देश के मौजूदा हालात देखकर लगता है कि हम सेकुलरिज़्म से दूर जा रहे हैं: सैफ़ अली ख़ान

अपनी हालिया फिल्म तानाजी को लेकर अभिनेता सैफ़ अली ख़ान ने कहा कि एक अभिनेता के रूप में फिल्म में उनका किरदार बहुत अच्छा है, लेकिन फिल्म में जो दिखाया गया है, वो इतिहास नहीं है. अंग्रेज़ों के आने से पहले ‘इंडिया’ का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था.

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Mumbai: Bollywood actor Saif Ali Khan attends the ‘GQ Men of the Year Awards’, in Mumbai, Thursday, September 27, 2018. (PTI Photo)(PTI9_28_2018_000049B)
Mumbai: Bollywood actor Saif Ali Khan attends the ‘GQ Men of the Year Awards’, in Mumbai, Thursday, September 27, 2018. (PTI Photo)(PTI9_28_2018_000049B)

अपनी हालिया फिल्म तानाजी को लेकर अभिनेता सैफ़ अली ख़ान ने कहा कि एक अभिनेता के रूप में फिल्म में उनका किरदार बहुत अच्छा है, लेकिन फिल्म में जो दिखाया गया है, वो इतिहास नहीं है. अंग्रेज़ों के आने से पहले ‘इंडिया’ का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था.

Mumbai: Bollywood actor Saif Ali Khan attends the ‘GQ Men of the Year Awards’, in Mumbai, Thursday, September 27, 2018. (PTI Photo)(PTI9_28_2018_000049B)
सैफ़ अली ख़ान (फोटोः पीटीआई)

मुंबईः बॉलीवुड अभिनेता सैफ़ अली ख़ान ने देश के मौजूदा हालात पर अपने विचार रखते हुए कहा कि फिलहाल देश में जो माहौल है, उसे देखकर दुख होता है.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सैफ़ ने कहा, ‘देश के लोग जो रवैया अपना रहे हैं वह गलत है. ये रवैया हमें भाईचारे के रास्ते से दूर कर रहा है.’

सैफ़ ने रविवार को एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि देश के मौजूदा हालात देखकर लगता है कि हम सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे हैं और मुझे कोई भी इसके लिए लड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.

उन्होंने कहा कि एक अभिनेता होने के नाते मेरे लिए कोई भी स्टैंड लेना सही नहीं है क्योंकि इससे फिल्में बैन हो सकती हैं, जिससे फिल्म की कमाई पर असर पड़ता है.

उन्होंने कहा इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के लोग अपने बिजनेस और अपने परिवार को खतरे में नहीं डालना चाहते और किसी भी तरह की राजनीतिक टिप्पणी करने से बचते हैं.

फिल्म ‘तानाजीः अनसंग वॉरियर’ में निगेटिव किरदार में नजर आए सैफ़ ने यह भी कहा कि एक अभिनेता के रूप में फिल्म में मेरा किरदार बहुत अच्छा है, लेकिन कोई इसे इतिहास कहे तो मैं नहीं मानता.

उन्होंने कहा कि फिल्म में जो दिखाया गया है, वो इतिहास नहीं है.

सैफ़ ने कहा, ‘इतिहास क्या है, मैं इसे जानता हूं लेकिन अगर कोई कहे कि फिल्म में जो दिखाया गया है वह इतिहास है तो मैं इसे नहीं मानता.’

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले ‘इंडिया’ का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था. मुझे नहीं लगता कि इसके बारे में जोर-शोर से बहस करने में कोई तुक है.

सैफ़ ने फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ को गलत बताते हुए कहा, ‘कुछ वजहों से मैं कोई स्टैंड नहीं लेता हूं. हो सकता है कि अगली बार करूं. मैं रोल को लेकर बहुत उत्साहित था, क्योंकि यह बहुत दिलचस्प था लेकिन जब लोग कहते हैं कि यह इतिहास है, मैं नहीं मानता कि यह इतिहास है. मैं अच्छी तरह जानता हूं कि इतिहास क्या है.’

फिल्म इंडस्ट्री में तानाजी जैसी फिल्में क्यों बना रही है? इसके बारे में बात करते हुए सैफ़ ने कहा, ‘यही चलता है और इसलिए यह आइडिया चल पड़ा है. मैं वास्तव में ऐसी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा होना पसंद करूंगा जो एक स्टैंड लें, जो लोगों को बताए कि इतिहास क्या है, ना कि निश्चित प्रकार की सोच के साथ इससे छेड़छाड़ करे लेकिन लोग कहते हैं कि यह चलता है. यह एक आइडिया है जो चल निकला है, लेकिन यह वास्तव में खतरनाक है.’

सैफ़ ने कहा, ‘मैं लोकतंत्र को लेकर इंडस्ट्री में किसी को लड़ते हुए नहीं देख रहा हूं लेकिन स्टूडेंट्स लड़ रहे हैं. फिल्म इंडस्ट्री का कोई स्टैंड नहीं ले पाता, हो सकता है उनकी फिल्म बैन कर दी जाए.’

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