बजट 2020: मौजूदा वित्त वर्ष के लिए गंगा सफाई के बजट में 50 फीसदी की कटौती

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण का बजट घटाकर सिर्फ एक लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बजट में करीब 30 फीसदी की कटौती की गई है.

/
गंगा नदी (फोटो: रॉयटर्स)

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण का बजट घटाकर सिर्फ एक लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बजट में करीब 30 फीसदी की कटौती की गई है.

गंगा नदी (फोटो: रॉयटर्स)
गंगा नदी. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: गंगा सफाई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक रही है. लेकिन इसे लागू करने की खराब स्थिति के चलते सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इसके बजट में करीब 50 फीसदी की कटौती की है. इसके अलावा घाटों के सौंदर्यीकरण की योजना के बजट को करीब-करीब खत्म कर दिया गया है.

पिछले साल जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय (अब जल शक्ति मंत्रालय) को राष्ट्रीय गंगा नीति के लिए 700 करोड़ रुपये और घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.

हालांकि बीते शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष (2019-20) के लिए राष्ट्रीय गंगा नीति का बजट करीब 50 फीसदी घटाकर 353.40 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण के लिए घाट के कामों का बजट घटाकर सिर्फ दो लाख रुपये कर दिया गया है.

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए गंगा सफाई का बजट बढ़ाकर 800 करोड़ रुपये कर दिया गया है. हालांकि पिछले साल इस दिशा में सही से खर्च नहीं होने के कारण इस राशि के खर्च को लेकर संदेह है. इससे पहले नमामी गंगे के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में 2250 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था.

लेकिन सरकार इसमें से सिर्फ 687.50 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाई. शायद इसी वजह से वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण का बजट सिर्फ एक लाख रुपये रखा गया है.

जल शक्ति मंत्रालय के अन्य प्रमुख योजनाओं के बजट में भी कटौती की गई है. मंत्रालय के बड़े सिंचाई परियोजनाओं के लिए पिछले साल 209.38 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. हालांकि इसे संशोधित करके अब 123.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इस परियोजना के तहत फरक्का बराज प्रोजेक्ट तथा बांध पुनर्वास और सुधार कार्यक्रम जैसी प्रमुख योजनाएं आती हैं.

फरक्का बराज के लिए 134.25 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था जिसे मौजूदा वित्त वर्ष के लिए घटाकर 116.40 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं 2019-20 के लिए बांध पुनर्वास और सुधार कार्यक्रम के तहत 89.37 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था, जिसे कम करके 52 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

खास बात ये है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी बांध पुनर्वास योजना का बजट घटाकर 55 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

इसके अलावा राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बजट में करीब 30 फीसदी की कटौती की गई है. पिछले साल इसके लिए 1220 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. लेकिन वित्त 2020-21 में इस योजना का बजट घटाकर 840 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

नदी बेसिन प्रबंधन के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था जिसे कम करके 161.54 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

वहीं मोदी सरकार की बहुप्रचारित महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी’ योजना का भी यही हाल है. पिछले साल के मुताबले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इसका बजट 1069.55 करोड़ रुपये से घटाकर 1050.50 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इस योजना के तहत महत्वपूर्ण प्रभाव आंकलन अध्ययन के लिए एक करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था.

लेकिन इतनी भी राशि खर्च नहीं कर पाने की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इसे घटाकर 60 लाख रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आवंटन पिछले साल के बराबर एक करोड़ रुपये ही है.

हाल ही में लॉन्च किए गए अटल भूजल योजना के लिए जल शक्ति मंत्रालय को 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत नाबार्ड द्वारा राज्यों को लोन पर ब्याज में राहत वाली योजना का बजट वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 360 करोड़ रुपये था. लेकिन अब इसे घटाकर 241.26 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी इसमें कटौती की गई है और इसका बजट 300 करोड़ रुपये ही रखा गया है.

महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे सूखा प्रभावित जिलों में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए चलाई जा रही योजना के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में 500 करोड़ रुपये का खर्चा आया था. लेकिन बावजूद इसके सरकार ने 2019-20 के बजट में इसका आवंटन कम कर 300 करोड़ रुपये कर दिया था.

अब वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी सरकार ने फंडिंग में कटौती की है और योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का ही बजट रखा है.

pkv games bandarqq dominoqq