महात्मा गांधी की तुलना दीनदयाल उपाध्याय से करने पर राज्यसभा में कांग्रेस का हंगामा

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू का अपमान किया है.

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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू का अपमान किया है.

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मंगलवार को संसद में शपथ लेते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद. (फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा शपथ समारोह के बाद दिए गए भाषण को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को राज्यसभा में हंगामा खड़ा कर दिया. दरअसल मंगलवार को राष्ट्रपति ने शपथ के बाद एक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तुलना महात्मा गांधी से की थी.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सदन में आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम क्यों नहीं लिया?

आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान किया है. इसके जवाब में वित्तमंत्री अरुण जेटली खड़े हुए तो हंगामा शुरू हो गया.

सदन में आनंद शर्मा ने राष्ट्रपति पर महात्मा गांधी का अपमान करने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोई राष्ट्रपति के भाषण पर कैसे सवाल उठा सकता है.

जेटली ने स्पीकर से आग्रह किया कि वे आनंद शर्मा के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाए. हंगामे के बीच सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

राज्यसभा में कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण की आलोचना करते हुए कहा है, ‘दीनदयाल उपाध्याया और महात्मा गांधी की तुलना करना देश का अपमान है. किसी दल के नेता की तुलना महात्मा गांधी से कैसे हो सकती है? रामनाथ कोविंद अब महज़ उम्मीदवार नहीं, बल्कि राष्ट्रपति हैं और बहुत दुःख की बात है कि उन्होंने अपने भाषण में पहले प्रधानमंत्री का नाम नहीं लिया.’

राष्ट्रपति ने मंगलवार को अपने भाषण में कहा था, ‘हमें तेज़ी से विकसित होने वाली एक मज़बूत अर्थव्यवस्था, एक शिक्षित, नैतिक और साझा समुदाय, समान मूल्यों वाले और समान अवसर देने वाले समाज का निर्माण करना होगा… एक ऐसा समाज, जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने की थी… ये हमारे मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है… ये हमारे सपनों का भारत होगा… एक ऐसा भारत, जो सभी को समान अवसर सुनिश्चित करेगा… ऐसा ही भारत, 21वीं सदी का भारत होगा…’

ग़ौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पूरे भाषण में आठ नेताओं का ज़िक्र किया, जिसमें कांग्रेस के छह नेताओं का ज़िक्र था, लेकिन उनके पूरे भाषण में पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी का ज़िक्र नहीं था.

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