छत्तीसगढ़ः परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर लगाया बीमार महिला को अस्पताल ले जाने से रोकने का आरोप, मौत

मामला बलरामपुर ज़िले का है. बीमार महिला को उनके पति किराये की गाड़ी से अंबिकापुर के सरकारी अस्पताल ले जा रहे थे. आरोप है कि रास्ते में सूरजपुर ज़िले की सीमा पर उन्हें पुलिसकर्मियों ने बिना ई-पास के आगे नहीं जाने दिया, वापस लौटने के बाद महिला ने दम तोड़ दिया.

मामला बलरामपुर ज़िले का है. बीमार महिला को उनके पति किराये की गाड़ी से अंबिकापुर के सरकारी अस्पताल ले जा रहे थे. आरोप है कि रास्ते में सूरजपुर ज़िले की सीमा पर उन्हें पुलिसकर्मियों ने बिना ई-पास के आगे नहीं जाने दिया, वापस लौटने के बाद महिला ने दम तोड़ दिया.

Balrampur

रायपुरः छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने बीमार महिला को अस्पताल नहीं ले जाने दिया, जिस वजह से महिला की इलाज के अभाव में रास्ते में ही मौत हो गई.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बलरामपुर जिले के गैना गांव की 45 वर्षीय महिला को उनके पति इलाज के लिए दूसरे जिले लेकर जा रहे थे लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर बिना पास के उन्हें जाने नहीं दिया.

मृतक महिला के पति का आरोप है कि वह पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, अस्पताल की स्लिप और प्रिस्क्रिप्शन भी पुलिसकर्मियों को दिखाई लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया.

इसके बाद दंपति वापस लौट आया और तकरीबन आधे घंटे के भीतर ही महिला की मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उन्होंने दंपति को रास्ते से लौटा दिया था.

कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने ई-पास मांगा था लेकिन पुलिस का कहना है कि राज्य के भीतर यात्रा करने के लिए इसकी जरूरत नहीं है.

बता दें कि पीड़ित महिला को एक हफ्ते से तेज बुखार, खांसी और सर्दी थी. उनके पति ने उन्हें अंबिकापुर में जिला अस्पताल ले जाने के लिए एक वाहन किराये पर लिया था.

उन्हें सूरजपुर जिले की सीमा को पार करना था, जहां चेक पॉइंट पर उन्हें तैनात पुलिसकर्मियों ने रोक लिया.

सूरजपुर कलेक्टर रामबीर शर्मा का कहना है कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने दंपति को जाने से रोकने से इनकार किया है लेकिन पीड़ित ने पुलिस पर आरोप लगाया है. मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इस मामले को सुलझा लेंगे.’

ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि जिस गाड़ी को किराये पर लिया गया था, उसका ड्राइवर वापस लौटते हुए उन्हें सड़क पर छोड़कर भाग गया, लगभग घंटेभर बाद एक ट्रैक्टर का इंतजाम हुआ तब पीड़ित परिवार शव लेकर गांव लौटा.

मामले में जांच के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा ने एक अधिकारी को नियुक्त किया है.