दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट ने आधी रात को सुनवाई की, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश

दिल्ली के मुस्तफाबाद के एक अस्पताल में कई घायल भर्ती हैं, जिन्हें बेहतर इलाज की जरूरत है और इसलिए इन्हें सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की गई थी.

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फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा. (फाइल फोटो: पीटीआई)
New Delhi: Vehicles set ablaze as protestors throw brick-bats during clashes between a group of anti-CAA protestors and supporters of the new citizenship act, at Jafrabad in north-east Delhi, Monday, Feb. 24, 2020. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI2_24_2020_000218B) *** Local Caption ***
(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान दो गुटों के बीच हुई हिंसा में घायलों को सुरक्षा और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई हुई.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराए.

जस्टिस एस. मुरलीधर के आवास पर मंगलवार देर रात 12.30 बजे यह विशेष सुनवाई शुरू हुई.

जस्टिस एस. मुरलीधर को एक वकील ने घायलों को छोटे अस्पतालों से जीटीबी अस्पताल नहीं ले जा पाने की मुश्किल परिस्थितियों के बारे में बताया था, जिसके बाद देर रात को यह सुनवाई हुई.

आज दोपहर दो बजे इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी. सुनवाई में पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया.

बता दें कि, दिल्ली के मुस्तफाबाद के एक अस्पताल में कई घायल भर्ती हैं, जिन्हें बेहतर इलाज की जरूरत है और इसलिए इन्हें सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की गई थी.

सुनवाई के दौरान जज मुरलीधर ने रात में ही अस्पतालों के डॉक्टरों और डीसीपी से बातचीत की और स्टेटस रिपोर्ट मांगी.

जज मुरलीधर ने फोन पर ही डीसीपी को निर्देश दिए कि वह घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराएं और उनकी सुरक्षा का विशेष ख्याल रखें.

बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक लोग घायल हैं.

बीते रविवार से ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोगों की भीड़ लाठी-डंडे, रॉड और छड़ी लेकर घूम रहे हैं और मुसलमानों के घर और दुकानें जला रहे हैं. हालांकि, जब उपद्रवियों की भीड़ ने सड़कों पर दंगा किया और लोगों पर हमला कर रही थी तब दिल्ली पुलिस ज्यादातर मूकदर्शक बनकर देख रही थी.

हिंसा को देखते हुए कई इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है. खासकर मौजपुर, कर्दमपुरी, चांद बाग, दयालपुर जैसे इलाकों में ज्यादा निगरानी की जा रही है. पत्थरबाजी की खबरें आने के बाद खजूरी खास इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को उतार दिया गया है.

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