इंडियन एयरलाइंस का विमान हाईजैक करने वाले शख़्स को सम्मानित करेगा अकाल तख़्त: रिपोर्ट

1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ़्तारी के विरोध में दल खालसा के पांच सदस्यों द्वारा दिल्ली से श्रीनगर जाने वाले इंडियन एयरलाइंस के एक विमान को 117 यात्रियों समेत हाईजैक किया गया था. अब अकाल तख़्त दल खालसा के 11 लोगों को विभिन्न सम्मानों से नवाज़ रहा है, जिनमें हाईजैक में शामिल एक शख़्स भी है.

डल खालसा के प्रवक्ता कंवर पाल सिंह (फोटो साभारः फेसबुक)

1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ़्तारी के विरोध में दल खालसा के पांच सदस्यों द्वारा दिल्ली से श्रीनगर जाने वाले इंडियन एयरलाइंस के एक विमान को 117 यात्रियों समेत हाईजैक किया गया था. अब अकाल तख़्त दल खालसा के 11 लोगों को विभिन्न सम्मानों से नवाज़ रहा है, जिनमें हाईजैक में शामिल एक शख़्स भी है.

दल खालसा के प्रवक्ता कंवर पाल सिंह (फोटो साभारः फेसबुक)
दल खालसा के प्रवक्ता कंवर पाल सिंह (फोटो साभारः फेसबुक)

अमृतसरः सिखों के पांच तख्तों में से एक अकाल तख्त ने साल 1981 में इंडियन एयरलाइंस के एक विमान को हाईजैक करने वाले दल खालसा संगठन के पांच सदस्यों में से एक गजिंदर सिंह को पंथ सेवक सम्मान से सम्मानित करने का फैसला किया है.

29 सितंबर 1981 को दिल्ली से श्रीनगर जाने वाले इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या आईसी423 को दल खालसा के पांच सदस्यों ने हाईजैक कर लिया था. विमान को हाईजैक कर लाहौर ले जाया गया था. इस विमान में 117 लोग सवार थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अकाल तख्त ने दल खालसा के 11 सदस्यों को विभिन्न सम्मानों से सम्मानित करने का फैसला किया है, जिनमें गजिंदर सिंह भी है.

इस सम्मान को न्यायोचित ठहराते हुए दल खालसा के प्रवक्त कंवर पाल सिंह ने कहा, ‘गजिंदर सिंह पर भारत के दृष्टिकोण पर हमारी भारी आपत्ति है. सरकार द्वारा उसे आतंकी करार देने का फैसला न्यायोचित नहीं है. वह हत्यारा या अपराधी नहीं है. वह राजनीतिक शख्स है. वह सिस्टम को बदलना चाहता है. उन्होंने कभी भी किसी धर्म या संस्कृति के खिलाफ किसी तरह का पूर्वाग्रह य भेदभाव नहीं किया है.’

उन्होंने कहा, ‘वह सिख अधिकारों के लिए लड़ा है लेकिन उसने मिशन को पूरा करने के लिए कभी हथियार नहीं उठाया. उनके खिलाफ लगे राजद्रोह के आरोप आतंकवाद के दायरे में नहीं आते. राजद्रोह आतंकवादी कृत्य नहीं है. वह इसके लिए पहले ही 13 साल और चार महीने लाहौर जेल में काट चुके हैं.’

कंवल पाल ने कहा, ‘दल खालसा के कार्यकर्ता विमान को हाईजैक कर लाहौर ले गए थे लेकिन उनमें से किसी के पास भी हथियार नहीं था और उन्होंने किसी भी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचाया था. हाईजैक के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 1982 में दल खालसा पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस संगठन को एक दशक बाद दोबारा अनुमति दी गई.’

कंवल पाल ने कहा, ‘गजिंदर सिंह जुलाई 1996 में जर्मनी चले गए थे और उन्होंने अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू की थी. हालांकि गजिंदर सिंह को वापस पाकिस्तान प्रत्यर्पित करने के विरोधस्वरूप हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जर्मनी की प्रशासनिक अदालत में याचिका दायर की थी और वह तभी से निर्वासन में हैं.’

इंडियन एयरलाइंस को हाईजैक करने वालों में गजिंदर सिंह के अलावा तेजिंदरपाल सिंह, सतनाम सिंह, जसबीर सिंह चीमा और करण सिंह हैं.

बता दें कि तेजिंदरपाल 1997 में भारत लौटे थे जबकि सतनाम 1999 में. अगस्त 2018 में दिल्ली की एक अदालत ने दोनों को देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों से यह कहते हुए बरी कर दिया था कि उन्हें संदेह का लाभ दिया जाता है क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा है.

मालूम हो कि 1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ्तारी के विरोध में इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक किया गया था.

गजिंदर और उनके चारों साथियों को 30 सितंबर को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था. उन्हें 1994 में रिहा किया गया, जिनमें से दो हाईजैकर भारत लौट आए थे जबकि तीन पाकिस्तान में ही रहे.

भारत ने गजिंदर सिंह का नाम जनवरी 2002 में मोस्ट वांटेंड आतंकियों की सूची में डाल दिया था और वह लगातार पाकिस्तान से उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा था.

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