राजस्थान: पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य मृत मिले, आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज

मामला राजस्थान के जोधपुर ज़िले के देचु का है. हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले थे. ये दीर्घकालिक वीज़ा पर 2015 में यहां आए थे और तभी से यहां रह रहे थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला राजस्थान के जोधपुर ज़िले के देचु का है. हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले थे. ये दीर्घकालिक वीज़ा पर 2015 में यहां आए थे और तभी से यहां रह रहे थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जयपुर: राजस्थान के जोधपुर जिले में एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य रविवार को एक खेत में मृत पाए गए. पुलिस ने यह जानकारी दी.

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान बुधराम (75), उनकी पत्नी अंतरा देवी, बेटे रवि (31), बेटी जिया (25) और सुमन (22), पौत्रों मुकदस (17) और नैन (12) के अलावा लक्ष्मी (40) और केवल राम के तीन नाबालिग बेटों के तौर पर हुई है.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले ये लोग दीर्घकालिक वीजा पर 2015 में यहां आए थे और तभी से यहां रह रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बरहाट ने बताया कि दंपति की तीन बेटियों में से एक प्रशिक्षित नर्स थी.

परिवार का एक सदस्य केवल राम (35) देचु इलाके के लोडता गांव में उस झोपड़ी के बाहर मिला है, जहां ये लोग रहते थे. यह इलाका जोधपुर शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है.

बरहाट ने कहा, ‘उसने (केवल राम) घटना की कोई जानकारी न होने का दावा किया. ऐसा माना जा रहा है कि यह घटना रात की है.’

बरहाट ने कहा, ‘हमें मौत की वजह और तरीके का अभी पता नहीं चला है लेकिन ऐसा लग रहा है कि परिवार के सभी सदस्यों ने रात में किसी रसायन का सेवन कर आत्महत्या की है.’

उन्होंने बताया कि झोंपड़ी के आसपास किसी रसायन की बदबू आ रही थी जिससे लगता है कि उन्होंने किसी चीज का सेवन किया है.

भील समुदाय से जुड़े परिवार के सभी सदस्य पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी थे और गांव में खेत में रह रहे थे जिसे उन्होंने खेतीबाड़ी के लिए छह महीने पहले बटाई पर लिया था.

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘किसी के भी शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं हैं और न ही किसी तरह की साजिश के सबूत हैं. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि किसी मुद्दे को लेकर परिवार में विवाद था.’

उन्होंने कहा, ‘केवल राम से पूछताछ करने के बाद ही हम इस घटना के बारे में कुछ कहने की स्थिति में होंगे.’

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मृतकों को केवल राम की पत्नी के परिवार से खतरा था. उन्होंने कहा, ‘कुछ विवाद की वजह से वह बीते कुछ समय से जोधपुर में अपने परिवार के साथ रह रही है. यह खुदकुशी की संभावित वजह हो सकती है.’

केवल राम के मुताबिक, उन्होंने शनिवार रात नौ से 10 बजे के बीच खाना खाया और सोने चले गए थे. उन्होंने बताया, ‘मैं जानवरों से फसल की रखवाली के लिए चला गया और वहीं सो गया था.’

सुबह जब वह लौटे तो परिवार के सभी सदस्यों को मृत पाया.

घटना को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए केवल राम ने कहा, ‘मैंने फिर अपने रिश्तेदार को फोन किया जो कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी.

शवों को पोस्टमार्टम के लिए जोधपुर भेजा गया है और मौत की वजह जानने के लिए चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है.

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बरहाट के अनुसार, ‘केवल राम ने बताया कि वह और उसके भाई रवि की शादी एक अन्य पाकिस्तानी शरणार्थी परिवार की दो बहनों से हुई थी जो जोधपुर के मंडोर में रह रही हैं. बहनें देचु आने से इनकार कर रही थीं और इसको लेकर उनके परिवार में कई सालों से विवाद चल रहा था. विवाद का एक कारण बच्चों के संरक्षण का अधिकार था. केवल राम के चार बच्चे हैं, जिसमें से एक उनकी पत्नी के साथ रहता है, जबकि बाकी तीन उनके साथ रहते थे.’

ये तीनों उन पांच बच्चों में शामिल हैं, जो मृत पाए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 306 ( आत्महत्या करने के लिए उकसाना) के तहत एक एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.

इस बीच जोधपुर से सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कार्यशैली पर सवाल उठाती है.

शेखावत ने ट्वीट किया, ‘जोधपुर देचू में एक दर्जन पाक विस्थापित नागरिकों की मृत्यु अशोक गहलोत की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है!’

उन्होंने कहा है, ‘मृतकों में 2 पुरुष, 4 महिलाएं और 5 बच्चे हैं। एक के बाद एक, प्रदेश की बिगड़ी व्यवस्था की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं! सरकार त्वरित कार्यवाही कर तथ्यों को सामने लाए!’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)