केंद्र सरकार ने बीटिंग द रिट्रीट की धुनों में से पारंपरिक ईसाई प्रार्थना गीत को हटाया

हर साल 29 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी के विजय चौक पर आयोजित होने वाले बीटिंग द रिट्रीट का समापन पारंपरिक रूप से महात्मा गांधी के पसंदीदा गीत 'एबाइड विद मी' गीत के साथ होता रहा है. इस साल समारोह के 'वंदे मातरम' के साथ समाप्त होने की संभावना है.

(फोटो: रॉयटर्स)

हर साल 29 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी के विजय चौक पर आयोजित होने वाले बीटिंग द रिट्रीट का समापन पारंपरिक रूप से महात्मा गांधी के पसंदीदा गीत ‘एबाइड विद मी’ गीत के साथ होता रहा है. इस साल समारोह के ‘वंदे मातरम’ के साथ समाप्त होने की संभावना है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने एक पारंपरिक ईसाई गीत ‘एबाइड विद मी’ को इस साल होने वाले बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटाने का फैसला किया है. यह धुन साल 1950 से वार्षिक समारोह में इस्तेमाल किया जाता था.

पारंपरिक रूप से इस समारोह का समापन महात्मा गांधी के पसंदीदा गीत ‘एबाइड विद मी’ गीत के साथ होता रहा है जिसे 19वीं शताब्दी में स्कॉटिश हेनरी फ्रांसिस लाइट ने लिखा था. इसमें संगीत विलियम हेनरी मॉन्क ने दिया था.

द हिंदू के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘धुन को इस साल हटा दिया गया है.’

अधिकारी ने आगे कहा, ‘हर साल धुनों की समीक्षा होती है. यह नई धुनों और अधिक भारतीय धुनों को जोड़ने पर जोर देने का प्रयास है.’

इस साल 29 जनवरी को विजय चौक पर आयोजित बीटिंग द रिट्रीट समारोह के ‘वंदे मातरम’ के साथ समाप्त होने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, ‘वंदे मातरम गाना भी महात्मा गांधी का पसंदीदा था.’

एक अन्य रक्षा अधिकारी ने कहा कि समारोह में लगभग 3-35 धुनें बजायी जाती हैं. समय-समय पर इन धुनों की क्रम संख्या की समीक्षा होती रहती है, जिसमें नई धुनें जोड़ी जाती हैं.

एक तीसरे अनाम अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पश्चिमी धुनों के स्थान पर भारतीय धुनों के इस्तेमाल के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया गया.

बीटिंग द रिट्रीट हर साल 29 जनवरी की शाम को राष्ट्रीय राजधानी के विजय चौक पर आयोजित किया जाता है और गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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