उमर ख़ालिद ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र, दंगे में फ़ंसाने की साज़िश का आरोप लगाया

जेएनयू के पूर्व छात्र कार्यकर्ता उमर ख़ालिद ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी उन्हें फ़ंसाने के लिए उनके परिचितों को डरा-धमकाकर फ़र्ज़ी बयान देने को मजबूर कर रहे हैं.

उमर खालिद. (फोटो साभार: फेसबुक/@MuhammedSalih)

जेएनयू के पूर्व छात्र कार्यकर्ता उमर ख़ालिद ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी उन्हें फ़ंसाने के लिए उनके परिचितों को डरा-धमकाकर फ़र्ज़ी बयान देने को मजबूर कर रहे हैं.

उमर खालिद. (फोटो साभार: फेसबुक@MuhammedSalih)
उमर खालिद. (फोटो साभार: फेसबुक@MuhammedSalih)

नई दिल्ली: जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि इस साल फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में उन्हें फंसाने के लिए जांचकर्ताओं द्वारा उनके परिचितों पर दबाव बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ फर्जी बयान दर्ज किया जा रहा है.

बीते एक सितंबर को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव को लिखे पत्र में खालिद ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 29 अगस्त को उनके एक परिचित से मुलाकात की और उन पर दबाव डाला कि वे बयान दें कि मैं (उमर खालिद) मौके का फायदा उठाकर ‘दिल्ली में चक्का जाम’ की तैयारी कर रहा था.

उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में छह-सात बार मेरे परिचित को स्पेशल सेल द्वारा बुलाया गया है और पुलिस द्वारा पहले से ही तैयार एक बयान को अपना बयान कहने पर मजबूर किया जा रहा है.

खालिद ने कहा कि जब मैंने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस उनसे कुछ इस तरह के बयान देने को बोल रही है:

भारत सरकार द्वारा सीएए का कानून पास होने के बाद मुस्लिम समुदाय में काफी रोष था. इस कानून को मुस्लिम विरोधी समझा जाने लगा. इसको लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और मीटिंग होनी लगी. ऐसी ही एक मीटिंग 26 दिसंबर, 2019 को इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट, लोधी रोड में हुई थी जिसमें मैं गया था. इस मीटिंग में जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी, जेएनयू, डीयू के छात्र थे. मीटिंग में यूएएस (यूनाइटेड अगेंस्ट हेट) के भी मेंबर थे. मुझे ये भी पता चला कि हम भारत के लोग के मेंबर भी थे. 

मुझे पता चला कि दिल्ली में अलग-अलग जगह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शाहीन बाग प्रोटेस्ट खड़े करने हैं. और इन प्रोटेस्ट में ज्यादा से ज्यादा औरतों और बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिससे पुलिस कार्रवाई न कर सके. उमर खालिद ने बोला सही वक्त आने पर हम दिल्ली में चक्का जाम करेंगे जिससे सरकार को ये कानून वापस लेना पड़े. 28/12/2019 को दिल्ली प्रोटेस्ट ग्रुप वॉट्सऐप पर बनाया गया.

उमर खालिद ने पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में कहा है कि जब मेरे परिचित ने अधिकारियों को साफ-साफ कहा कि जैसा बयान वो देने के लिए बोल रहे हैं, उसमें से अधिकतर चीजें उनके सामने हुई ही नहीं हैं.

इस पर अधिकारी ने पहले तो दबाव डाला कि यही हुआ था और वे स्वीकार करें, लेकिन जब मेरे जानने वाले ने लगातार इससे इनकार किया तो तब पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे उन बयानों को अंडरलाइन करें जो वास्तविकता में नहीं हुआ था.

खालिद ने कहा कि इस पर मेरे परिचित ने इन बातों को अंडरलाइन किया:

मुझे ये भी पता चला कि हम भारत के लोग के मेंबर भी थे. मुझे पता चला कि दिल्ली में अलग-अलग जगह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शाहीन बाग प्रोटेस्ट खड़े करने हैं. और इन प्रोटेस्ट में ज्यादा से ज्यादा औरतों और बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिससे पुलिस कार्रवाई न कर सके. उमर खालिद ने बोला सही वक्त आने पर हम दिल्ली में चक्का जाम करेंगे, जिससे सरकार को ये कानून वापस लेना पड़े.

उमर खालिद ने कहा कि इसके बाद अधिकारी ने कहा कि वे इस शर्त पर इन लाइनों को हटा देंगे कि वे दंगे में मेरे परिचित की भूमिका के बारे में लिखेंगे कि किस तरह वे भी चक्का जाम करने में शामिल थे.

कार्यकर्ता ने कहा कि बाद में पुलिस एक फॉर्म लेकर आई जिस पर यूएपीए लिखा हुआ था और गिरफ्तारी मेमो जैसा प्रतीत हो रहा था. उन्होंने मेरे जानने वाले को धमकाते हुए कहा कि या तो वो पिछला बयान हूबहू स्वीकार करें या फिर इस पत्र पर हस्ताक्षर करें. मजूबर होकर उन्हें ‘पुलिस के बने-बनाए बयान’ को स्वीकार करना पड़ा.

उमर खालिद ने कहा कि पुलिस ने कैमरे के सामने इन बयानों को फिर से पढ़वाया और इसे फाइनल करने के लिए अधिकारी ने बयान को डीसीपी के सामने पेश किया, जिन्होंने उसमें एक और लाइन जोड़ दिया- ‘इस प्रोटेस्ट को लंबे समय तक चलाने और 24 घंटे चलाने के लिए फंड भी दिए जाएंगे.’

खालिद ने पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव से कहा कि ये पहला मौका नहीं है जब इस तरह के दबाव डालकर और डरा-धमकाकर गलत बयान दर्ज कराए जा रहे हैं.

यहां तक कि विशेष रूप से मेरे खिलाफ पुलिस ताहिर हुसैन से एक ‘कबूलनामा’ प्राप्त करने का दावा करती है, जहां वह कथित रूप से कहते हैं कि खालिद सैफी ने 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में पीएफआई कार्यालय में उनके और मेरे बीच एक बैठक आयोजित की थी.

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है और इसमें नाममात्र की भी सच्चाई नहीं है, क्योंकि मैं ताहिर हुसैन से कभी नहीं मिला और न पीएफआई कार्यालय में रहा हूं. ये बात मैंने पहले ही सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर दिया है.

जब 31 जुलाई 2020 को स्पेशल सेल द्वारा मुझसे सवाल किया गया था, तो मुझे ताहिर हुसैन से इस कथित मुलाकात के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया था.

उमर खालिद ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा ये पत्र लिखने के कारण उनके परिचित को परेशान नहीं किया जाएगा.

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25