भोपाल गैस पीड़ितों के लिए बने अस्पताल के 15 में से 14 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफ़ा

भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से इस्तीफ़ा देने वाले डॉक्टर प्रमोशन नही मिलने से नाराज़ हैं. अस्पताल की निदेशक ने कहा कि डॉक्टरों की मांग पर ग़ौर किया जा रहा है.

गैस पीड़ितों के लिए बना सबसे बड़ा अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर. (फोटो: दीपक गोस्वामी)

भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से इस्तीफ़ा देने वाले डॉक्टर प्रमोशन नही मिलने से नाराज़ हैं. अस्पताल की निदेशक ने कहा कि डॉक्टरों की मांग पर ग़ौर किया जा रहा है.

गैस पीड़ितों के लिए बने सबसे बड़े अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर. (फोटो: दीपक गोस्वामी)
गैस पीड़ितों के लिए बने सबसे बड़े अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर. (फोटो: दीपक गोस्वामी)

भोपाल: मध्य प्रदेश में भोपाल गैस पीड़ितों के इलाज के लिए बनाए गए अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के एक और डॉक्टर ने गुरुवार को अपना इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही अब तक कुल 14 डॉक्टर अपना इस्तीफा दे चुके हैं.

डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी प्रमोशन पॉलिसी लागू नहीं किए जाने से नाराज थे. इस बारे में लंबे अरसे से प्रबंधन से इनकी बातचीत भी जारी थी.

रिपोर्ट के अनुसार, इन दिनों अस्पताल में प्रोफेसर समेत अन्य कुछ पदों पर भर्ती की जा रही है. इस्तीफा देने वाले सभी एसोसिएट प्रोफेसर हैं और उनका दूसरा प्रमोशन पेंडिंग है. इनका कहना है कि प्रोफेसर पद पर प्रमोशन किया जाए फिर नियुक्ति की जाए, इससे वरिष्ठता बनी रहेगी.

फिलहाल एक महीने तक ये डॉक्टर अस्पताल में सेवाएं देते रहेंगे.

बीएमएचआरसी के एक वरिष्ठ सर्जन ने बताया कि संस्थान के कुल 15 डॉक्टरों में से 13 ने बुधवार को इस्तीफा दिया जबकि बृहस्पतिवार को एक और डॉक्टर के इस्तीफे के साथ ही कुल 14 डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. हमने बृहस्पतिवार सुबह इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक को इस संबंध में ई-मेल कर दिया है.

उन्होंने कहा कि बार-बार की दलीलों के बावजूद अस्पताल प्रबंधन डॉक्टरों को पदोन्नति नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमारे पास मरीजों के उपचार के लिए दवाएं और सर्जिकल उपकरण नहीं हैं.

डॉक्टर ने आरोप लगाया कि कई दफा स्थिति इस प्रकार हो जाती है कि हमें ऑपरेशन की लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है.

इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए कई दफा संपर्क करने के बावजूद बीएमएचआरसी की निदेशक प्रभा देसिकन से संपर्क नहीं हो सका.

एक सूत्र ने बताया कि अस्पताल में लगभग 4,000 बाह्यरोगी मरीज आते हैं. यह अस्पताल भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को समुचित उपचार की सुविधा देने के उद्देश्य से बनाया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस्तीफा देने वालों में यूरोलॉजी, नेत्र विज्ञान, ऑन्कोलॉजी, पैथोलॉजी, न्यूरोलॉजी और पल्मोनोलॉजी विभाग के सलाहकार और डॉक्टर शामिल हैं.

डॉक्टरों के इस्तीफे के संदर्भ में भोपाल गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले सतीनाथ सारंगी ने कहा, ‘यह बीएमएचआरसी जैसे डूबते जहाज के लिए आखिरी झटका है. यह समय जब आईसीएमआर डीजी को गैस पीड़ितों से जुड़े इस संकट की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’

रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव को बार-बार कॉल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिल सका.

प्रतिदिन 2000 से अधिक ओपीडी के साथ यहां 350 बेड हैं और अस्पताल का वार्षिक बजट 120 करोड़ रुपये से अधिक है. बीएमएचआरसी की निदेशक डॉ. प्रभा देसिकन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ‘डॉक्टरों की पदोन्नति की मांग पर गौर किया जा रहा है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25