बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के 1,065 प्रत्याशियों में से 153 करोड़पति

बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: सत्तारूढ़ राजग के 60 और विपक्षी महागठबंधन के 58 फ़ीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस और राजद जाति-धर्म और परिवार की राजनीति करते हैं. सचिन पायलट ने कहा कि बिहार में कांग्रेस-राजद की सरकार बनेगी. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह राजनीति को अलविदा नहीं कह रहे. चिराग पासवान ने वोटकटवा कहने पर भाजपा नेताओं की आलोचना की.

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Shaikpura: Bihar Chief Minister Nitish Kumar waves at a gathering during an election meeting, in Shaikpura, Thursday, Oct. 15, 2020. (PTI Photo)(PTI15-10-2020 000194B)

बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: सत्तारूढ़ राजग के 60 और विपक्षी महागठबंधन के 58 फ़ीसदी   उम्मीदवार करोड़पति हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस और राजद जाति-धर्म और परिवार की राजनीति करते हैं. सचिन पायलट ने कहा कि बिहार में कांग्रेस-राजद की सरकार बनेगी. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह राजनीति को अलविदा नहीं कह रहे. चिराग पासवान ने वोटकटवा कहने पर भाजपा नेताओं की आलोचना की.

Shaikpura: Bihar Chief Minister Nitish Kumar waves at a gathering during an election meeting, in Shaikpura, Thursday, Oct. 15, 2020. (PTI Photo)(PTI15-10-2020 000194B)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

पटना/भोरे/जीरादेई/जयपुर: बिहार जैसे गरीब राज्य के विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 1,065 प्रत्याशियों में से 153 प्रत्याशी करोड़पति हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, निर्वाचन अधिकारियों के पास जमा हलफनामे के मुताबिक, महागठबंधन के 58 फीसदी और सत्तारूढ़ राजग (एनडीए) के 60 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी कुल संपत्ति एक करोड़ रुपये लेकर 53 करोड़ रुपये तक है.

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और तीन वाम दल शामिल हैं. वहीं, एनडीए में जदयू, भाजपा, हम और वीआईपी हैं.

शीर्ष 10 करोड़पति प्रत्याशियों में सबसे अधिक चार राजद, तीन जदयू और एक-एक कांग्रेस, रालोसपा और लोजपा से हैं.

अटरी विधानसभा क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी और विधान परिषद सदस्य मनोरमा देवी सबसे अमीर हैं और उनकी संपत्ति 53 करोड़ रुपये हैं. कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी राजेश कुमार दूसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. उनकी कुल संपत्ति 33.6 करोड़ रुपये हैं.

नवादा से जदयू प्रत्याशी कौशल यादव तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं और उनकी कुल संपत्ति 26.13 करोड़ रुपये है. उनकी विपक्षी प्रत्याशी और राजद नेता विभा देवी की कुल संपत्ति 22.47 करोड़ रुपये है. वह बाहुबली राजबल्लभ प्रसाद यादव की पत्नी हैं.

छोटे सरकार के नाम से चर्चित मोकमा से राजद प्रत्याशी अनंत सिंह की संपत्ति साल 2015 के विधानसभा चुनाव में 69.5 लाख से बढ़कर इस बार विधानसभा चुनाव में 19.9 करोड़ रुपये हो गई है.

इससे पहले उन्होंने चार बार जदयू और एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा है. सिंह की पत्नी नीलम देवी की संपत्ति भी 2015 में 28 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 68.55 करोड़ रुपये हो गई है.

देहरी से राजद प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह की संपत्ति 12 करोड़ रुपये है, जबकि तारापुर से राजद के प्रत्याशी मेवालाल चौधरी की संपत्ति 11 करोड़ रुपये है.

बांका से रालोसपा प्रत्याशी कौशल कुमार सिंह 10.7 करोड़ रुपये के साथ आठवें धनी प्रत्याशी हैं. बांका से ही लोजपा प्रत्याशी मीना देवी की संपत्ति 10.5 करोड़ रुपये हैं. सांदेश से राजद प्रत्याशी किरण देवी की संपत्ति 10.2 करोड़ रुपये है.

चुनावी हलफनामे के आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, 240 निवर्तमान विधायकों में से 160 करोड़पति हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, जदयू के 69 में से 51 विधायक करोड़पति हैं, राजद के 80 में से 51 विधायक करोड़पति हैं. वहीं, भाजपा के 54 में से 33 विधायक और कांग्रेस के 25 में से 17 विधायक करोड़पति हैं. इसके साथ ही लोजपा के दोनों और एआईएमआईएम विधायक भी करोड़पति हैं.

‘जाति, धर्म और परिवार की राजनीति’ करते हैं कांग्रेस और राजद: योगी आदित्यनाथ

कैमूर जिले के रामगढ़ में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने पिछले 6 वर्षों में बिना भेदभाव के काम किया.

उन्होंने कहा कि केंद्र ने सरकारी योजनाओं का लाभ देने में जाति, मज़हब नहीं पूछा और सबका साथ, सबका विकास के तहत सबको साथ लेकर चलने की कोशिश हुई.

कांग्रेस, राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘विकास और गरीब उनके एजेंडे में नहीं है. किसान, नौजवान, महिलाएं इनके एजेंडे में नहीं हैं. इनके यहां तो एक परिवार की बात होती है.’

राजद पर तंज कसते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस पार्टी के पोस्टर में चार आदमी के अलावा पांचवें का चित्र भी नहीं होता. जहां पोस्टर में जगह नहीं मिलती है, वे सत्ता में क्या जगह देंगे?’

उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में कोरोना से देश को बचाने के लिए सही वक्त पर सही फैसले लिए गए.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदीजी और नीतीश कुमार के शासन में गरीबों को मुफ्त राशन मिल रहा है. गरीबों एवं किसानों को खाते में पैसा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राजद का शासन होता तो क्या राशन मिलता?

राजद पर प्रहार जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ‘ये लोग गाय और भैंस का चारा खा गए, क्या ऐसे लोगों को फिर मौका मिलना चाहिए?’

विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वहां जाति, मत, मजहब के आधार पर विभाजित करने की मंशा है. ऐसी ही मंशा के कारण आतंकवाद, नक्सलवाद और अराजकता फैली. उन्होंने कहा कि अब इस बारे में जनता को तय करना है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने जनता का भी काम किया और राम का भी काम किया.’

उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बनने का काम शुरू हो गया है.

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगाने का काम किया और पाकिस्तान को उसके देश में घुसकर जवाब दिया .

बिहार में परिवर्तन होगा और कांग्रेस-राजद की सरकार बनेगी: सचिन पायलट

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को जयपुर में दावा किया कि बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद परिवर्तन होगा और निश्चित रूप से कांग्रेस-राजद की साझा सरकार बनेगी.

Jaipur: Rajasthan Congress chief Sachin Pilot releases a publication during a press conference at the party office in Jaipur, Thursday, Nov 22, 2018. (PTI Photo) (PTI11_22_2018_000154B)
सचिन पायलट. (फोटो: पीटीआई)

पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत करते कहा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित सुशासन की कलई पूरी तरह से खुल चुकी है. कोरोना काल में श्रमिकों को पूरी तरह उनके अपने हाल पर छोड़ दिया था और कोटा में जो बच्चे फंसे हुए थे, उनको लाने से मना कर दिया था. जिस सुशासन की बात वह करते हैं, उसका पूरी तरह खुलासा हो चुका है.’

उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार कभी लालू के साथ, कभी भाजपा के साथ, कभी लोजपा के साथ, कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ एक तरह से उनकी परिपाटी बन चुकी है.’

पायलट ने कहा, ‘भाजपा और नीतीश कुमार की पार्टी के लोग कुछ भी बोलें, लेकिन जो महागठबंधन बना है, कांग्रेस और राजद का जो चुनाव अभियान चल रहा है और युवाओं से जो जुड़ाव हो रहा है. बिहार में परिवर्तन होगा और मुझे लगता है कि कांग्रेस और राजद की साझा सरकार बिहार में निश्चित रूप से बनेगी.’

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव प्रचार कार्यक्रम बनने के बाद वह मध्य प्रदेश के बाद बिहार में चुनाव प्रचार करेंगे.

नीतीश ने लोगों से नौकरियां देने के तेजस्वी के वादे से भ्रमित न होने की अपील की

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के लोगों से 10 लाख नौकरियां देने के राजद नेता तेजस्वी यादव के वादे से ‘भ्रमित’ नहीं होने की मंगलवार को अपील की और विपक्षी महागठबंधन के नेताओं से पूछा कि इसके लिए पैसा कहां से आएगा.

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar inaugurates schemes of Jal Jeevan Hariyali Abhiyan through video conferencing, in Patna, Monday, Aug. 10, 2020. (PTI Photo)(PTI10-08-2020 000133B)
नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

गोपालगंज के भोरे और सीवान के जीरादेई में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आजकल कुछ लोग कह रहे हैं कि इतनी नौकरी देंगे, लेकिन कहां से देंगे और इसके लिए पैसा कहां से आएगा.

उन्होंने कहा, ‘जब इतने लोगों (10 लाख लोगों) को नौकरी देंगे, तब बाकी को क्यों छोड़ देंगे.’ कुमार ने लालू प्रसाद की तरफ परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा, ‘जिसके कारण से जेल गए, उसी पैसे से व्यवस्था करेंगे क्या?’

उन्होंने कहा कि जो काम हो ही नहीं सकता, उसके लिए पैसा कहां से आएगा. नकली नोट लाएंगे या जेल से आएगा पैसा.

मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा, ‘इससे भ्रमित होने की जरूरत नहीं है. एक-एक काम करके राज्य को प्रगति के रास्ते पर लाए हैं. मौका देंगे तब और काम करेंगे.’

गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी सभी रैलियों में रोजगार और विकास का मुद्दा उठा रहे हैं. तेजस्वी वादा कर रहे हैं कि उनकी सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने के फैसले पर मुहर लगेगी.

यादव का कहना है कि लाखों लोगों का रोजगार छीन गया है और कारोबारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है, ऐसे में वह रोजगार की व्यवस्था करेंगे, कृषि ऋण माफ करेंगे, युवाओं का ध्यान रखेंगे.

नीतीश कुमार ने राजद नेता पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि 15 साल में जब मौका मिला था तब कितने लोगों को नौकरियां दी थीं?

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो छह लाख से अधिक लोगों को नौकरियां दीं और काफी संख्या में लोगों को काम का अवसर दिया.

राजद की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पहले न सड़क थी, न बिजली थी और जंगलराज था. उन्होंने कहा कि आज हर घर में बिजली है, हर गांव तक सड़क है और बिहार में कानून का राज है.

नीतीश कुमार ने कहा, ‘हर घर बिजली तो पहुंच गई, अब हर गांव में सोलर लाइट लगाएंगे.’

नीतीश ने कहा कि पहले एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महीने में 39 लोग जाते थे और हमारी सरकार आने के बाद अब एक महीने में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 हजार लोग जाते हैं.

उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को काम से मतलब नहीं है, ये लोग सिर्फ परिवारवाद में लगे रहते हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका अपना कोई स्वार्थ नहीं है और वे लोगों की सेवा के लिए समर्पित हैं.

उन्होंने कहा कि आज राज्य में अपराध का दर काफी नीचे चला गया और अपराध के मामले में देश में 23वें स्थान पर है. विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य का विकास दर 12 प्रतिशत से अधिक हो गया.

चिराग ने लोजपा को ‘वोटकटवा’ कहने पर भाजपा नेताओं की आलोचना की

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा उनकी पार्टी के लिए ‘वोटकटवा’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुश करने के लिए किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान. (फोटो: पीटीआई)
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान. (फोटो: पीटीआई)

चिराग ने कहा, ‘मुझे दुख है कि लोजपा के खिलाफ वोटकटवा शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्हें बुद्धिमता का प्रदर्शन करते हुए सिर्फ किसी को खुश करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.’

लोजपा नेता ने कहा, ‘मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भाजपा के नेता क्या कहते हैं क्योंकि वे मुख्यमंत्री के शब्द बोल रहे हैं.’

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के कई नेताओं ने लोजपा को ‘वोटकटवा’ कहा था. भाजपा नेताओं का कहना है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ करीबी होने का दावा करके लोजपा मतदाताओं के मन में भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रही है.

चिराग पासवान का कहना है कि उनके ऊपर पिता की शानदार राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है. उन्होंने बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी अटूट निष्ठा का प्रदर्शन किया है और खुद को प्रधानमंत्री का ‘हनुमान’ बताया है.

चिराग का कहना है कि 10 नवंबर के बाद अंतत: भाजपा-लोजपा की सरकार ही बिहार में बननी है. उन्होंने भाजपा नेताओं को सही शब्दों का प्रयोग करने की सलाह भी दी.

लोजपा नेता ने प्रारंभ में कहा था कि वह चुनाव में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. हालांकि उन्होंने करीब आधा दर्जन सीटों पर भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी खड़े किए हैं. लोजपा ने अब तक 95 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी की है.

मैं राजनीति को अलविदा नहीं कह रहा: शत्रुघ्न सिन्हा

अभिनय से राजनीति में आए शत्रुघ्न सिन्हा ने सोमवार को कहा कि यह उत्साहजनक है कि काफी युवा राजनीति के क्षेत्र में आ रहे हैं लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति को अलविदा नहीं कह रहे हैं.

Patna: BJP MP Shatrughan Sinha gestures during a meeting with constituency workers in Patna on Thursday. PTI Photo (PTI2_8_2018_000178B)
शत्रुघ्न सिन्हा. (फोटो: पीटीआई)

शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा पटना के बांकीपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

बांकीपुर सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है, जहां से भाजपा ने तीन बार के विधायक नितिन नवीन को फिर से टिकट दिया है. पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बांकीपुर विधानसभा सीट आती है. पटना साहिब संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सांसद हैं. प्रसाद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को पराजित किया था.

‘बिहारी बाबू’ के नाम से मशहूर सिन्हा ने कहा कि उनके पुत्र कांग्रेस की पसंद और युवाओं की मांग पर चुनाव में उतरे हैं, क्योंकि क्षेत्र के लोग नया चेहरा चाहते हैं, जो इलाके में गंभीरता से विकास कार्य करे.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह राजनीति को अलविदा कह रहे हैं.

सिन्हा ने कहा, ‘न तो मैं थका हूं, और न ही रिटायर हूं. मैं सक्रिय राजनीति में बना रहूंगा.’ सिन्हा बिहार चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं और इस सप्ताह अपने पुत्र के लिए प्रचार अभियान में शामिल होंगे.

लव सिन्हा ने इस सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है, जहां दूसरे चरण में 3 नवंबर को चुनाव होंगे. सिन्हा ने कहा, ‘लव ‘बिहारी पुत्र’ के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.’

बता दें कि बिहार 243 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर (71 सीटों पर), 3 नवंबर (94 सीटों पर) और 7 नवंबर (78 सीटों पर) को होगा. मतगणना 10 नवंबर को होगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)