तीन महीने में कनॉट प्लेस, आनंद विहार में ‘स्मॉग टावर’ लगाएं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाए जाने के संबंध में एक ठोस योजना तैयार करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही छोटे और सीमातं किसानों को कृषि मशीनें मुफ्त या कम दामों में उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(फोटो: पीटीआई)

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाए जाने के संबंध में एक ठोस योजना तैयार करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही छोटे और सीमातं किसानों को कृषि मशीनें मुफ्त या कम दामों में उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(सुप्रीम कोर्ट: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वायु और जल प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न निर्देश जारी करने के साथ कनॉट प्लेस और आनंद विहार में ‘स्मॉग टावर’ लगाने की प्रायोगिक परियोजना के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को तीन महीने का समय दिया है.

वायु प्रदूषण को घटाने के लिए स्मॉग टावर लगाया जाता है. हवा को साफ करने के लिए इसमें कई तहों में फिल्टर लगे होते हैं.

जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार को तीन महीने के भीतर कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर लगाने का निर्देश दिया है.

पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के उल्लेख के मुताबिक आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाएं. दिल्ली सरकार सात दिन के भीतर प्रायोगिक टावर को लगाने के लिए 30 गुणा 30 मीटर जगह मुहैया कराए.

परियोजना के लिए केंद्र सरकार खर्च देगी हालांकि पर्यावरण और वन मंत्रालय को परियोजना की निगरानी करने का निर्देश दिया जाता है. तीन महीने के भीतर परियोजना को पूरा करें.

दिल्ली में आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता के संबंध में संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ ही दिल्ली में विभिन्न नमूनों की औचक जांच के बाद भारतीय मानक ब्यूरो को भी एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है.

प्लास्टिक, औद्योगिक और अन्य अपशिष्ट के कारण होने वाले प्रदूषण पर चिंता प्रकट करते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को सुनिश्चित करने को कहा है कि अपशिष्ट नहीं जलाये जायें. समय से अपशिष्ट हटाकर इसका निस्तारण करना चाहिए. राज्यों को छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. इसके साथ ही पिछले दिशानिर्देशों की अनुपालन रिपोर्ट भी जमा करनी होगी.

लाइव लॉ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाए जाने के संबंध में एक ठोस योजना तैयार करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही छोटे और सीमातं किसानों को कृषि मशीनें मुफ्त या कम दामों में उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)