असम राइफल्स के अधिकारी भूल जाते हैं कि मिज़ोरम में आफस्पा लागू नहीं है: राज्य सरकार

मिज़ोरम के गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव रामदीन लियानी ने बताया कि मुख्य सचिव ने 24 अगस्त को केंद्रीय गृह सचिव को दो पत्र लिखकर असम राइफल्स द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोहों का ‘बहिष्कार’ करने तथा कोरोना स्क्रीनिंग प्रोटोकॉलों के कथित उल्लंघन के बारे में जानकारी दी है.

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मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा. (फोटो साभार: एएनआई)

मिज़ोरम के गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव रामदीन लियानी ने बताया कि मुख्य सचिव ने 24 अगस्त को केंद्रीय गृह सचिव को दो पत्र लिखकर असम राइफल्स द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोहों का ‘बहिष्कार’ करने तथा कोरोना स्क्रीनिंग प्रोटोकॉलों के कथित उल्लंघन के बारे में जानकारी दी है.

मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा. (फोटो साभार: एएनआई)
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा. (फोटो साभार: एएनआई)

आइजोल: मिजोरम सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि असम राइफल्स के लोग असैन्य प्रशासन के साथ अवमाननापूर्ण व्यवहार करते हैं और वे भूल जाते हैं कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में अब ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम’ (आफस्पा) प्रभाव में नहीं है.

राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव रामदीन लियानी ने बुधवार को बताया कि मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआउंगो ने 24 अगस्त को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को दो पत्र लिखकर असम राइफल्स द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोहों का ‘बहिष्कार’ करने तथा कोरोना स्क्रीनिंग प्रोटोकॉलों के कथित उल्लंघन के बारे में जानकारी दी है.

एक पत्र में कहा गया, ‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि असम राइफल्स और राज्य प्रशासन के बीच कोई मुद्दा इतना गंभीर नहीं है कि इसे खुले दिमाग से बातचीत के जरिये नहीं सुलझाया जा सके.’

इसमें कहा गया है, ‘असम राइफल्स को याद नहीं है कि मिजोरम शांतिपूर्ण राज्य है जहां आफस्पा कानून लंबे समय पहले वापस ले लिया गया है और असैन्य प्रशासन से बर्ताव में उनकी संवेदनहीनता तथा अवमानना असम राइफल्स और असैन्य प्रशासन के बीच अच्छे रिश्तों तथा सहयोग के रास्ते में आड़े आ रही हैं.’

मिजोरम सरकार ने आरोप लगाया कि असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशासन द्वारा 11 अगस्त को एक ‘वरीयता क्रम’ (डब्ल्यूओपी) जारी किए जाने के बाद राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोहों में भाग नहीं लिया.

इस डब्ल्यूओपी में मिजोरम में पदस्थ असम राइफल्स के ब्रिगेडियर को राज्य सरकार के सचिव, मुख्य वन संरक्षक और सत्र न्यायाधीश तथा उपायुक्तों के समकक्ष रखा गया था.

पत्र में कहा गया कि असम राइफल्स ने निमंत्रण लौटाते हुए कहा कि वह खिन्न है, क्योंकि बिना उसके साथ परामर्श किये डब्ल्यूओपी जारी किया गया.

दूसरे पत्र में कहा गया कि मिजोरम में असम राइफल्स के प्रमुख का निजी अहम और उनका यह नहीं मानना कि पूरा पूर्वोत्तर ‘अशांत क्षेत्र’ नहीं है, असम राइफल्स और राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्तों में आड़े आता लग रहा है.

गृह मंत्री लालचमलियाना ने 24 अगस्त को सेक्टर 23 असम राइफल्स के डीआईजी, ब्रिगेडियर विनोद एस. से इस मामले पर बातचीत की थी.

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