जम्मू कश्मीर: उमर-महबूबा के बाद अब पूर्व आईएएस शाह फैसल पर लगा पीएसए

पूर्व नौकरशाह और कश्मीरी नेता शाह फैसल को अगस्त 2019 में दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ान भरने से रोके जाने के बाद श्रीनगर ले जाया गया था, तब से वे हिरासत में हैं. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनकी हिरासत को सही ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया था.

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Srinagar: IAS officer Shah Faesal addresses a press conference after announcing his resignation, in Srinagar, Friday, Jan. 11, 2019. Faesal, who has been in the limelight since becoming the first Kashmiri to top the civil services exam in 2009, announced his resignation on January 9 through social media to protest the "unabated" killings in Kashmir and the marginalisation of Indian Muslims.(PTI Photo)(PTI1_11_2019_000092B)
Srinagar: IAS officer Shah Faesal addresses a press conference after announcing his resignation, in Srinagar, Friday, Jan. 11, 2019. Faesal, who has been in the limelight since becoming the first Kashmiri to top the civil services exam in 2009, announced his resignation on January 9 through social media to protest the "unabated" killings in Kashmir and the marginalisation of Indian Muslims.(PTI Photo)(PTI1_11_2019_000092B)

पूर्व नौकरशाह और कश्मीरी नेता शाह फैसल को अगस्त 2019 में दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ान भरने से रोके जाने के बाद श्रीनगर ले जाया गया था, तब से वे हिरासत में हैं. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनकी हिरासत को सही ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया था.

Srinagar: IAS officer Shah Faesal addresses a press conference after announcing his resignation, in Srinagar, Friday, Jan. 11, 2019. Faesal, who has been in the limelight since becoming the first Kashmiri to top the civil services exam in 2009, announced his resignation on January 9 through social media to protest the "unabated" killings in Kashmir and the marginalisation of Indian Muslims.(PTI Photo)(PTI1_11_2019_000092B)
शाह फैसल. (फोटो साभार: पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है.

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में बंद फैसल के खिलाफ शुक्रवार रात को पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की ‘एहतियातन हिरासत’ की मियाद खत्म होने से महज कुछ ही घंटे पहले छह फरवरी की रात को दोनों नेताओं के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पीएसए के तहत दो प्रावधान हैं – लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा. पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.

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फैसल को पिछले साल 13 और 14 अगस्त की बीच रात में दिल्ली हवाईअड्डे पर इस्तांबुल के लिए उड़ान भरने से पहले रोक दिया गया था और उन्हें श्रीनगर ले जाया गया था, जहां उन्हें हिरासत में लिया गया था.

इसके बाद उनके द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनकी हिरासत को उचित ठहराते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया.

फैसल ने याचिका में आरोप लगाया था कि उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली हवाई अड्डे पर अवैध तरीके से रोका गया और वापस श्रीनगर भेज दिया जहां उन्हें नजरबंद कर दिया गया था.

इससे पहले जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा और अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद शाह फैसल उन 40 स्थानीय नेताओं में शामिल थे, जिन्हें श्रीनगर में नजरबंद रखा गया था.

35 वर्षीय शाह फैसल एक प्रशिक्षित डॉक्टर है और उन्होंने जनवरी 2019 में आईएएस पद से इस्तीफा दिया था.

2010 सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया टॉपर रहे पहले कश्मीरी आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने ‘कश्मीर में हो रही हत्याओं, हिंदुत्ववादियों द्वारा भारतीय मुसलमानों को हाशिये पर धकेलने, असहिष्णुता और बढ़ती नफ़रत’ का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया.

पूर्व नौकरशाह ने आईएएस से इस्तीफा देने के बाद ‘जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट’ पार्टी का गठन किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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