कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के बावजूद केंद्र ने पेट्रोल-डीज़ल पर तीन रुपये टैक्स बढ़ाया

कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने लोगों को फायदा देने की बजाय पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क तीन रुपये बढ़ा दिया. इसका सबसे ज़्यादा नुकसान आम लोगों, किसानों और ट्रांसपोर्टर हो होगा. इससे महंगाई बढ़ेगी.

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(फोटो: रॉयटर्स)

कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने लोगों को फायदा देने की बजाय पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क तीन रुपये बढ़ा दिया. इसका सबसे ज़्यादा नुकसान आम लोगों, किसानों और ट्रांसपोर्टर हो होगा. इससे महंगाई बढ़ेगी.

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नई दिल्ली: कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भाव में बड़ी गिरावट के बावजूद केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है. केंद्र सरकार ने शनिवार को पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) और रोड सेस मिलाकर कुल तीन रुपये प्रति लीटर की दर से बढ़ा दिया है.

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 8 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि डीजल पर 4 रुपये विशेष उत्पाद शुल्क लगाया गया है.

इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला रोड सेस भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है.

उत्पाद शुल्क और रोड सेस में बढ़ोतरी का नतीजा सामान्य तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के रूप में सामने आता है.

रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले कई दिनों ईंधन की कीमतों में लगातार कटौती की थी. इसके चलते दिल्ली में पेट्रोल के दाम करीब 10 महीने के निचले स्तर 70 रुपये प्रति लीटर पर आ गए थे.

इसके अलावा कोरोना वायरस और अमेरिका-रूस में एक-दूसरे से ज्यादा तेल उत्पादन की लगी होड़ के कारण कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है. इससे पेट्रोल-डीजल की लागत बहुत कम हो गई है, लेकिन केंद्र सरकार ने कीमत घटाने के बजाय उसमें बढ़ोतरी कर दी है.

रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट 1991 के बाद सबसे ज्यादा है. 2008 की मंदी के दौरान भी कच्चे तेल के दाम लुढ़के थे. इस हफ्ते ब्रेंट क्रूड का दाम 28 फीसदी लुढ़का है. इससे पहले 18 जनवरी, 1991 वाले हफ्ते में कच्चे तेल का भाव 29 फीसदी लुढ़का था. इसी तरह से डब्ल्यूटीआई (वर्ल्ड टैक्सेस इंटरमीडिएट- कच्चे तेल की एक श्रेणी जिसे तेल मूल्य निर्धारण में बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.) इस सप्ताह 25 फीसदी की गिरावट के लिए तैयार है. इससे पहले 19 दिसंबर, 2008 वाले हफ्ते में कच्चे तेल के दाम गिरे थे.

पेट्रोल-डीजल की कीमत कम की जाए, संसद के भीतर और बाहर बनाएंगे सरकार पर दबाव: कांग्रेस

कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और रोड सेस को लेकर तीन रुपये की बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार पर दबाव बनाएगी.

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करे और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार ने लोगों को फायदा देने की बजाय उत्पाद शुल्क तीन रुपये बढ़ा दिया. सरकार को इससे 40 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा. कच्चे तेल की कीमत कम होने से सरकार को पहले ही 3.4 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हो चुका है.’

उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों, किसानों और ट्रांसपोर्टर हो होगा. इससे महंगाई बढ़ेगी.

माकन ने सवाल किया, ‘सरकार कह रही है कि उपभोक्ता को अतिरिक्त पैसे नहीं देने पड़ेंगे, लेकिन हमारा कहना है कि जब कच्चे तेल की कीमत इतनी ज्यादा गिर गई है तो उपभोक्ता को राहत क्यों नहीं मिल रही है?’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की जाए. इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए और उत्पाद शुल्क की दर को 2014 के स्तर पर लाया जाए.’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार पर दबाव बनाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)