बिहार: क्या सीएए को लेकर आमने-सामने आ गए हैं नीतीश कुमार और भाजपा?

बिहार विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण के मतदान से पहले एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश से बाहर करने की फालतू बातों का दुष्प्रचार किया जा रहा है.

Patna: Prime Minister Narendra Modi and Bihar Chief Minister Nitish Kumar during an election rally, at the veterinary ground in Patna, Wednesday, Oct. 28, 2020. (PTI Photo)(PTI28-10-2020 000098B)

बिहार विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण के मतदान से पहले एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश से बाहर करने की फालतू बातों का दुष्प्रचार किया जा रहा है.

Patna: Prime Minister Narendra Modi and Bihar Chief Minister Nitish Kumar during an election rally, at the veterinary ground in Patna, Wednesday, Oct. 28, 2020. (PTI Photo)(PTI28-10-2020 000098B)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में आखिरी चरण के मतदान से ठीक पहले भाजपा नेताओं के विभाजनकारी और सांप्रदायिक चुनावी रैलियों के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के बीच तल्खी नजर आने लगी है.

इसकी शुरुआत बुधवार को कटिहार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने घुसपैठियों को देश से बाहर करने की बात कही.

आदित्यनाथ ने कहा, ‘सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के रूप में मोदीजी को घुसपैठियों की समस्या का समाधान मिल गया है, उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. केंद्र ने यह भी कहा है कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी घुसपैठिये को बाहर फेंक दिया जाएगा. देश की सुरक्षा और स्वायत्तता से उलझने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’

इसके बाद किशनगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग ऐसी फालतू बातें कर रहे हैं कि लोगों को देश के बाहर कर दिया जाएगा.

नीतीश कुमार ने कहा, ‘ये कौन दुष्प्रचार करता रहता है, फालतू बात करते रहता है. कौन किसको देश से बाहर करेगा? ऐसा इस देश में किसी में दम नहीं है कि हमारे लोगों को (बाहर करे), सब हिंदुस्तान के हैं, सब भारत के हैं, कौन उनको बाहर करेगा साहब? ये सब कैसी बात करते रहते हैं यूं हीं.’

उन्होंने कहा, ‘जब से आपने मौका दिया है, हमने तो समाज में प्रेम का, भाईचारे का, सद्भावना का माहौल पैदा किया है. सबको एकजुट करने की हमने कोशिश की है. कुछ लोग चाहते हैं समाज में झगड़ा चलता रहे. कोई काम करने की जरूरत नहीं है. और हम तो काम करते रहते हैं. और हमारा मकसद यही है कि जब सब लोग प्रेम से भाईचारे से सद्भावना के साथ रहेंगे, तभी समाज आगे बढ़ेगा. लोग आगे बढ़ेंगे, तरक्की करेंगे.’

इसके साथ ही नीतीश कुमार ने अपने इस भाषण को ट्वीट भी किया. भाषण की क्लिप ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘सब को साथ लेकर चलना ही हमारा धर्म है. यही हमारी संस्कृति है. सब साथ चलेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा.’

हालांकि, यह बात यहीं तक नहीं रुकी बल्कि इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने योगी आदित्यनाथ के बयान का बचाव किया.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘किसी भारतीय नागरिक के भारत छोड़ने का कोई सवाल नहीं है. लेकिन वैश्विक स्तर पर भी सभी देश अपने देशों में रह रहे नागरिकों और विदेशियों की पहचान कर रहे हैं. इसलिए हाल ही में भारत ने भी यह प्रक्रिया शुरू की है.’

बीते अक्टूबर महीने में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने में देरी हुई और दावा किया कि जल्द ही यह कानून लागू किया जाएगा.

पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी के एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे नड्डा ने यह बात कही थी. नड्डा ने कहा था, ‘आपको सीएए मिलेगा और मिलना तय है. अभी नियम बन रहे हैं. कोरोना के कारण थोड़ी रुकावट आई है. जैसे-जैसे कोरोना हट रहा है, नियम तैयार हो रहे हैं. बहुत जल्द आपको उसकी सेवा मिलेगी. इसको हम पूरा करेंगे.’

बता दें कि इससे पहले पिछले साल के आखिर से जब देश में सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर विवाद पैदा हुआ था और देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, तब कई अन्य राज्यों के साथ ही 25 फरवरी, 2020 को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास किया गया था.

इसके साथ ही विधानसभा ने 2010 के प्रारूप में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था.

उस दौरान कुमार ने कहा था कि उनकी सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एनपीआर फॉर्म्स से विवादास्पद प्रावधानों को बाहर करने की मांग की है. हालांकि, उनकी पार्टी जदयू ने संसद में सीएए का समर्थन किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)