रिपोर्ट के मुताबिक करीब 10.3 करोड़ भारतीयों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है.
अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी द्वारा जारी एक्शनएड इंडिया की रिपोर्ट ‘एलिमिनेटिंग चाइल्ड मैरिज इन इंडिया: प्रोग्रेस एंड प्रॉस्पेक्ट्स’ में बताया गया है कि इन 10 .3 करोड़ में से करीब 8.52 करोड़ लड़कियां हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में दुनिया की करीब 33 प्रतिशत बाल वधुएं हैं और करीब 10.3 करोड़ भारतीयों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है.
रिपोर्ट में 2011 की जनगणना आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद कहा गया कि देश में हो रहे 10.3 करोड़ बाल विवाहों की संख्या फिलीपीन्स (10 करोड़) और जर्मनी (8 करोड़) की कुल जनसंख्या से भी अधिक है.
रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व में हर मिनट में 28 बाल विवाह हो रहे हैं. बालिकाओं के बाल विवाह को रोकने से तकरीबन 27 हजार नवजातों, 55 हजार शिशुओं की मौत और 1,60,000 बच्चों को मौत से बचाया जा सकता है.
21 जुलाई को रिपोर्ट जारी करते हुए शबाना ने कहा, ‘पितृसत्ता बाल विवाह की जड़ में है और बाल विवाह रोकने के लिए पितृसत्ता से पूरी तरह से निपटना होगा. लड़कियों को शिक्षित करना और उनमें भरोसा पैदा करना होगा ताकि वे बाल विवाह का विरोध करें और अपने जीवन के बारे में खुद फैसला करें.
उन्होंने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट में बताई गई संख्या बड़ी है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए.