जम्मू कश्मीर के एक पुलिस अधिकारी को आतंकियों के साथ पकड़ा गया

पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह उस समय सुर्ख़ियों में आए थे जब संसद हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु ने साल 2004 में एक पत्र लिखकर दावा किया था कि सिंह ने उन्हें संसद हमले के लिए दिल्ली पहुंचाने और वहां रहने का इंतज़ाम करने की बात की थी.

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Srinagar: Policemen patrolling at Lal Chowk after restrictions were lifted, in Srinagar, Tuesday, Aug. 20, 2019. Barricades around the Clock Tower in Srinagar's city centre Lal Chowk were removed after 15 days, allowing the movement of people and traffic in the commercial hub, as restrictions eased in several localities while continuing in others. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI8_20_2019_000114B)
(फोटो: पीटीआई)

पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह उस समय सुर्ख़ियों में आए थे जब संसद हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु ने साल 2004 में एक पत्र लिखकर दावा किया था कि सिंह ने उन्हें संसद हमले के लिए दिल्ली पहुंचाने और वहां रहने का इंतज़ाम करने की बात की थी.

Srinagar: Policemen patrolling at Lal Chowk after restrictions were lifted, in Srinagar, Tuesday, Aug. 20, 2019. Barricades around the Clock Tower in Srinagar's city centre Lal Chowk were removed after 15 days, allowing the movement of people and traffic in the commercial hub, as restrictions eased in several localities while continuing in others. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI8_20_2019_000114B)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को बीते शनिवार को दो आतंकियों के साथ श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक गाड़ी में जाते वक्त पकड़ा गया. एनडीटीवी के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बताया है कि ये आतंकी दिल्ली जा रहे थे.

संवेदनशील श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह को कुलगाम जिले के वानपोह में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू के साथ पकड़ा गया. बाबू पर आरोप है कि वह पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में दक्षिण कश्मीर में ट्रक ड्राइवरों और मजदूरों सहित 11 गैर-स्थानीय श्रमिकों की हत्या में शामिल थे.

पिछले साल अगस्त महीने में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद ये हत्याएं कश्मीर के सेब उद्योग को निशाना बनाने और कश्मीर से गैर-कश्मीरियों को बाहर निकालने के लिए की गई थीं.

एनडीटीवी के मुताबिक पुलिस सूत्रों ने बताया है कि वे नवीद बाबू पर लगातार निगरानी रख रहे थे और जब उसने अपने भाई को कॉल किया तभी उसके लोकेशन का पता चला.

पुलिस ने एक वाहन को पकड़ा है जिसमें हिजबुल आतंकवादी, जो पहले एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) था, उनका साथी आसिफ और पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह वानपोह में यात्रा कर रहे थे.

दविंदर सिंह और नवीद बाबू की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद, पुलिस ने श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर में कई छापे मारे और सिंह और अन्य आतंकवादियों द्वारा छिपा कर रखे गए भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया है.

श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में देविंदर सिंह के घर पर पुलिस ने एक एके-47 राइफल और दो पिस्तौल बरामद किए. नवीद बाबू के कबूलनामे के आधार पर एक और एके राइफल और एक पिस्तौल बरामद की गई.

बता दें कि देविंदर सिंह उस समय सुर्खियों में आए थे जब संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने साल 2004 में एक पत्र लिखकर दावा किया था कि सिंह ने उन्हें संसद हमले के लिए दिल्ली पहुंचाने और वहां पर रहने के इंतजाम करने की बात की थी.

दविंदर की गिरफ्तारी के बाद कहा गया था कि उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है. यह भी बताया गया था कि दविंदर सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था, लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने इसका खंडन किया है.

जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोई वीरता पदक नहीं दिया गया था. उन्हें केवल 2018 के स्वतंत्रता दिवस पर पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य द्वारा उनकी सेवा के लिए बहादुरी पदक मिला था.

(नोट: इस खबर को अपडेट किया गया है.)

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