राजस्थान सियासी संकट: राहुल और प्रियंका गांधी से मिले सचिन पायलट

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया ताकि सचिन पायलट एवं उनके समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का निदान हो सके और मामले का उचित समाधान किया जा सके.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ सचिन पायलट. (फोटो साभार: ट्विटर)

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया ताकि सचिन पायलट एवं उनके समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का निदान हो सके और मामले का उचित समाधान किया जा सके.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ सचिन पायलट. (फोटो साभार: ट्विटर)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ सचिन पायलट. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले वाले पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात और मामले के ‘उचित समाधान’ के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला होने के बाद प्रदेश में सियासी संकट का पटाक्षेप होता नजर आ रहा है.

पिछले कई हफ्तों से चल रही सियासी उठापठक के बीच पायलट ने राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से करीब दो घंटे तक मुलाकात की तथा उनके समक्ष अपना पक्ष विस्तार से रखा.

इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया, ताकि पायलट एवं उनके समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का निदान हो सके और मामले का उचित समाधान किया जा सके.

कांग्रेस की ओर से तीन सदस्यीय समिति के गठन के फैसले की घोषणा होने के बाद पायलट और उनके समर्थक विधायक पार्टी का वाररूम कहे जाने वाले ‘15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड’ पहुंचे जहां उन्होने प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक की.

इस मुलाकात के बाद पायलट ने कहा कि उनकी पद की लालसा नहीं है और उनके मुद्दे सैद्धांतिक हैं, जो उन्होंने पार्टी आलाकमान के समक्ष रख दिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा.

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई.

वेणुगोपाल ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पायलट एवं अन्य नाराज विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के निदान एवं उचित समाधान तक पहुंचने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगी.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक दूसरे का परस्पर सम्मान करते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ेगी.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी की दखल से राजस्थान में राजनीतिक संकट का सौहार्दपूर्ण हल निकाल लिया गया. उन्होंने कहा, ‘यह कांग्रेस में एकजुटता और कांग्रेस विधायकों की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे भाजपा के जाल में नहीं फंसे.’

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे और पायलट को क्या भूमिका दी जानी चाहिए, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है.

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार और संगठन के कई ऐसे मुद्दे थे जिनको हम रेखांकित करना चाहते थे. चाहे देशद्रोह का मामला हो, एसओजी जांच का विषय हो या फिर कामकाज को लेकर आपत्तियां हों, उन सभी के बारे में हमने आलाकमान को बताया.’

उन्होंने कहा, ‘हमने शुरू से यह बात कही कि जो हमारे मुद्दे हैं, वे सैद्धांतिक हैं. मुझे लगता था कि ये पार्टी के हित में हैं और इनको उठाना बहुत जरूरी है. हमने ये सारी बातें आलाकमान के समक्ष रखी हैं.’

पायलट ने कहा, ‘हमारी जवाबदेही बनती है कि हम कैसे वादों को पूरा करें. पार्टी ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करना जरूरी है. मुझे लगता है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.’

पायलट ने कहा, हमारी शिकायतों पर ध्यान देने के लिए मैं सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका जी और कांग्रेस नेताओं का धन्यवाद करता हूं. मैं अपने विश्वास पर कायम हूं और राजस्थान के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए एक बेहतर भारत के लिए काम करना जारी रखूंगा.

उन्होंने कहा, ‘पूरे प्रकरण के दौरान बहुत सारी बातें की गईं और यहां तक कि मेरे बारे में भी बहुत बातें हुईं. व्यक्तिगत तौर पर कुछ ऐसी बातें हुईं जिनका मुझे भी बुरा लगा, लेकिन संयम बनाए रखना चाहिए. राजनीति में व्यक्तिगत दुर्भावना की कोई जगह नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने पांच साल तक मेहनत कर यह सरकार बनाई है. इस सरकार में सभी की भागीदारी है.’

पायलट ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हमारी बात सुनी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं- राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और हम सभी ने विस्तार से चर्चा की. विधायकों की बातों को उचित मंच पर रखा गया है. मुझे आश्वासन दिया गया है कि तीन सदस्यीय समिति बनाकर तमाम मुद्दों का निराकरण किया जाएगा.’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘पार्टी पद देती है, पार्टी पद ले भी सकती है. मुझे पद की बहुत लालसा नहीं है. हम चाहते हैं कि जिस मान-सम्मान और स्वाभिमान की बात की जाती है, वह बनी रहे. 15 वर्षों से पार्टी के लिए, जो मेहनत की है, उसे पार्टी भी जानती है.’

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे लगता था कि डेढ़ साल की सरकार में काम करने के बाद मेरा अनुभव रहा है, वो मैं कांग्रेस आलाकमान के समक्ष लेकर जाऊं. मुझे लगता है कि उनका निवारण होगा.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किए गए हमलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमने कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल और आचरण नहीं किया, जो हमारे योग्य नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी जवाबदेही बनती है कि हम कैसे वादों को पूरा करें. पार्टी ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करना जरूरी है. मुझे लगता है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.’

बता दें कि पायलट की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है. 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा.

मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था. बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके थे कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे.

पायलट और उनके साथी 18 अन्य विधायकों की बगावत के कारण गहलोत सरकार मुश्किल में आ गई थी. गहलोत और कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए पिछले कई हफ्तों से जुटे हुए थे. पहले विधायकों को जयपुर के होटल में रखा गया था. बाद में उन्हें जैसलमेर के एक होटल में भेज दिया गया.

इस बीच, पायलट के समर्थक माने जाने वाले विधायक भंवर लाल शर्मा ने सोमवार शाम जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की.

उन्होंने कहा, ‘वहां कोई कैंप नहीं था, किसी को बंधक नहीं बनाया गया था. भंवर लाल को कभी बंधक नहीं बनाया जा सकता है. मैं वहां अपनी मर्जी से गया था और मैं यहां अपनी मर्जी से आया हूं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं ऑडियो के बारे में कुछ नहीं जानता हूं. मैं एक गजेंद्र सिंह को जानता हूं. मैं किसी शेखावत को नहीं जानता हूं. कोई ऑडियो नहीं है, यह एक झूठ है. मैं संजय जैन को नहीं जानता हूं.’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को गिरफ्तार करने की मांग की है और आरोप लगाया है कि वह पार्टी के एक बागी विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ मिलकर अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हैं.

इन दोनों टेप में कथित रूप से गहलोत सरकार को गिराने के लिए किए गए षड्यंत्र से जुड़ी बातचीत रिकॉर्ड है. राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने दोनो ऑडियो क्लिप के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है.

हालांकि शेखावत ने कहा है कि ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. शर्मा एवं भाजपा ने इस ऑडियो को फर्जी बताया है. भाजपा ने इन टेपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.

पायलट के साथ ‘सुलह’ के बाद कांग्रेस नेताओं ने खुशी जताई

सचिन पायलट की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मंगलवार को कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी में उनकी ‘वापसी का स्वागत’ किया.

वरिष्ठ पार्टी नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘स्वागत है सचिन. राजस्थान के निर्माण का एक सकारात्मक और शानदार दौर इंतजार कर रहा है.’

इससे पहले कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पायलट और अंसतुष्ट विधायकों के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करने का फैसला किया है.

सिंघवी ने राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन समेत उनकी टीम को भी बधाई दी.

सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी जी के खुद हस्तक्षेप करने के बाद राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक संकट सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझ गया है.’

उन्होंने कहा, ‘यह कांग्रेस में एकजुटता और कांग्रेस विधायकों की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे भाजपा के जाल में नहीं फंसे.’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि अंतत: राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रयासों से राजस्थान कांग्रेस का विवाद सुलझ गया. उन्होंने कहा, ‘अब हर किसी को राजस्थान की जनता से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए.’

पार्टी सांसद शशि थरूर ने कहा कि पायलट और हम सभी के लिए सुलह का रास्ता सर्वश्रेष्ठ है. कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने भी खुशी जताते हुए कहा कि हम अपने एक साथी को साथ रखने में सफल रहे.

प्रसाद ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी के नेतृत्व और प्रियंका गांधी के प्रयासों के चलते आज हम अपने साथी सचिन पायलट को अपने साथ रखने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने  कहा, ‘यह कांग्रेस की लोकतांत्रिक भावना है जहां विरोध और विमर्श के लिए गुंजाइश है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)