूप में की है. सभी संगत गली के रहने वाले हैं.

पुलिस के मुताबिक, नागेश सम्राट हिंदूपुत्र नाम के संगठन से जुड़ा हुआ है, जबकि अन्य आरोपी का प्रत्यक्ष संबंध हिंदू समाज पार्टी से है. हिंदू समाज पार्टी की स्थापना हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी ने की थी. कमलेश तिवारी की हत्या पिछले लखनऊ में हो गई थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि कमलेश तिवारी संगत गली में कई बार आ चुके हैं.

नागेश सम्राट हिंदूपुत्र संगठन का राष्ट्रीय प्रचारक है. हिंदूपुत्र संगठन के प्रमुख राजीव महर्षि ने 23 दिसंबर को एक वीडिया जारी कर नागेश सम्राट की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए पुलिस को कटघरे में खड़ा किया है.

गौरतलब हो कि पिछले साल 18 मई को बिहार पुलिस के स्पेशल ब्रांच के एसपी ने सभी जिलों के डीएसपी को बिहार के जिन 18 हिंदुत्ववादी संगठनों के बारे में जानकारियां इकट्ठा करने को कहा था, उनमें हिंदूपुत्र संगठन भी शामिल था. इसके अलावा हिंदूपुत्र संगठन के खिलाफ हाजीपुर और पटना में भी कई शिकायतें दर्ज हैं.

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq