फ़ारूक़ अब्दुल्ला करेंगे गुपकर गठबंधन की अगुवाई, कहा- गठबंधन राष्ट्रविरोधी नहीं, भाजपा विरोधी

जम्मू कश्मीर के छह दल अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसकी बहाली के लिए एकजुट हुए हैं. गठबंधन ने जम्मू कश्मीर राज्य के झंडे को अपने निशान के रूप में अपनाते हुए बीते एक साल के शासन पर श्वेतपत्र जारी करने की बात कही है.

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गुपकर गठबंधन का हिस्सा बनने वाले जम्मू कश्मीर के छह राजनीतिक दलों के नेता. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर के छह दल अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसकी बहाली के लिए एकजुट हुए हैं. गठबंधन ने जम्मू कश्मीर राज्य के झंडे को अपने निशान के रूप में अपनाते हुए बीते एक साल के शासन पर श्वेतपत्र जारी करने की बात कही है.

गुपकर गठबंधन का हिस्सा बनने वाले जम्मू कश्मीर के छह राजनीतिक दलों के नेता. (फोटो: पीटीआई)
गुपकर गठबंधन का हिस्सा बनने वाले जम्मू कश्मीर के छह राजनीतिक दलों के नेता. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू/श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के सात दलों ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए हाल में गठित अपने गठबंधन का नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को अध्यक्ष और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष चुनकर उसे औपचारिक स्वरूप प्रदान किया और कहा कि यह कोई ‘राष्ट्र विरोधी’ गठबंधन नहीं है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता युसूफ तारिगामी को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) का संयोजक चुना गया जबकि दक्षिण कश्मीर से लोकसभा सदस्य हसनैन मसूदी समन्वयक होंगे. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन गठबंधन के प्रवक्ता होंगे.

गौरतलब है कि 22 अगस्त को छह क्षेत्रीय पार्टियों ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने का ऐलान किया था और इस संबंध में एक घोषणापत्र जारी किया था.

महबूबा मुफ्ती के निवास पर एक बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह गठबंधन जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है और यह कोई राष्ट्र-विरोधी गठबंधन नहीं बल्कि ‘भाजपा विरोधी मंच है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हं कि भाजपा की ओर से यह मिथ्या प्रचार किया जा रहा है कि पीएजीडी राष्ट्र-विरोधी है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह सच नहीं है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भाजपा-विरोधी है लेकिन यह राष्ट्र-विरोधी नहीं है.’

अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 के अधिकत प्रावधान हटाकर और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटकर संघीय ढांचे को तोड़ने का प्रयत्न किया है.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने भारत के संविधान को नष्ट करने का प्रयास किया, उन्होंने देश को विभाजित करने और संघीय ढांचे को तोड़ने की कोशिश की जिसे हमने पिछले साल पांच अगस्त को देखा कि उन्होंने क्या किया.’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह (पीएजीडी) कोई राष्ट्र-विरोधी जमात नहीं है. हमारा लक्ष्य है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके अधिकार वापस मिलना चाहिए. यही हमारा संघर्ष है. हमारा संघर्ष उससे अधिक कुछ नहीं है.’

उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू और देश भर में पीएजीडी के घटकों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘वे धर्म के नाम पर हमें (जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को) बांटने का प्रयास कर रहे हैं. यह प्रयास सफल नहीं होगा. यह धार्मिक लड़ाई नहीं है बल्कि यह हमारी पहचान की लड़ाई है और उस पहचान के लिए हम एक साथ खड़े हैं. ’

इस गठबंधन के बनने के बाद पहली बार उसकी बैठक हुई. बैठक के बाद लोन ने संवाददाताओं से कहा कि यह गठबंधन अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए के बाद, पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर में चल रहे शासन पर एक महीने में श्वेत पत्र लाएगा.

उन्होंने कहा, ‘यह श्वेत पत्र शब्दों की बुनावट नहीं होगा. यह जम्मू कश्मीर और देश के लोगों के सामने असलियत पेश करने के लिए तथ्यों एवं आंकड़ों पर आधारित होगा. एक धारणा बनाई जा रही है कि सारा भ्रष्टाचार जम्मू कश्मीर में हुआ था.’

पीएजीडी ने एक पखवाड़े बाद जम्मू में अगली बैठक करने का निर्णय लिया है और उसके बाद 17 नवंबर को श्रीनगर में एक सम्मेलन होगा.

जम्मू कश्मीर के संदर्भ में पिछले साल किए गए संवैधानिक बदलाव के विरोधस्वरूप इस गठबंधन ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के झंडे को अपने निशान के रूप में अपनाया.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के कश्मीर प्रमुख एआर ट्रुक्रू पीएजीडी में शामिल हुए जबकि कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने इस गठबंधन से चुपचाप दूरी बना ली.

पीएजीडी को औपचारिक स्वरूप देने से पहले बैठकों में शामिल होते रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर पिछली दो बैठकों से दूर रहे हैं.

पिछली बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा था कि डॉक्टरों की सलाह के चलते वह बैठक में नहीं जा पाए. इस बार पार्टी ने उनकी अनुपस्थिति पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है.

‘गुपकर गैंग’ की साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: प्रदेश भाजपा प्रमुख

जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने शनिवार को कहा कि ‘गुपकर गैंग’ की साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की एकता एवं अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिये जेल में जगह होगी.

उन्होंने दिवाली और स्वतंत्रता दिवस समारोह की तरह ही 26 अक्टूबर को ‘विलय दिवस’ के रूप में मनाने की भी घोषणा की, ताकि यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज फहरेगा.

उन्होंने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के एक बयान के जवाब में यह कहा.

महबूबा ने शुक्रवार को कहा था कि वे तिरंगा तभी उठाएंगी, जब जम्मू कश्मीर का झंडा वापस आ जाएगा. मुफ़्ती ने यह भी कहा कि जब तक राज्य का विशेष दर्जा बहाल नहीं हो जाता तब तक वे चुनाव नहीं लड़ेंगी.

रैना ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का जिक्र करते हुए दावा किया कि जब वे सत्ता में थे तो भारत की सराहना करते थे, लेकिन जब वे सत्ता से बाहर हैं तो उन्हें पाकिस्तान और चीन की याद आ रही है.

भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘उन्हें भारत विरोधी एजेंडा आगे नहीं बढ़ाने दिया जाएगा. उन्हें कोशिश कर लेने दीजिए, गुपकर गैंग छह दलों से बढ़ कर 600 तक पहुंच रहा है लेकिन हम उनके सपनों को पूरा नहीं होने देंगे. वे सत्ता के भूखे लोग हैं और जम्मू कश्मीर की जनता उन्हें बखूबी जानती है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)