गांधी जयंती विशेष: कलम के सिपाही गांधी
वीडियो: महात्मा गांधी की किताबों के पन्ने पीले ज़रूर पड़ गए हैं, पर उनके सबक आज भी साफ़-साफ़ दिखते हैं. गांधी जी अपने जीवन का आधार किताबों को मानते थे, शायद यही वजह है कि एक तरफ़ वे ऊंचे दर्जे के पाठक थे तो दूसरी ओर उनकी कलम का भी विस्तार पटल बेहद व्यापक है. उन्होंने अनेक किताबें लिखी हैं, अनुवाद किए हैं, संपादन किया है और एक कलम के सिपाही की तरह भी सक्रिय रहे हैं.