दिल्ली जल्द ‘कोरोना राजधानी’ बन सकती है, आप सरकार मामले में गलत रास्ते पर चली गई है: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य को हल्के में ले रही है. सरकार ने सबसे अधिक जांच करने सहित कई दावे किए हैं, लेकिन कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

New Delhi: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal visits the Plasma Bank at ILBS Hospital in New Delhi, Thursday, July 2, 2020. (PTI Photo/Kamal Singh) (PTI02-07-2020 000125B)New Delhi: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal visits the Plasma Bank at ILBS Hospital in New Delhi, Thursday, July 2, 2020. (PTI Photo/Kamal Singh) (PTI02-07-2020 000125B)

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य को हल्के में ले रही है. सरकार ने सबसे अधिक जांच करने सहित कई दावे किए हैं, लेकिन कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

(फोटो :पीटीआई)
(फोटो :पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या पर नाखुशी जताते हुए बृहस्पतिवार को टिप्पणी कि दिल्ली जल्द ही ‘देश की कोरोना राजधानी’ बन सकती है.

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार महामारी के मामले में पूरी तरह से गलत रास्ते पर चली गई है.

पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य को हल्के में ले रही है और इस मामले को अलग से देखा जाएगा.

अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सबसे अधिक जांच करने सहित कई दावे किए हैं, लेकिन कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

एक दिन पहले बृहस्पतिवार को कोविड-19 संक्रमण के 6,715 नए मामले सामने आए थे और 66 लोगों की मौत हुई थी, जो पिछले चार महीनों में मरने वालों का सर्वाधिक आंकड़ा है. इससे एक दिन पहले चार नवंबर को 51, तीन नवंबर को 42 और दो नवंबर को 51 लोगों की मौत हुई थी.

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार यह लगातार तीसरा दिन है जब मामलों की संख्या छह हजार के पार दर्ज की गई.

इस तरह से बृहस्पतिवार को कुल मामलों की संख्या बढ़कर 416,653 हो गए. चार नवंबर को 6,842, तीन नवंबर को 6,725 नए मामले सामने आए थे.

पीठ ने कहा, ‘शहर जल्द ही देश की कोरोना राजधानी बन सकता है. इसके लिए तेजी से बढ़ते मामले जिम्मेदार हैं. हम इस मामले को गंभीरता से लेंगे.’

अदालत ने यह टिप्पणी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त इंजीनियरों एवं अन्य कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान नहीं करने को लेकर दायर की गईं कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान की.

बता दें कि पिछले तीन महीने से लंबित वेतन के भुगतान की मांग को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

बीते 26 अक्टूबर को वरिष्ठ डॉक्टरों ने लंबित वेतन को लेकर सामूहिक आकस्मिक अवकाश लिया था और 27 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया था. हिंदूराव अस्पताल के पांच रेजिडेंट डॉक्टरों ने बीते 23 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी.

इससे पहले हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने कस्तूरबा अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ मिलकर जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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