नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शन को नंदिता दास का समर्थन, कहा- देश में हर जगह शाहीन बाग बन रहे हैं

अभिनेत्री नंदिता दास ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि यह बांटने वाला कानून है.

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CANNES: Director Nandita Das poses for photographers during a photo call for the film 'Manto' at the 71st international film festival, Cannes, southern France, Monday, May 14, 2018. AP/PTI(AP5_14_2018_000121B)
CANNES: Director Nandita Das poses for photographers during a photo call for the film 'Manto' at the 71st international film festival, Cannes, southern France, Monday, May 14, 2018. AP/PTI(AP5_14_2018_000121B)

अभिनेत्री नंदिता दास ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि यह बांटने वाला कानून है.

CANNES: Director Nandita Das poses for photographers during a photo call for the film 'Manto' at the 71st international film festival, Cannes, southern France, Monday, May 14, 2018. AP/PTI(AP5_14_2018_000121B)
नंदिता दास. (फाइल फोटो: पीटीआई)

जयपुर: अभिनेत्री एवं निर्देशक नंदिता दास ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि यह बांटने वाला कानून है. देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है.

जयपुर साहित्य उत्सव (जेएलएफ), 2020 के पहले दिन यहां पत्रकार वार्ता में नंदिता दास ने सीएए और एनआरसी के बढ़ते विरोध को उचित ठहराते हुए कहा कि दिल्ली की तरह शाहीन बाग देश में हर जगह बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों ने इसके विरोध में आवाज उठाई है.

दास ने कहा कि यह ऐसा कानून है जिसके जरिए आपसे भारतीय होने का सबूत मांगा जा रहा है. साथ ही कहा कि यह संदेश देने का नहीं, बल्कि सोचने का वक्त है कि हम किस तरह का समाज चाहते हैं. उन्होंने इस मामले में राजनीति नहीं करने की भी बात कही.

दास ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि आर्थिक हालात बदतर होते जा रहे है. देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है.

फिल्म निर्देशक नंदिता दास ने कहा, ‘हमने संभवत: पिछले 50 सालों में ऐसी बेरोजगारी नहीं देखी. अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है. जो कुछ चल रहा है, अंतरराष्ट्रीय अखबार इसके बारे में लिख रहे हैं. ये पहला ऐसा मौका है जब हमें धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे संविधान ने हमें समानता का अधिकार दिया है. आप किसी भी जाति, लिंग या धर्म के हो सकते हैं लेकिन आप संविधान के तहत समान हैं. और यदि आप उस समानता में विश्वास करते हैं, तो आप किसी भी प्रकार का अलगाव नहीं देखना चाहेंगे.’

गौरतलब है कि सीएए और एनआरसी को लेकर स्वरा भास्कर, अनुराग कश्यप जैसी कई बालीवुड हस्तियां विरोध कर रही हैं. स्वरा भास्कर शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के समर्थन के लिए उनके बीच भी पहुंची थीं. इसी कड़ी में नया मान अब नंदिता दास का जुड़ गया है.

उन्होंने कहा कि यह बड़ी बात है कि फिल्म बिरादरी के लोगों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ बोला है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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