न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज, संस्थान ने निजी प्रतिशोध बताया

महाराष्ट्र में पुणे के सकाल मीडिया ग्रुप ने ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर पर कंपनी के ट्रेडमार्क लोगो की चोरी करने का आरोप लगाया है. सकाल ग्रुप ने कंपनी में छंटनी से संबंधित दो न्यूज़ रिपोर्ट को लेकर जून में न्यूज़लॉन्ड्री को 65 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा था.

/
(फोटो साभार: फेसबुक/न्यूजलॉन्ड्री)

महाराष्ट्र में पुणे के सकाल मीडिया ग्रुप ने ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर पर कंपनी के ट्रेडमार्क लोगो की चोरी करने का आरोप लगाया है. सकाल ग्रुप ने कंपनी में छंटनी से संबंधित दो न्यूज़ रिपोर्ट को लेकर जून में न्यूज़लॉन्ड्री को 65 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा था.

(फोटो साभार: फेसबुक/न्यूजलॉन्ड्री)
(फोटो साभार: फेसबुक/न्यूजलॉन्ड्री)

पुणेः महाराष्ट्र में पुणे के सकाल मीडिया ग्रुप ने ऑनलाइन मीडिया पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री के एक रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूजलॉन्ड्री द्वारा प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट में सकाल मीडिया ग्रुप का लोगो इस्तेमाल करने को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

बता दें कि न्यूजलॉन्ड्री ने मार्च और अप्रैल महीने में सकाल ग्रुप के कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने को लेकर रिपोर्ट की थी.

न्यूजलॉन्ड्री ने इस एफआईआर को सकाल मीडिया समूह द्वारा रिपोर्टर के खिलाफ कथित निजी प्रतिशोध बताया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सकाल समूह पुणे से इसी नाम से मराठी भाषा में एक प्रभावशाली अखबार प्रकाशित करता है. समूह का संचालन महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार के करीबी रिश्तेदारों द्वारा किया जाता है. कंपनी के प्रबंध निदेशक अभिजीत पवार शरद पवार के भतीजे हैं और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के चचेरे भाई हैं. शरद पवार के भाई प्रताप गोविंद राव पवार समूह के निदेशक हैं.

इस समूह का अंग्रेजी समाचार पत्र द सकाल टाइम्स को कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के तुरंत बाद बंद कर दिया गया था.

एफआईआर दर्ज कराने से पहले सकाल ग्रुप ने दो न्यूज रिपोर्टों को लेकर जून में न्यूजलॉन्ड्री को 65 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा था, जिस पर न्यूजलॉन्ड्री ने कहा था कि रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से ठीक थी और उन्होंने सकाल ग्रुप के बयान भी रिपोर्ट में शामिल किए थे.

सकाल ग्रुप के लीगल हेड महेंद्र पिसल ने ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘हमने मानहानि का मामला दर्ज नहीं कराया है, बल्कि कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह इसलिए क्योंकि हमारे पंजीकृत ट्रेडमार्क को न्यूजलॉन्ड्री ने बिना हमारी इजाजत के अपनी रिपोर्ट में इस्तेमाल किया.’

उन्होंने कहा कि न्यूजलॉन्ड्री के खिलाफ नहीं, बल्कि उनके रिपोर्टर प्रतीक गोयल के खिलाफ 16 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी.

पिसल ने कहा, ‘हमने न्यूजलॉन्ड्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है. एफआईआर रिपोर्टर के खिलाफ दर्ज की गई है, जिसने अपनी स्टोरी में सकाल समूह के ट्रेडमार्क के लोगो का इस्तेमाल किया था. उसने ट्रेडमार्क चुराकर इस्तेमाल किया.’

रिपोर्टर प्रतीक गोयल का कहना है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आई थी, लेकिन वह उस समय घर पर नहीं थे. हालांकि, बाद में उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत ले ली थी.

उन्होंने कहा कि जब वह जमानत आदेश की कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए पुलिस थाने गए थे तो पुलिस ने उन्हें जेल में बंद करने की धमकी दी थी.

विश्रामबाग पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दादासाहेब चुडप्पा ने कहा, ‘सकाल ने अपने ट्रेडमार्क के दुरुपयोग को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. इसके आधार पर ट्रेडमार्क एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. जांच जारी है.’

यह पूछने पर कि रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज की गई?

चुडप्पा ने कहा, ‘रिपोर्टर ने अपनी स्टोरी में ट्रेडमार्क लोगो का इस्तेमाल किया था इसलिए हमने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया.’

उन्होंने कहा कि उनकी टीम गोयल को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर गई थी, लेकिन वह घर पर नहीं थे. हालांकि, उन्होंने रिपोर्टर से किसी भी तरह की आपत्तिजनक बात करने से इनकार किया है.

वहीं, गोयल का कहना है कि पुलिस उनसे उनका लैपटॉप भी मांग रही है.

उन्होंने कहा, ‘एक नवंबर को पुलिस ने मुझे फोन कर लैपटॉप के साथ पुलिस थाने आने को कहा लेकिन मैंने इसके लिए लिखित नोटिस की मांग की. उन्होंने मेरे आग्रह को नहीं माना और मुझे बुधवार को थाने आने को कहा.’

उन्होंने कहा कि वह पुलिस जांच में सहयोग करेंगे.

न्यूजलॉन्ड्री के वकील निपुन काटयाल ने कहा कि सकाल ग्रुप ने इन रिपोर्ट को वेबसाइट द्वारा आगे प्रकाशित करने से रोकने के लिए न्यूजलॉन्ड्री के खिलाफ दीवानी मुकदमा दायर किया है.

उन्होंने कहा, ‘सकाल ने ट्रेडमार्क एक्ट की धारा 103 के तहत रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इसके साथ ही न्यूजलॉन्ड्री के छह लोगों के खिलाफ दीवानी मुकदमा दायर किया है. एक आपराधिक मामला है जबकि अन्य दीवानी मामला हैं.’

न्यूजलॉन्ड्री के एडिटर इन चीफ रमन किरपाल ने कहा कि सकाल ग्रुप का यह कदम निजी प्रतिशोध है.

उन्होंने कहा, ‘जब हमने सकाल टाइम्स द्वारा कर्मचारियों को निकाले जाने को लेकर दो स्टोरी की थी तो उन्होंने हमें मानहानि का नोटिस जारी किया था, जिसका हमने जवाब देते हुए कहा था कि स्टोरी में किसी तरह की गलती हो तो बताएं. हमें पता था कि ये रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से सही थी.’

उन्होंने कहा कि सकाल ने इसके बाद रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.

किरपाल ने कहा, ‘हमने कहानी में इलेस्ट्रेशन का इस्तेमाल किया था, जिसे आमतौर पर एक विशेष संस्थान को चित्रित करने के लिए अखबार या ऑनलाइन पोर्टल द्वारा किया जाता है. इसका उपयोग केवल खबरों के लिए किया गया और इसके पीछे किसी तरह की व्यावसायिक मंशा नहीं थी. हम मामले को कानूनी रूप से संभालने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल, यह रिपोर्टर के खिलाफ निजी प्रतिशोध का मामला लग रहा है.’

बता दें कि प्रतीक गोयल पिछले दो साल से न्यूजलॉन्ड्री के साथ काम कर रहे हैं. वह इससे पहले एक साल तक सकाल के साथ थे.