पिछले साल इस्तीफ़ा देकर वापस लेने वाले 48 पायलटों को एयर इंडिया ने अचानक बर्ख़ास्त किया

इन 48 पायलटों ने समय पर वेतन और भत्ते न मिलने के कारण पिछले साल इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन फिर छह महीने की नोटिस अवधि के भीतर इस्तीफ़ा वापस ले लिया था. एयर इंडिया ने इन्हें बर्ख़ास्त करने के पीछे का कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया है.

(फोटो: पीटीआई)

इन 48 पायलटों ने समय पर वेतन और भत्ते न मिलने के कारण पिछले साल इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन फिर छह महीने की नोटिस अवधि के भीतर इस्तीफ़ा वापस ले लिया था. एयर इंडिया ने इन्हें बर्ख़ास्त करने के पीछे का कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया है.

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नई दिल्ली: एयर इंडिया ने 13 अगस्त की रात 48 पायलटों को बर्खास्त कर दिया. इन 48 पायलटों ने पिछले साल इस्तीफा देने के बाद नियमों के अनुसार छह महीने के नोटिस पीरियड के अंदर अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. ये पायलट एयर इंडिया के एयरबस 320 बेड़े को उड़ा रहे थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पायलटों के इस्तीफे वापस लेने को पहले स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन 13 अगस्त को अचानक उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं.

बर्खास्तगी पत्र में इस फैसले के लिए एयर इंडिया ने विमान सेवा की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया.

पत्र में कहा गया हैं, ‘मौजूदा सेवाएं कोविड-19 से पहले के मुकाबले बेहद कम हैं और निकट भविष्य में इसके बढ़ने की कम संभावनाएं हैं. कंपनी भारी घाटा उठा रही है और उसके पास भुगतान करने की वित्तीय क्षमता नहीं है.’

बर्खास्त किए गए कुछ पायलटों ने शुक्रवार (14 अगस्त) को उड़ान भी भरी क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि एक दिन पहले 13 अगस्त को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.

इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने अब एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को एक पत्र लिखा है और पायलटों की गैरकानूनी बर्खास्तगी में दखल देने की मांग की है.

बीते शुक्रवार को पायलटों के संगठन ने लिखा, ‘हमने हाल ही में पायलटों के प्रति कार्मिक विभाग के पूर्वाग्रह और ज्यादतियों पर प्रकाश डालने के लिए आपको लिखा था. उस पत्र की स्याही सूखने से पहले ही कार्मिक विभाग ने एक बार फिर सभी नियमों और कानून को तोड़ दिया है. कल (13 अगस्त) रात लगभग 50 पायलटों को कंपनी के ऑपरेशन मैनुअल और सेवा नियमों के उल्लंघन में कार्मिक विभाग से अवैध बर्खास्तगी पत्र प्राप्त हुए हैं.’

इसमें आगे कहा गया है, ‘जुलाई 2019 तक अपना इस्तीफा देने वाले पायलटों ने उन्हें अनिवार्य रूप से छह महीने की नोटिस अवधि के भीतर वापस ले लिया था, फिर भी अचानक पिछली रात (13 अगस्त) 10 बजे से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं.’

संगठन के मुताबिक, कंपनी द्वारा पायलटों को 13/08/2020 को जारी बर्खास्तगी पत्र में पिछले साल इस्तीफा देने के बाद इन्हें वापस लेने को स्वीकृति प्रदान करने की बात है. अब उन्हें अचानक बर्खास्त कर देना, कानून का उल्लंघन है. यह कैसे उचित है?

बंसल को लिखे गए पत्र में आईसीपीए ने यह खुलासा भी किया है कि 13 अगस्त 2020 को तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी का पत्र जारी करने के बाद भी एक पायलट ने 14 अगस्त को एआई 804/506 विमान उड़ाया था.

पत्र की एक प्रति केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी को भी भेजी गई है.

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