मेघालय: विश्वविद्यालय कुलपति के कार्यकाल विस्तार के ख़िलाफ़ राष्ट्रपति को पत्र लिखा

मेघालय की नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी की संयुक्त एक्शन समिति ने कहा है कि कुलपति एसके श्रीवास्तव के वित्तीय कुप्रबंधन के बाद भी अगर उनका कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो यह ग़लत होगा. उनका कार्यकाल बढ़ाने से मेघालय और उत्तर-पूर्वी इलाके में इस विश्वविद्यालय के विनाश को बढ़ावा मिलेगा.

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मेघालय की नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (फोटो साभारः यूनिवर्सिटी वेबसाइट)

मेघालय की नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी की संयुक्त एक्शन समिति ने कहा है कि कुलपति एसके श्रीवास्तव के वित्तीय कुप्रबंधन के बाद भी अगर उनका कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो यह ग़लत होगा. उनका कार्यकाल बढ़ाने से मेघालय और उत्तर-पूर्वी इलाके में इस विश्वविद्यालय के विनाश को बढ़ावा मिलेगा.

मेेघालय की नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (फोटो साभारः यूनिवर्सिटी वेबसाइट)
मेेघालय की नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (फोटो साभारः यूनिवर्सिटी वेबसाइट)

शिलांगः मेघालय की नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू) के शिक्षकों, गैर शिक्षण स्टाफ और छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय के कुलपति एसके श्रीवास्तव के कार्यकाल विस्तार का विरोध किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में कुलपति की तरफ से वित्तीय कुप्रबंधन और अपने कर्तव्यों का पालन न करने का हवाला देकर उनके कार्यकाल विस्तार का विरोध किया गया है.

कुलपति एसके श्रीवास्तव का कार्यकाल 23 सितंबर को समाप्त हो रहा है.

कुलपति श्रीवास्तव ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.’

बीते हफ्ते संयुक्त एक्शन समिति (जेएसी) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को यह पत्र भेजा है. इस समिति में शिक्षक संघ, गैर शिक्षण स्टाफ सदस्य और छात्र-छात्राएं शामिल हैं.

जेएसी के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर एक्सपी माओ ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति से अपील की है कि मौजूदा कुलपति को कार्यकाल विस्तार नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने सभी तरह की रैंकिंग में यूनिवर्सिटी को सबसे निचले पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है. इसके अलावा वह वित्तीय कुप्रबंधन में भी शामिल रहे हैं.’

जेएसी की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया, ‘प्रोफेसर एसके श्रीवास्तव द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने और उनके वित्तीय कुप्रबंधन के बाद भी अगर उनका कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो यह नैतिक आधार पर गलत होगा, क्योंकि शिक्षकों, गैर शिक्षण स्टाफ सदस्यों और छात्र-छात्राओं ने शांतिपूर्ण विरोध और प्रदर्शन के बाद उनके खिलाफ इन मुद्दों को उठाया है.’

बयान में कहा गया, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रोफेसर एसके श्रीवास्तव के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, जिसमें त्वरित सुधार नहीं हो सकता. उनका कार्यकाल बढ़ाने से मेघालय और उत्तर-पूर्वी इलाके में इस विश्वविद्यालय के विनाश को प्रत्यक्ष बढ़ावा मिलेगा.’

जेएसी के मुताबिक, ‘अगर श्रीवास्तव का कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो वह नए कुलपति की चुनाव प्रक्रिया को अनुचित तरीके से प्रभावित करेंगे, क्योंकि इसके लिए चुनाव प्रक्रिया पहले ही जारी है.’

जेएसी ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग श्रीवास्तव के खिलाफ लगे उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही हैं.