लॉकडाउनः ऑटो में मुंबई से जौनपुर लौट रहा था परिवार, ट्रक से हुई टक्कर में दो की मौत

मुंबई से एक ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार और संबंधियों के साथ नौ मई को ऑटो से जौनपुर के लिए निकला था. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले के खागा थाना क्षेत्र में उनके ऑटो को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें चालक की पत्नी और बेटी की जान चली गई.

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(फोटोः पीटीआई)

मुंबई से एक ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार और संबंधियों के साथ नौ मई को ऑटो से जौनपुर के लिए निकला था. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले के खागा थाना क्षेत्र में उनके ऑटो को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें चालक की पत्नी और बेटी की जान चली गई.

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(प्रतीकात्मक फोटोः पीटीआई)

लखनऊः ऑटोरिक्शा से मुंबई से उत्तर प्रदेश के जौनपुर लौट रहे एक परिवार के दो लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पेशे से ऑटोरिक्शा चालक रंजन यादव (35) अपनी पत्नी संजू (33), बेटी नंदिनी (6), बेटे निखिल (9) और भतीजे आकाश (16) के साथ ऑटोरिक्शा चलाकर लॉकडाउन के बीच मुंबई से जौनपुर के लिए निकले थे.

उनके दो संबंधी मोटरसाइकिल पर उनके ऑटोरिक्शा के पीछे-पीछे चल रहे थे. मंगलवार सुबह लगभग सात बजे एक ट्रक ने राजन के ऑटोरिक्शा को टक्कर मार दी, जिसमें रंजन की पत्नी और बेटी की मौत हो गई.

उन्हें, उनके बेटे और भतीजे को हल्की चोटें आई हैं. यह घटना फतेहपुर जिले के खागा पुलिस थाने में हुई.

रंजन ने अपने परिवार के साथ लगभग 1,500 किलोमीटर का सफर पूरा कर लिया था और वह अपने गांव पहुंचने से सिर्फ 200 किलोमीटर ही दूर थे कि तभी यह हादसा हुआ.

इंस्पेक्टर सत्येंद्र सिंह का कहना है कि जब ट्रक ने टक्कर मारी तब महिला और उनकी बेटी ऑटोरिक्शा से गिर गईं और ट्रक के पहियों के नीचे आ गईं.

रंजन ने बताया, ‘हम लगातार तीन दिनों से चल रहे थे इस वजह से थक गए थे, जब ट्रक ने टक्कर मारी तब संजू को नींद आ गई थी, उनकी गोद में ही हमारी बेटी थी.’

रंजन बीते 13 सालों से मुंबई में किराए का ऑटोरिक्शा चलाते रहे हैं लेकिन पिछले साल ही उन्होंने पैसे जोड़कर ऑटोरिक्शा खरीदा था लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम बंद था.

रंजन बताते हैं, ‘बीते डेढ़ महीने से कोई कमाई नहीं थी. कुछ दोस्तों और पड़ोसियों से 3,000 रुपये उधार लिए थे और उन्हीं पैसोंसे यह सफर शुरू किया.’

उन्होंने कहा, ‘लगभग 10 दिन पहले हमारी मेडिकल जांच हुई थी और हमें स्थानीय प्रशासन से सर्टिफिकेट मिला था लेकिन ट्रेन का कोई अता-पता ही नहीं था. हमने सभी से इस बारे में पूछा था.’

राजन ने बताया कि वह दुर्घटना के बाद शोर-शराबे की स्थिति में ट्रक की नंबर प्लेट नहीं देख पाए. पुलिस अभी भी ट्रक का पता लगाने में जुटी है. आईपीसी की धारा 279 और 304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

रुंआसे राजन ने इस अख़बार से हुई बातचीत में कहा, ‘हम इतनी दूर तक आ गए थे और ये हादसा हो गया… अब मैं अपनी पत्नी और बेटी के शवों के साथ घर जा रहा हूं.’

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