प्रिंस चार्ल्स के ऑफिस ने कहा, कोरोना संक्रमण से उनके स्वस्थ होने का आयुर्वेद से संबंध नहीं

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने दावा किया था कि आयुर्वेद रिसॉर्ट चलाने वाले डॉ. इसाक मथाई ने उन्हें बताया है कि प्रिंस चार्ल्स का आयुर्वेद और होम्योपैथी के ज़रिये उनके द्वारा किया गया इलाज सफल रहा.

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प्रिंस चार्ल्स. (फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने दावा किया था कि आयुर्वेद रिसॉर्ट चलाने वाले डॉ. इसाक मथाई ने उन्हें बताया है कि प्रिंस चार्ल्स का आयुर्वेद और होम्योपैथी के ज़रिये उनके द्वारा किया गया इलाज सफल रहा.

प्रिंस चार्ल्स. (फोटो: रॉयटर्स)
प्रिंस चार्ल्स. (फोटो: रॉयटर्स)

लंदन: ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय ने भारत से आई उन खबरों का खंडन किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उनके स्वस्थ होने का संबंध दक्षिण भारत के एक रिसॉर्ट से आयुर्वेद और होम्योपैथी उपचार से था.

प्रिंस चार्ल्स (71) के कार्यालय क्लेरेंस हाउस ने शनिवार को बताया कि स्व-पृथक वास से बाहर आने के बाद प्रिंस ने शुक्रवार को लंदन में ब्रिटेन के पहले अस्थायी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) फील्ड अस्पताल का उद्घाटन किया.

कार्यालय ने बताया कि एनएचएस के परामर्श के बाद प्रिंस ऑफ वेल्स स्वस्थ्य हुए.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने इस हफ्ते की शुरुआत में दावा किया था कि बंगलुरु में ‘सौख्य’ नाम से एक आयुर्वेद रिसॉर्ट चलाने वाले डॉ. इसाक मथाई ने उन्हें बताया है कि प्रिंस चार्ल्स का आयुर्वेद और होम्योपैथी के जरिये उनके द्वारा किया गया इलाज सफल रहा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नाइक ने यह भी कहा था कि अब वह केंद्र सरकार से कोरोना वायरस से पीड़ितों का इलाज वैकल्पिक दवाओं से करने के बारे में पूछेंगे.

उन्होंने कहा था कि आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी का अपना एक तंत्र हैं. सिर्फ वैज्ञानिक रूप से इनके प्रामाणिक नहीं होने का मतलब ये नहीं कि दवा है ही नहीं, सिर्फ उन्हें प्रामाणिक करने का सवाल है. उन्होंने कहा था कि एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इन दवाओं को प्रामाणिक करने के लिए टास्क फोर्स को एक नुस्खा दिया गया है.

प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय क्लेरेंस हाउस के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह सूचना गलत है. प्रिंस ने ब्रिटेन स्थित एनएचएस की चिकित्सीय परामर्श का पालन किया तथा इसके अलावा कुछ नहीं है.’

प्रिंस चार्ल्स आयुर्वेद के एक मुखर समर्थक रहे हैं और वह अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान लंदन स्थित विज्ञान संग्रहालय में एक नए आयुर्वेद उत्कृष्टता केंद्र के उदघाटन में भी उपस्थित रहे थे.

इस बीच, प्रिंस चार्ल्स ने स्कॉटलैंड स्थित अपने आवास से काम करना जारी रखा है. उन्होंने वीडियो लिंक के जरिये एनएचएस का उद्घाटन किया.

प्रिंस चार्ल्स के कार्यालय द्वारा इस बात की खंड किए जाने पर श्रीपद नादक ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा है, ‘यह मेरी जानकारी नहीं थी. मुझे इसाक मथाई ने फोन पर यह जानकारी दी थी. मैंने उनसे कहा था कि मैं इसे कह नहीं सकता क्योंकि मेरे पास इस संबंध में कोई लिखित दस्तावेज नहीं है. डॉक्टर इसाक ने बताया था कि प्रिंस चार्ल्स उनसे इलाज कराते हैं और उन्होंने अपने केंद्र पर उनका इलाज भी किया है.’

नाइक ने आगे कहा, ‘मैंने उनसे (डॉ. इसाक) विशेष तौर पर कहा था कि यह लिखित में दें कि वह (प्रिंस चार्ल्स) उनके आयुर्वेद केंद्र की दवाओं से ठीक हुए हैं. उन्होंने कहा था वह लिखित में देंगे, लेकिन न तो उनकी कॉल आई और न ही उन्होंने लिखित में कुछ भेजा है.’

मालूम हो कि बीते 25 मार्च को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स में कोरोना वायरस के हल्के लक्षण दिखाए दिए थे. हालांकि उनकी पत्नी कैमिला (72) की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके बाद दोनों स्कॉटलैंड में आइसोलेशन में रह रहे थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)