सूरत पुलिस ने महिला डॉक्टर के पड़ोस में रहने वाले एक दंपति को गिरफ़्तार किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुजरात पुलिस को विस्तृत जांच करने के और डॉक्टर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
नई दिल्ली: गुजरात के सूरत शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के शक में एक महिला डॉक्टर पर पड़ोसियों द्वारा हमला करने और उनके साथ गाली गालौज करने का मामला सामने आया है.
मामला बीते रविवार पांच अप्रैल का है. डॉ. संजीवनी सूरत सिविल अस्पताल में कार्यरत हैं, जहां इन दिनों कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा रहा है.
मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुजरात पुलिस को विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए हैं.
सूरत के सरकारी अस्पताल में काम करने वाली एक डॉक्टर पर उसके पड़ोसियों द्वारा किए गए हमले का वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला प्रकाश में आया.
इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में डॉ. संजीवनी ने बताया, विरोध की शुरुआत बीते 23 मार्च को शुरू हुई. मुझे सोसाइटी के मेन गेट पर रोककर मेरे पड़ोसियों द्वारा कहा गया कि मैं उनकी हिटलिस्ट में हूं क्योंकि मैं हर रोज अस्पताल जाती हूं. उन लोगों ने कहा कि यह ठीक नहीं है, अगर ऐसा जारी रहा तो हम आपके खिलाफ एक्शन लेंगे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए उन्होंने इस घटना की जानकारी ट्वीट कर मामले को सुलझा लिया था. वहां के स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद उनके पड़ोसी शांत हो गए थे.
डॉ. संजीवनी ने बताया कि लेकिन चार अप्रैल को उनके पड़ोसियों ने उन्हें उनके घर की सीढ़ियों पर रोका और उन पर कोरोना वायरस से संक्रमित होने का आरोप लगाया.
डॉ. संजीवनी ने कहा, उन्होंने कहा कि मुझे कोरोना वायरस है और मैं इसे बिल्डिंग के अंदर लेते आऊंगी. मैंने उन्हें इसका जवाब नहीं दिया, जिससे वे नाराज हो गए. सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरस हुआ वो अगले दिन शाम का है.
उन्होंने बताया, रविवार को जब मैं अपने घर से कुत्ते को बाहर ले जाने वाली थी, पड़ोस की एक महिला ने मुझ पर आरोप लगाया कि मेरे कुत्ते ने उन पर हमला किया था. इसलिए मैंने वीडियो बनाना शुरू कर दिया. इसी दौरान महिला के पति ने मुझे गालियां देनी शुरू कर दी. उन्होंने मुझसे कहा कि क्या हुआ मैं डॉक्टर हूं, वह मुझे धक्के मारकर बिल्डिंग से निकाल देगा.
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपने पड़ोसियों को समझाया कि वह सिर्फ उस अस्पताल में काम करती हैं, जहां कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का भी इलाज चल रहा है.
डॉ. संजीवनी के अनुसार, मैंने उन्हें समझाया कि जो डॉक्टर कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं वे क्वारंटाइन के तहत आइसोलेशन वार्ड में रहते हैं. लेकिन वह व्यक्ति इस बात को लेकर निश्चित था कि मैं वायरस से संक्रमित हूं और किसी तरह मैं उसे भी संक्रमित कर दूंगी.
उन्होंने बताया कि उनको समझाने के उनके सारे प्रयास विफल रहे. उनका दावा है कि उनमें से एक पड़ोसी ने उन पर हमला किया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हमले का वीडियो वायरल होने के बाद सूरत पुलिस ने डॉ. संजीवनी पर हमला करने के आरोप में उनके पड़ोसी चेतन और भावना मेहता को हिरासत में ले लिया है.
सूरत एसीपी पीएल चौधरी ने बताया कि डॉक्टर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहती हैं, इसलिए उनकी शिकायत पर चेतन और भावना मेहता को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन्हें कार्यकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
मामले की गंभीरता का संज्ञान लेते हुए एनसीडब्ल्यू ने गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा को इसकी जांच करने के लिए पत्र लिखा है.
एनसीडब्ल्यू के पत्र में कहा गया, ‘एनसीडब्ल्यू घटना के मामले की विस्तृत जांच तत्काल करने और महिला को सुरक्षा देने का निर्देश देता है. इस मामले पर की गई कार्रवाई की एक विस्तृत रिपोर्ट एनसीडब्ल्यू को भेजी जाए.’
आयोग ने कहा कि वह घटना से व्यथित है और कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे अग्रिम मोर्चे पर तैनात डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति चिंतित है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)