सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के चुनाव आयोग के फ़ैसले पर रोक लगाई

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी नेता का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. चुनाव आयोग ने 30 अक्टूबर को मध्य प्रदेश उपचुनाव के प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा समाप्त कर दिया था.

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कमलनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/कमलनाथ)

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी नेता का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. चुनाव आयोग ने 30 अक्टूबर को मध्य प्रदेश उपचुनाव के प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा समाप्त कर दिया था.

कमलनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/कमलनाथ)
कमलनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/कमलनाथ)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से कमलनाथ का नाम हटाए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी नेता का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.

चुनाव आयोग के वकील ने चीफ जस्टिस बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि कमलनाथ की याचिका निष्प्रभावी हो गई है क्योंकि चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है और कल मतदान है.

इस पर जस्टिस बोबडे के अलावा पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, हम इस फैसले पर रोक लगा रहे हैं.

सीजेआई ने चुनाव आयोग से कहा, स्टार प्रचारक की सूची से उम्मीदवार को हटाने के लिए आपको किसने शक्ति दी है? आप चुनाव आयोग हैं या पार्टी के नेता है? सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि क्या चुनाव आयोग किसी स्टार प्रचारक का नाम हटा सकता है या नहीं.

कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में कहा कि चुनाव आयोग का 30 अक्टूबर का फैसला उनके 13 अक्टूबर को दिए भाषण को लेकर भाजपा की शिकायत पर आधारित है.

कमलनाथ ने याचिका में कहा कि चुनाव आयोग का आदेश अवैध, मनमाना, बेतुका और प्राकृतिक न्याय के बुनियादी सिद्धांत का पूर्ण उल्लंघन है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.

वहीं, चुनाव आयोग का कहना है कि वह कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा समाप्त करने की उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द जवाब दाखिल करेंगे.

आयोग ने कहा, सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है. चुनाव आयोग को इस मामले में जवाब दाखिल करने का एक अवसर दिया गया है जिसे जल्द से जल्द दाखिल किया जाएगा.

बता दें कि चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा 30 अक्टूबर को समाप्त कर दिया था.

चुनाव आयोग ने कहा था कि कमलनाथ ने बार-बार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

13 अक्टूबर को एक रैली के दौरान कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे में कथित तौर पर कहा था कि वह एक नौटंकी कलाकार हैं और उन्हें मुंबई में फिल्मों में अभिनय करना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था, ‘आपके भगवान तो वो माफिया हैं, जिससे आपने मध्य प्रदेश की पहचान बनाई. आपके भगवान तो मिलावटखोर हैं.’

इससे पहले भाजपा उम्मीदवार और मंत्री इमरती देवी के बारे में कमलनाथ द्वारा ‘आइटम’ टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने माना था कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और उन्हें चेतावनी दी थी.

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इनमें से अधिकांश सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो जाने की वजह से खाली हुई हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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