कोराना संक्रमित मरीज़ की मौत के बाद मुंबई के एक अस्पताल के मेडिकल कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

मुंबई में ब्रांदा स्थित बीएमसी के एक अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने ख़ुद को पृथक करने की मांग की है, क्योंकि उनमें से कुछ मृतक महिला के सीधे संपर्क में आए थे. उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन में महिला के संक्रमित होने को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा.

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Bengaluru: A medical student during a demonstration protest to show solidarity with their counterparts against the assault in Kolkata, in Bengaluru, Friday, June 14, 2019. (PTI Photo/Shailendra Bhojak)
Bengaluru: A medical student during a demonstration protest to show solidarity with their counterparts against the assault in Kolkata, in Bengaluru, Friday, June 14, 2019. (PTI Photo/Shailendra Bhojak)

मुंबई में ब्रांदा स्थित बीएमसी के एक अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने ख़ुद को पृथक करने की मांग की है, क्योंकि उनमें से कुछ मृतक महिला के सीधे संपर्क में आए थे. उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन में महिला के संक्रमित होने को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा.

Bengaluru: A medical student during a demonstration protest to show solidarity with their counterparts against the assault in Kolkata, in Bengaluru, Friday, June 14, 2019. (PTI Photo/Shailendra Bhojak)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

मुंबई: बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अस्पताल में नर्सों और पैरामेडिक्स कर्मचारियों समेत चिकित्साकर्मियों ने अस्पताल में कोविड-19 के मरीज की मौत के बाद उन्हें पृथक किए जाने की मांग को लेकर बीते बुधवार को प्रदर्शन किया.

कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि उपनगर बांद्रा में केबी भाभा म्युनिसिपल जनरल अस्पताल के कर्मचारी अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए और उन्होंने प्रदर्शन किया.

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वहां एक महिला की मौत हो जाने के बाद उन्होंने प्रदर्शन किया.

अस्पताल के कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें पृथक किया जाए, क्योंकि अस्पताल में कोविड-19 फैलने का गंभीर खतरा है.

गौरतलब है कि कुछ चिकित्साकर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद मुंबई में दो निजी अस्पतालों को सील कर दिया गया है.

कर्मचारी संघ के एक नेता ने बताया कि कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि स्टाफ को पृथक किया जाए, क्योंकि उनमें से कुछ महिला के सीधे संपर्क में आए थे.

उन्होंने बताया कि अस्पताल में करीब 450 कर्मचारी काम करते हैं. इनमें नर्स, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी और अन्य पैरामेडिक्स कर्मचारी हैं.

उन्होंने बताया, ‘महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने हमें अंधेरे में रखा.’

अस्पताल के कर्मचारियों के अनुसार, महिला को कुछ दिनों तक महिलाओं के जनरल वार्ड में रखा गया तथा हालत बिगड़ने पर दूसरे वार्ड में ले जाया गया.

कुछ स्टाफ सदस्यों ने उन्हें दिए गए निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की खराब गुणवत्ता का भी मुद्दा उठाया.

मालूम हो कि महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के 60 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में अब इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 1,078 हो गई है.

राज्य में इस विषाणुजनित महामारी से बुधवार तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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