लॉकडाउन में ढील पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कोई भी क़दम धीरे-धीरे ही उठाया जाना चाहिए, क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही एक बड़ी चूक साबित हो सकती है. कोरोना वायरस से विश्व में अब तक लगभग 1,70,399 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि संक्रमण के 2,478,948 मामले सामने आ चुके हैं.
नई दिल्ली/कोपनहेगन: देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और मंगलवार तक संक्रमण 590 लोगों की जान ले चुका है. इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18,601 पर पहुंच गई है.
इस बीच दुनिया के कुछ देशों में लागू लॉकडाउन में आंशिक ढील दे दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अब भी 14,759 लोग संक्रमण की चपेट में हैं, जबकि 3,251 लोग स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है वहीं एक व्यक्ति विदेश चला गया है. कुल मामलों में 77 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
सोमवार शाम से अब तक कुल 31 लोगों की मौत हुई है. इनमें 11 राजस्थान में, नौ महाराष्ट्र में, चार गुजरात में और तेलंगाना, दिल्ली और तमिलनाडु में दो-दो लोगों की मौत हुई है.
अब तक सबसे अधिक 232 मौत महाराष्ट्र में हुई है. इसके बाद मध्य प्रदेश में 74, गुजरात में 71, दिल्ली में 47, राजस्थान में 25, तेलंगाना में 23 और आंध्र प्रदेश में 20 लोगों की मौत हुई है.
वहीं उत्तर प्रदेश में मृतक संख्या 18 और तमिलनाडु में 17 है. पंजाब और कर्नाटक दोनों राज्यों में 16-16 लोगों की मौत हुई है. पश्चिम बंगाल में 12 जानें गई हैं. बीमारी के चलते जम्मू कश्मीर में पांच जबकि केरल और हरियाणा में तीन-तीन मौत हुई है.
मंत्रालय के मंगलवार सुबह तक अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड और बिहार में दो जबकि मेघालय, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक मौत हुई है.
आंकड़ों के अनुसार, देश में सर्वाधिक 4,866 मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं. इसके बाद दिल्ली से 2,081, गुजरात से 1,939, राजस्थान में 1,576, तमिलनाडु में 1,520 और मध्य प्रदेश में 1,485 मामले सामने आए हैं.
उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1,184, तेलंगाना में 873 और आंध्र प्रदेश में 722 है. केरल और कर्नाटक दोनों राज्य से 408 मामले सामने आए हैं.
पश्चिम बंगाल में भी संक्रमितों की संख्या बढ़कर 392, जम्मू कश्मीर में 368, हरियाणा में 254 और पंजाब में 245 हो गई है. बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के 113 जबकि ओडिशा में 74 मामले हैं. उत्तराखंड और झारखंड में 46-46 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.
हिमाचल प्रदेश में 39, छत्तीसगढ़ में 36 जबकि असम में 35 मामले हैं.केंद्र शासित क्षेत्रों चंडीगढ़ में कोविड-19 के 26, लद्दाख में 18 जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह से 16 मामले हैं.
मेघालय में 11 जबकि गोवा और पुदुचेरी से कोविड-19 के सात-सात मामले सामने आए हैं. वहीं मणिपुर और त्रिपुरा में दो-दो लोग जबकि मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति संक्रमण की चपेट में है.
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘हमारे आंकड़े आईसीएमआर के साथ मिलान कर सामने रखे गए हैं.’
चीन में बीते साल दिसंबर में इस महामारी का पहला मामला सामने आने के बाद अमेरिका इस वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देश है. यहां 7,83,000 मामले सामने आ चुके हैं और कम से कम 42,094 लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका का न्यूयॉर्क राज्य इससे बुरी तरह से प्रभावित है. यहां अमेरिका के बाहर किसी भी देश से संक्रमण के ज़्यादा मामले सामने आए हैं.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, विश्वभर में कोरोना वायरस से अभी तक लगभग 1,70,399 लोगों की जान जा चुकी है जबकि करीब 2,478,948 लाख लोग इसकी चपेट में हैं.
स्पेन में अब तक 20,852 लोगों की जान इस महामारी से जा चुकी है और संक्रमण के 200,210 मामले सामने आए हैं. ब्रिटेन में 16,509 लोगों की मौत हो चुकी है और 125,856 मामले सामने आ चुके हैं.
दुनिया के कुछ देशों में लॉकडाउन में आंशिक ढील
कोरोना वायरस के प्रकोप से मामूली राहत मिलने के बीच दुनिया भर के कुछ देशों ने सोमवार से लॉकडाउन के प्रतिबंधों में आंशिक ढील देनी शुरू कर दी है.
डेनमार्क में जहां टैटू पार्लर खुलने लगे हैं, वहीं जर्मनी में किताबों की दुकानें और ऑस्ट्रेलिया में समुद्र के तटीय हिस्से जनता के लिए एक बार फिर खोल दिए गए हैं.
हालांकि अमेरिका ने अधिक सतर्कता से कदम उठाए लेकिन लॉकडाउन को लेकर वहां राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है.
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन का कहना है कि देश के कुछ हिस्से एक बार फिर सामान्य रूप से कार्य करने को तैयार हैं. पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राज्यों की ओर से घरों में ही रहने के आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का खुलकर उत्साहवर्धन किया.
रिपब्लिकन शासित अधिकतर राज्यों समेत अन्य कुछ राज्यों ने भी प्रतिबंधों में आंशिक ढील देने संबंधी कदम उठाए. इस बीच कुछ गर्वनरों ने चेताया कि जांच में तेजी लाने के लिए संघीय सरकार की मदद के बिना वह आगे नहीं बढ़ सकते.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह आर्थिक गतिविधियों को दोबारा तेजी से शुरू करते हैं तो एक बार फिर संक्रमण का हमला झेलना पड़ सकता है.
कुछ राज्यों के नेताओं का कहना है कि टेस्ट किट की कमी जैसे, संघीय सरकार के अपर्याप्त कदम बीमारी से निपटने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
समाज के हर तबके को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में कुछ देश की सरकारें छूट दे रही हैं जबकि अधिकतर देश धीरे-धीरे कदम उठा रहे हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कोई भी कदम धीरे-धीरे ही उठाया जाना चाहिए, क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही एक बड़ी चूक साबित हो सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने जी-20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में कहा, ‘लॉकडाउन में ढील देना किसी भी देश में इस महामारी का अंत नहीं है. यह केवल अगले चरण की शुरुआत है.’
उन्होंने सरकारों को सामान्य जीवन की ओर तेजी से जाने को लेकर आगाह करते हुए कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि ये उपाय एक चरणबद्ध प्रक्रिया हैं.’
वहीं, ऑस्ट्रेलिया में टेलीविजन कार्यक्रमों की शूटिंग फिर से शुरू किए जाने की योजना बनाई जा रही है. सिडनी में रेंडविक सिटी काउंसिल ने समुद्र तटों को दोबारा खोल दिया है, लेकिन साफ किया गया कि यहां धूप सेंकने की अनुमति नहीं होगी, केवल तैरने, दौड़ लगाने और टहलने जैसे व्यायाम की छूट रहेगी.
डेनमार्क में भी नाई की दुकानों, दंत चिकित्सकों और टैटू पार्लर जैसे कामों को दोबारा काम शुरू करने की इजाजत दी गई है. पार्लर में कुर्सियों को लगातार संक्रमण मुक्त करने के साथ ही ग्राहकों को सैनेटाइजर का इस्तेमाल करवाते हुए देखा गया.
भारत ने विश्व के सबसे बड़े लॉकडाउन में ढील देते हुए विनिर्माण और खेती संबंधी कुछ गतिविधियों में छूट दी है, लेकिन इस दौरान कर्मचारियों को सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी और स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा.
इस बीच ईरान ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के तहत शहर के कुछ राजमार्गों और बड़े खरीदारी केंद्रों को सोमवार से खोल दिया.
इटली में उत्तरी क्षेत्र और दक्षिणी क्षेत्र के बीच प्रतिबंधों में ढील देने को लेकर तनाव देखने को मिल रहा है. उत्तरी क्षेत्र कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद उद्योगों को दोबारा शुरू करने का दबाव डाल रहा है, जबकि दक्षिणी क्षेत्र को डर है कि अगर लॉकडाउन में ढील दी गई तो संक्रमण का प्रसार बढ़ सकता है.
इससे इतर फ्रांस में लॉकडाउन सख्ती से लागू है, लेकिन सोमवार से लोगों को नर्सिंग होम में भर्ती अपने रिश्तेदारों से मिलने जाने की छूट प्रदान की गई है.
चीन जहां से यह वैश्विक महामारी शुरू हुई थी, उसने यात्रा और अन्य प्रतिबंध हटा दिए हैं.
उधर, लॉकडाउन ने आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन को बाधित कर दिया है और दुनिया ऐसी स्थिति में आ गई है, जो 1930 की महामंदी के बाद कभी नहीं आई.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस साल विश्व अर्थव्यवस्था के तीन प्रतिशत संकुचित होने की आशंका जताई है. करोड़ों लोगों की नौकरी गई है और लाखों लोगों को डर है कि अगला नंबर उन्हीं का है.
संक्रमण के वर्तमान मामलों में पहली बार कमी देखी गई : इटली
रोम: इटली में सोमवार को कोरोना वायरस से वर्तमान में ग्रसित लोगों की संख्या में अब तक पहली गिरावट दर्ज की गई. इस देश में सबसे पहला संक्रमण का मामला फरवरी में सामने आया था.
नागरिक सुरक्षा सेवा के मुताबिक, संक्रमित पाए जाने के बाद 108,237 लोगों का या तो अस्पताल में इलाज किया गया अथवा घरों में इनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा था.
इटली में कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक 20,852 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 181,288 मामले सामने आ चुके हैं.
फ्रांस में संक्रमण से 547 की मौत, मृतक संख्या 20,000 के पार
पेरिस: फ्रांस में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 547 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही फ्रांस ने घोषणा की कि देशभर में इस वायरस से 20,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी जेरोम सालोमोन ने यह भी कहा कि देश में अब तक कोविड-19 के 20,265 मरीजों की मौत हो चुकी है. यहां संक्रमण के 156,493 मामले सामने आ चुके हैं.
हालांकि, जेरोम ने अस्पतालों और गहन चिकित्सा सेवाओं में आने वाले मरीजों की संख्या में आयी कमी पर खुशी जाहिर की.
मैक्सिको में 712 लोगों की मौत, अपराधों में तेज़ी आई
सिउदाद विक्टोरिया: मैक्सिको की उत्तरी सीमा पर स्थित तमाऊलिपास राज्य में विभिन्न देशों के 16 प्रवासी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए गए हैं.
इनमें से 14 प्रवासी होंडुरास, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, क्यूबा और कैमरून के हैं, जो न्यूवो लारेदो शहर में एक प्रवासी आश्रय स्थल में रह रहे थे. इन सभी को पृथक वास में रखा गया है.
राज्य सरकार ने एक बयान में बताया कि इस समय प्रदेश में संक्रमण के 193 मामले हैं. संक्रमितों में से करीब दस फीसदी प्रवासी हैं जिससे राज्य के लोगों में आक्रोश है.
अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग का कहना है कि 25 से अधिक आश्रय स्थलों और हिरासत स्थलों में रह रहे 100 से ज्यादा प्रवासी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.
इन केंद्रों में वे लोग रह रहे हैं जो टेक्सास के ब्राउन्सविले की अदालत में अपने आव्रजन मामलों की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं.
इस बीच मैक्सिको सिटी से मिली समाचार एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक देश में कोरोना संकट के बीच अपराधों में तेजी आई है. बीते रविवार को मैक्सिको में हत्या के 105 मामले दर्ज किए गए. इससे पहले चार अप्रैल को एक ही दिन में हत्याओं के 104 मामले दर्ज किए गए थे.
राष्ट्रपति आंद्रेज मैन्युअल लोपेज ओब्रराडोर ने अपनी सुबह की ब्रीफिंग में कहा, ‘हम कोरोना संकट से जूझ रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से देश में हत्याओं का सिलसिला जारी है.’
राज्य अभियोजन कार्यालय और संघीय एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, हत्या के सबसे अधिक मामले मध्य मैक्सिको, उत्तर पश्चिम में स्थित चिहुआहुआ, मैक्सिको सिटी, गुआंजुआतो और ओक्साका से सामने आए हैं . मैक्सिको में दशकों से हिंसा का दौर जारी है.
साल 2019 में देश में हत्या के 34,608 मामले दर्ज किए गए थे जो कि साल 1997 के बाद एक रिकॉर्ड है.
बहरहाल मैक्सिको में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,772 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक 712 लोगों की मौत हो चुकी है.
श्रीलंका में संसदीय चुनाव दो माह के लिए स्थगित, 27 अप्रैल तक कर्फ्यू जारी
कोलंबो: श्रीलंका में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण संसदीय चुनाव दो माह के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. देश में चुनाव अब 20 जून को होंगे.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने निर्धारित समय से छह माह पूर्व दो मार्च को संसद भंग कर दी थी और 25 अप्रैल को मध्यावधि चुनाव कराने की बात कही थी.
सोमवार को एक सरकारी आदेश जारी हुआ, जिसमें चुनाव 20 जून को चुनाव कराने की घोषणा की गई है. इस आदेश में राष्ट्रीय चुनाव आयोग के तीन सदस्यों के हस्ताक्षर हैं.
चुनाव स्थगित करने का फैसला स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया है. चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति राजपक्षे को पत्र लिख कर कहा कि वह चुनाव स्थगित होने के कारण पैदा होने वाले संभावित संवैधानिक गतिरोध पर उच्चतम न्यायालय का रुख जानें.
इसमें कहा गया है कि चुनाव स्थगित होने का मतलब यह है कि संसद दो जून को शुरू नहीं होगी. पिछली संसद दो मार्च को भंग होने के बाद दो जून को तीन माह पूरे हो जाएंगे.
असल में देश के संविधान के अनुसार, संसद को तीन माह से ज्यादा भंग नहीं रखा जा सकता, इस अवधि के बाद नई संसद का काम करना जरूरी है.
राजपक्षे ने कहा है कि चुनाव की तारीख निर्धारित करना चुनाव आयोग का काम है और इसमें उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि देश में संक्रमण के कुल 304 मामले हैं, सात लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है और 96 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं.
श्रीलंका सरकार ने पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक 41 की बढ़ोतरी होने के बाद राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू में ढील देने का अपना फैसला सोमवार को स्थगित कर दिया और कर्फ्यू को 27 अप्रैल तक बढ़ा दिया.
घातक कोरोना वायरस संक्रमण से मुकाबले के लिए श्रीलंका में 20 मार्च से 24 घंटे का कर्फ्यू लागू है.
रविवार को सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सोमवार से आंशिक रूप से पाबंदियां हटाने की घोषणा की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)