तीन भारतीय फोटो पत्रकारों को मिला पुलित्ज़र पुरस्कार

अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम करने वाले तीनों कश्मीरी फोटो पत्रकारों- यासीन डार, मुख़्तार ख़ान और चन्नी आनंद ने 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद की स्थितियों की तस्वीरें ली थीं.

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एसोसिएट प्रेस के फोटो पत्रकार डार यासिन, मुख्तार खान और चन्नी आनंद. (फोटो: pulitzer.org/)

अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम करने वाले तीनों कश्मीरी फोटो पत्रकारों- यासीन डार, मुख़्तार ख़ान और चन्नी आनंद ने 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद की स्थितियों की तस्वीरें ली थीं.

एसोसिएट प्रेस के फोटो पत्रकार डार यासिन, मुख्तार खान और चन्नी आनंद. (फोटो: pulitzer.org/)
एसोसिएट प्रेस के फोटो पत्रकार यासीन डार, मुख्तार खान और चन्नी आनंद. (फोटो साभार: pulitzer.org)

नई दिल्ली: भारत के तीन फोटो पत्रकारों को दुनिया में पत्रकारिता का प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार सम्मान मिला है. तीनों जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं.

एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, पिछले साल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद की स्थितियों को अपने कैमरे के जरिए लोगों तक पहुंचाने वाले फोटो पत्रकारों यासीन डार, मुख्तार खान और चन्नी आनंद को पुलित्जर फीचर फोटोग्राफी पुरस्कार मिला है.

यह सभी अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के लिए काम करते हैं. यासिन और मुख्तार श्रीनगर में रहते हैं, जबकि आनंद जम्मू जिले के निवासी हैं. चन्नी आनंद पिछले 20 सालों से एपी के साथ जुड़े हुए हैं.

पुरस्कार जीतने पर बेहद खुश आनंद ने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है.’

सोमवार देर रात इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों की घोषणा हुई. इन तीनों ने घाटी के सामान्य जनजीवन के साथ ही प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की तस्वीरों को भी दुनिया तक पहुंचाया.

पिछले साल 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में संशोधन किया था. इसके बाद पूरे प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था.

इससे पहले ही कश्मीर के प्रमुख नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. यहां महीनों तक कर्फ्यू लगा रहा और टेलीफोन के साथ-साथ इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगी रही.

इस साल ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘एंकरेज डेली न्यूज’, ‘प्रो पब्लिका’ को भी पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

तीनों को अमेरिका में भ्रष्टाचार, कानून प्रवर्तन, यौन हिंसा और नस्लभेद जैसे विषयों पर पड़ताल करती रिपोर्ट्स के लिए पुरस्कार मिले. न्यूयॉर्क टाइम्स को तीन पुरस्कार मिले.

इनके अलावा ‘द न्यूयॉर्कर’, ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’, ‘एसोसिएटेड प्रेस’, ‘द लॉल एंजेलिस टाइम्स’, ‘द बाल्टिमोर सन’, ‘द फीलिस्तीन हेराल्ड प्रेस’ को भी अलग-अलग खबरों के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पिछले महीने बोर्ड ने पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा स्थगित कर दी थी.

पुलित्जर पुरस्कार की शुरुआत 1917 में की गई थी. यह अमेरिका का एक प्रमुख पुरस्कार है, जो समाचार पत्रों की पत्रकारिता, साहित्य एवं संगीत रचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को दिया जाता है.

पिछले साल यह पुरस्कार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार से संबंधित जानकारियां सामने लाने के लिए दिया गया था.

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