राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर भगवाधारी समूह ने लगाया ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ का नारा

भगवा रंग की टी-शर्ट और कुर्ते पहने पांच से छह व्यक्तियों ने उस समय नारे लगाने शुरू कर दिए जब ट्रेन राजीव चौक स्टेशन पर रुकने ही वाली थी. ट्रेन से उतरने के बाद भी इन लोगों ने सीएए के समर्थन में और ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो...’ जैसे नारे लगाए. सीआईएसएफ के जवानों ने इन व्यक्तियों को रोककर उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

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Guest wait to board the first underground metro train after its inauguration by Prime Minister Manmohan Singh, in New Delhi, December 19, 2004. The technology used to run the metro system is so advanced there is no possibility of a train wreck, the chief of the project has claimed. New Delhi aims to have 62 kilometres of track running by December 2005 with a capacity of two million passengers a day. REUTERS/Kamal Kishore KK/LA

भगवा रंग की टी-शर्ट और कुर्ते पहने पांच से छह व्यक्तियों ने उस समय नारे लगाने शुरू कर दिए जब ट्रेन राजीव चौक स्टेशन पर रुकने ही वाली थी. ट्रेन से उतरने के बाद भी इन लोगों ने सीएए के समर्थन में और ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ जैसे नारे लगाए. सीआईएसएफ के जवानों ने इन व्यक्तियों को रोककर उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

Guest wait to board the first underground metro train after its inauguration by Prime Minister Manmohan Singh, in New Delhi, December 19, 2004. The technology used to run the metro system is so advanced there is no possibility of a train wreck, the chief of the project has claimed. New Delhi aims to have 62 kilometres of track running by December 2005 with a capacity of two million passengers a day. REUTERS/Kamal Kishore  KK/LA
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर एक ट्रेन में और राजीव चौक स्टेशन पर शनिवार को कुछ युवाओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में नारे लगाए. उन्होंने ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ जैसे नारे लगाए.

मौके पर मौजूद एक संवाददाता के अनुसार भगवा रंग की टी-शर्ट और कुर्ते पहने पांच से छह व्यक्तियों ने उस समय नारे लगाने शुरू कर दिए जब ट्रेन स्टेशन पर रुकने ही वाली थी.

ट्रेन से उतरने के बाद भी इन लोगों ने सीएए के समर्थन में और ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ जैसे नारे लगाए. इस नारेबाजी से ये लोग यह संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि देश का युवा बाहर निकलकर सीएए का समर्थन कर रहा है.

मेट्रो में सफर कर रहे कुछ यात्रियों ने जहां उनके साथ नारे लगाने शुरू कर दिए, वहीं कुछ यात्री घटना का वीडियो बनाने लगे.

स्टेशन पर मौजूद बहुत से यात्री अचानक हुई इस घटना को स्तब्ध होकर देख रहे थे.

दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा देखने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों ने प्रदर्शन कर रहे व्यक्तियों को रोका और उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

सीआईएसएफ ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, ‘29 फरवरी को सुबह 10.25 बजे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर छह युवा नारे लगाते दिखाई दिए. उन्हें तुरंत सीआईएसएफ द्वारा रोका गया और आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों को सौंप दिया गया. मेट्रो रेल का परिचालन जारी रहा.’

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि युवा सीएए के समर्थन में नारे लगा रहे थे.

पुलिस उपायुक्त (मेट्रो) विक्रम पोरवाल ने कहा, ‘हमने छह व्यक्तियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.’

नारेबाजी की उक्त घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर कुछ यात्री नारे लगाते दिख रहे हैं. इस वीडियो के संदर्भ में यह जानकारी दी जाती है कि घटना आज सुबह मेट्रो स्टेशन पर हुई और डीएमआरसी तथा सीआईएसएफ कर्मियों ने आगे की कार्रवाई के लिए नारे लगाने वालों को तुरंत दिल्ली मेट्रो रेल पुलिस को सौंप दिया.’

दिल्ली मेट्रो (परिचालन एवं रखरखाव) अधिनियम 2002 के तहत दिल्ली मेट्रो परिसर के अंदर किसी भी प्रकार का प्रदर्शन या शोर-शराबा प्रतिबंधित है.

कानून के मुताबिक इस प्रकार की गतिविधि में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को मेट्रो परिसर से बाहर निकाला जा सकता है.

बता दें कि, ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ जैसे नारे को सबसे पहले सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने लगाए थे. इसके बाद दिल्ली चुनाव के दौरान एक रैली में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मंच से यह नारा लगाया था.

दिल्ली में दंगे भड़कने के बाद भड़काऊ भाषणों पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न करने पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते 26 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी और पुलिस से 24 घंटे में इस पर फैसला करने के लिए कहा था.

हालांकि, उसी रात मामले की सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में तबादले का आदेश केंद्र सरकार ने जारी कर दिया और मामला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास चला गया.

27 फरवरी को हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि भड़काऊ भाषणों पर कार्रवाई का यह सही समय नहीं है. इसके बाद एफआईआर दर्ज का फैसला करने पर हाईकोर्ट ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दे दिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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