ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉनफेडरेशन ने एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कथित रूप से फटकार लगाए जाने की ओलाचना की. हालांकि इसके बाद सीतारमण ने एक ट्वीट किया, जिसमें एआईबीओसी द्वारा ईमेल करके अपना बयान वापस लेने की जानकारी दी गई थी.
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और उसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक को हृदयहीन और असक्षम बताया. एसबीआई और उसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सीतारमण ने यह टिप्पणी इसलिए कि क्योंकि असम में चाय बागान कामगारों के करीब 2.5 लाख बैंक खाते चालू नहीं थे.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वह 27 फरवरी को गुवाहाटी में एक वित्तीय समावेशन आउटरीच कार्यक्रम में बोल रही थीं, जिसे वित्तीय सेवा विभाग के साथ राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों (एसएलबीसी) द्वारा आयोजित किया गया था.
घटना के एक ऑडियो क्लिप में सीतारमण पूछती हैं कि कैसे जल्द ही खातों को चालू किया जा सकता है. इस पर एक एसबीआई अधिकारी को यह कहते हुए सुना जाता है कि बैंक को इन खातों को चालू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कुछ मंजूरी की आवश्यकता है और यह एक सप्ताह के भीतर किया जा सकता है.
यह सुनते ही वित्त मंत्री बेहद सख्ती से कहती हैं, ‘मेरे धैर्य की परीक्षा न लें…मेरे धैर्य की परीक्षा न लें. एसबीआई के अध्यक्ष आप मुझसे इस मामले पर दिल्ली में मिलेंगे और मैं इसे नहीं जाने दे रही हूं. यह काम न करने की लापरवाही है. मैं आपको विफलता के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराती हूं और मैं आपके साथ विस्तार से बातचीत करूंगी. (आपको) खातों को चालू करवाना चाहिए और चाय बागानों के श्रमिकों में से किसी को भी आपकी जिद्द के कारण नुकसान नहीं होना चाहिए.’
इस दौरान एसएलबीसी की बैठक में असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के साथ केंद्र और राज्य के कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
वहीं, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉनफेडरेशन (एआईबीओसी) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कथित रूप से फटकार लगाए जाने की ओलाचना की है.
संगठन ने कहा, ‘उन्होंने (वित्त मंत्री ने) रजनीश कुमार (एसबीआई के चेयरमैन) की तीखी आलोचना की और उनपर आरोप लगाया कि वह ऋण देने में, विशेष रूप से असम के चाय बगान कामगारों को रिण देने में, असफल रहे हैं.’
संगठन ने 13 मार्च की तारीख वाले एक बयान में कहा कि ऑडियो क्लिप के माध्यम से सामने आयी गुवाहाटी की इस घटना की, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार को फटकार लगायी थी…की कड़ी निंदा की जाती है. संगठन ने कहा कि यह क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है.
एआईबीओसी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि 27 फरवरी, 2020 को गुवाहाटी में आयोजित एसबीआई वित्तीय समावेशन संपर्क कार्यक्रम में असम के वित्त मंत्री और डीएफएस के अन्य अधिकारियों तथा अन्य बैंकों के प्रमुखों की उपस्थिति में वित्त मंत्री ने एसबीआई और उसके चेयरमैन रजनीश कुमार की काफी आलोचना की.
एआईबीओसी बैंक अधिकारियों का सबसे बड़ा संगठन है और इसकी सदस्य संख्या करीब तीन लाख 20 हजार की हैहिमंता
संगठन का दावा है कि वित्त मंत्री ने एसबीआई को ‘हृदयहीन बैंक’ बताया और देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख का अपमान किया.
एआईबीओसी ने कहा, ‘इसके अलावा सबसे दुखद बात यह है कि किसी ने पूरी घटना को रिकॉर्ड किया और सुनिश्चित किया कि वह सोशल मीडिया पर वायरल हो.’
संगठन ने कहा, ‘हमारा विचार है कि जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए.’ उसने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि किसी असामाजिक तत्व द्वारा कार्यक्रम के दौरान रिकॉडिंग किए जाने और सोशल मीडिया का दुरुपयोग किये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए.’
https://t.co/5nRSVG9pxW pic.twitter.com/EIgwa9sZ5K
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) March 14, 2020
13 मार्च को सामने आए एआईबीओसी के बयान की असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 14 मार्च को रात के 9:44 बजे ट्वीट कर की निंदा की.
इसके कुछ घंटे बाद 15 मार्च देर 12:04 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट किया जिसमें एआईबीओसी द्वारा एक ईमेल करके अपना बयान वापस लेने की जानकारी दी गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)