कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने राजस्थान सरकार को गिराने की कोशिश की है. इस संबंध में कांग्रेस की ओर से दो केस दर्ज कराए गए हैं, जिसके बाद भाजपा नेता संजय जैन को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वहीं, भाजपा ने राज्य के नेताओं फोन टैप कराने को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी व विधायकों की खरीद-फरोख्त किए जाने के आरोपों के बीच कांग्रेस ने एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए पहली बार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सीधा हमला बोला है.
दो ऑडियो टेप्स में हुई बातचीत का हवाला देकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई और कानूनी तौर पर स्थापित राजस्थान सरकार को गिराने की कोशिश की है.
इन ऑडियो टेप्स के संबंध में बीते शुक्रवार को राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. शनिवार को भाजपा ने इस संबंध में राज्य के सभी नेताओं के फोन टैप करने को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है.
हालांकि भाजपा ने कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शेखावत राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हैं और भाजपा को उन्हें पद से बर्खास्त करना चाहिए.
पार्टी ने अपने बागी विधायकों के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाते हुए विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
मीडिया में बृहस्पतिवार शाम सामने आए कथित ऑडियो टेप का हवाला देते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा था कि दो सनसनीखेज व चौंकाने वाले ऑडियो टेप मीडिया के माध्यम से सामने आए हैं.
उन्होंने कहा था, ‘इन ऑडियो टेप से कथित तौर पर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा व भाजपा नेता संजय जैन की बातचीत सामने आई है.
सुरजेवाला ने कहा था, ‘यह भी जांच हो कि ऑडियो में नामित व्यक्तियों के अलावा क्या किसी और व्यक्ति या विधायक द्वारा सरकार गिराने या निष्ठा बदलने के लिए पैसों का लेन-देन हुआ है. इस तथाकथित बातचीत से पैसों की सौदेबाजी व विधायकों की निष्ठा बदलवाकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार गिराने की मंशा व साजिश साफ है. यह लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार के मुख्य ह्विप (सचेतक) महेश जोशी की शिकायत के आधार पर एसओजी ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया है. एक एफआईआर में सरकार गिराने के आरोप में भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह शेखावत और संजय जैन को नामजद किया गया है.
दोनों एफआईआर में आरोपी को ‘अज्ञात’ श्रेणी में रखा गया है और आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोपों का उल्लेख किया गया है.
एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक राठौड़ ने बताया, ‘विधायकों की खरीद-फरोख्त और सोशल मीडिया में वायरल हुए कथित ऑडियो की जांच के लिए आईपीसी की धारा 124ए तथा 120बी के तहत दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि ऑडियो क्लिप में उनकी आवाज नहीं है, वहीं भंवरलाल शर्मा ने एक बयान में कहा है कि ऑडियो फर्जी है.
इसी बीच कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी केंद्रीय मंत्री शेखावत को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की.
बहरहाल, एसओजी ने शुक्रवार को अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त वाले ऑडियो टेप में कथित रूप से नाम आने पर भाजपा नेता संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया है.
#RajasthanPoliticalCrisis: Sanjay Jain has been arrested by the Special Operations Group (SOG) team of Rajasthan Police, under sections 124A & 120B of Indian Penal Code (IPC)
— ANI (@ANI) July 17, 2020
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड़ ने बताया कि जैन को सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है.
इसके साथ ही सचिन पायलट गुट के बागी विधायकों में शामिल भंवरलाल से पूछने गई एसओजी की टीम हरियाणा के मानेसर से खाली हाथ लौटी. मानेसर के एक होटल में बागी विधायकों को रखा गया है.
Haryana: The team of Special Operations Group (SOG) of Rajasthan Police that was waiting outside the resort in Manesar where Congress MLAs are staying, has been allowed to enter the resort. pic.twitter.com/Nh7kCmTgIV
— ANI (@ANI) July 17, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को एसओजी टीम जब मानेसर स्थित होटल पहुंची तो उसे हरियाणा पुलिस और होटल स्टाफ ने होटल में घुसने से रोक लिया था. बाद में उन्हें अंदर जाने दिया गया, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पायलट और उनके समर्थक एक दिन पहले ही होटल छोड़ चुके थे.
भाजपा ने की सीबीआई जांच की मांग
उन्होंने कहा, ‘हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं. क्या राजस्थान में आपातकाल जैसे हालात हैं? क्या सभी राजनीतिक दल इस तरह से निशाना बनाए जा रहे हैं.’
भाजपा ने इसे नेताओं के चरित्र हनन का प्रयास बताया. भाजपा ने उन ‘ऑडियो क्लिप’ को मनगढ़ंत करार दिया. भाजपा ने कहा कि कांग्रेस अपना घर संभाल पाने में अक्षम रहने को लेकर हताशा में है.
We demand a Central Bureau of Investigation (CBI) probe into this matter, whether phone tapping was done or SOPs were followed. Is there an emergency situation in Rajasthan? Are all political parties being targeted this way?: Sambit Patra, BJP https://t.co/RJw6l7LnVc
— ANI (@ANI) July 18, 2020
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस ऑडियो टेप पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘जो कुछ हुआ उसने राजस्थान की राजनीति को शर्मसार किया है …कि मुख्यमंत्री निवास फर्जी ऑडियो का केंद्र बन जाए और नेताओं के चरित्र हनन का प्रयास हो.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने घर की फिक्र करने के बजाय भाजपा व केंद्रीय मंत्रियों पर आरोप लगा रही है. पूनिया के अनुसार महामारी के बीच राज्य सरकार एक बार फिर रिजॉर्ट में बंद है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा, ‘इनकी आपस की सियासत से राजस्थान की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है.’
भाजपा नेता एवं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने इस ऑडियो टेप को फर्जी बताया है.
राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘यह फर्जी ऑडियो जारी करने से ये सिद्द हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से निजता पर हमला जारी है. साथ ही बड़े स्तर पर फोन टैप कर और उन्हें अपभ्रंश कर जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है ये अत्यन्त शर्मनाक कृत्य है.’
अयोग्यता नोटिस पर सोमवार के लिए स्थगित
राजस्थान उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित कर दी.
सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य असंतुष्ट विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिसों पर स्पीकर की किसी कार्रवाई से शुक्रवार को चार दिनों के लिए राहत मिल गई.
विधायकों की याचिका की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने शुक्रवार शाम मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और इसकी अगली सुनवाई के लिए 20 जुलाई की सुबह 10 बजे का समय निर्धारित किया है.
स्पीकर के वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि मंगलवार शाम 5:30 बजे तक नोटिस पर कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा.
इससे पहले, स्पीकर सीपी जोशी ने अदालत को पत्र लिख कर कहा था कि नोटिस पर शुक्रवार शाम पांच बजे तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. उनके वकील इस समयसीमा को मंगलवार (21 जुलाई) शाम 5:00 बजे तक बढ़ाने के लिए सहमत हो गए, क्योंकि याचिका पर आदेश आना अभी बाकी है.
याचिका में नोटिस को कांग्रेस की एक शिकायत के आधार पर चुनौती दी गई है, जिसमें पार्टी ने कहा था कि पार्टी ह्विप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की पीठ ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी से असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर शनिवार तक जवाब दाखिल करने को कहा. जोशी ने स्पीकर के समक्ष शिकायत दी थी.
पायलट खेमे ने दलील दी है कि पार्टी का ह्विप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा होता है. स्पीकर को दी गई अपनी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.
विधायक सदन में जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उसकी सदस्यता यदि अपनी मर्जी से त्याग देते हैं तो यह प्रावधान उक्त विधायक को अयोग्य करार देता है. कांग्रेस का दावा है कि विधायकों के आचरण से यही मतलब निकलता है.
लेकिन असंतुष्ट खेमे ने कहा कि पायलट ने पार्टी छोड़ने के इरादे के बारे में कभी संकेत नहीं दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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