2019 में यूजर्स डाटा के लिए भारत सरकार की ओर से इमरजेंसी रिक्वेस्ट में दोगुनी बढ़ोतरीः फेसबुक

फेसबुक ने मंगलवार को ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की, जिसमें 2019 में दुनियाभर की सरकारों की ओर से यूजर्स डाटा की जानकारी के लिए आईं इमरजेंसी रिक्वेस्ट की जानकारी दी गई है. यूजर्स डाटा के लिए सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

फेसबुक ने मंगलवार को ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की, जिसमें 2019 में दुनियाभर की सरकारों की ओर से यूजर्स डाटा की जानकारी के लिए आईं इमरजेंसी रिक्वेस्ट की जानकारी दी गई है. यूजर्स डाटा के लिए सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः फेसबुक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि साल 2019 में भारत सरकार और देश की कानूनी एजेंसियों की ओर से फेसबुक यूजर्स का डाटा मांगने से जुड़ी रिक्वेस्ट (अनुरोध) में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है.

फेसबुक द्वारा मंगलवार देर रात जारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने 2019 में फेसबुक से यूजर्स का डाटा मागने के लिए 3,369 इमरजेंसी रिक्वेस्ट की जबकि 2018 में यह संख्या 1,478 थी. इसी तरह भारत ने 2017 में 460 और 2016 में 121 रिक्वेस्ट की थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह से बीते चार सालों के आंकड़ों के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा यूजर्स की जानकारी मांगने में करीब 28 गुना की बढ़ोतरी हुई है.

फेसबुक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इमरजेंसी की स्थिति में कानूनी एजेंसियां बिना कानूनी प्रक्रियाओं के लिए अनुरोध भेज सकती हैं. परिस्थितियों के आधार पर हम स्वैच्छिक रूप से सूचनाओं को कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा कर सकते हैं, यानी ऐसी स्थितियों में जहां हमें विश्वास हो कि इस मामले में गंभीर शारीरिक चोट पहुंचने या मौत का जोखिम अधिक है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह एक तरह का संयोग है कि फेसबुक यूजर्स के डाटा के लिए भारत सरकार की ओर से ऐसे अनुरोध में बढ़ोतरी उसी साल (2019) दोगुनी हुई, जिस साल देश में लोकसभा चुनाव होने थे, जिस साल भारत में कई विवादित फैसले लिए गए.

जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया. इसी दौरान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे.

फेसबुक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार की ओर से 2019 में सभी तरह के अनुरोधों में बढ़ोतरी हुई है.

2018 में भारत सरकार ने 37,000 से अधिक रिक्वेस्ट भेजी, जबकि 2019 में यह बढ़कर लगभग 50,000 हो गई यानी इसमें 30 फीसदी का इजाफा हुआ.

इसी समय भारत सरकार द्वारा फेसबुक से कंटेट हटाने के मामलों में कमी देखी गई है. 2018 में भारत सरकार ने फेसबुक से अनुरोध कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 20,000 कंटेट हटवाए थे, जबकि 2019 में यह संख्या 2,000 है.

ये अनुरोध बड़े पैमाने पर इंस्टाग्राम पोस्ट से जुड़े हुए थे, जो फेसबुक का ही हिस्सा है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट से पता चला है कि यूजर्स डाटा के लिए सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है जबकि सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट के साथ अमेरिका पहले स्थान पर है.

फेसबुक ने बताया कि 2019 की दूसरी छमाही में दुनियाभर की सरकारों द्वारा यूजर्स डाटा रिक्वेस्ट में 9.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.

फेसबुक के वाइस प्रेजिडेंट और डिप्टी जनरल काउंसिल क्रिस सोनडरबी का कहना है कि 2019 के आखिरी छह महीनों में सरकार द्वारा यूजर्स डाटा के लिए रिक्वेस्ट भेजने का आंकड़ा 9.5 फीसदी बढ़ा, जो 1,28,617 से बढ़कर 1,40,875 तक पहुंच गया.

इसमें सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट अमेरिका द्वारा भेजी गई जिसके बाद भारत, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस का नंबर है.

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