सीएए विरोधी प्रदर्शन मामले में भीम आर्मी के प्रमुख को सशर्त ज़मानत

अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी है. इनके अनुसार वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और न ही चुनावों तक यहां कोई धरना आयोजित कर सकेंगे. इससे पहले उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि उन्हें विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है.

Saharanpur: Bhim Army chief Chandrashekhar Azad after being released from Saharanpur Jail, in Saharanpur, Friday, Sept 14, 2018. Azad was arrested from Himachal Pradesh's Dalhousie in June last year in connection with the May 5 caste violence in which one person was killed and 16 others were injured at Shabbirpur village in Saharanpur. (PTI Photo) (PTI9_14_2018_000122B)
चंद्रशेखर आजाद. (फोटो: पीटीआई)

अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी है. इनके अनुसार वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और न ही चुनावों तक यहां कोई धरना आयोजित कर सकेंगे. इससे पहले उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि उन्हें विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है.

Saharanpur: Bhim Army chief Chandrashekhar Azad after being released from Saharanpur Jail, in Saharanpur, Friday, Sept 14, 2018. Azad was arrested from Himachal Pradesh's Dalhousie in June last year in connection with the May 5 caste violence in which one person was killed and 16 others were injured at Shabbirpur village in Saharanpur. (PTI Photo) (PTI9_14_2018_000122B)
चंद्रशेखर आजाद. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दे दी. उन पर 20 दिसंबर को जामा मस्जिद में नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप है.

तीस हजारी अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी. आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और न ही चुनावों तक यहां कोई धरना आयोजित कर सकेंगे.

न्यायाधीश ने चंद्रशेखर को 25 हजार रुपये का जमानत बांड पेश करने पर जमानत दी.

अदालत ने यह भी कहा कि सहारनपुर (चंद्रशेखर का घर) जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कही भी जाना चाहते हैं तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी.

न्यायाधीश ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है.

फैसला सुनाए जाने के दौरान चंद्रशेखर की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि भीम आर्मी के प्रमुख को उत्तर प्रदेश में खतरा है.

पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध के बाद पिछले साल 21 दिसंबर से चंद्रशेखर जेल में हैं. चंद्रशेखर को सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

चंद्रशेखर के संगठन भीम आर्मी ने 20 दिसंबर को पुलिस की अनुमति के बिना जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक अधिनियम के खिलाफ एक मार्च का आयोजन किया था. इस मामले में गिरफ्तार किए गए 15 अन्य लोगों को नौ जनवरी को अदालत ने जमानत दे दी थी.

इससे पहले बीते 14 जनवरी को चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार वकील को फटकार लगाते हुए कहा था कि भीम आर्मी प्रमुख को विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)