दिल्ली: प्रतिबंध के बावजूद ख़ूब चले पटाखे, प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंचा

पीएम 2.5 कणों का आपात स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है. रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में यह 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था.

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रविवार की सुबह दिल्ली में फैला स्मॉग. (फोटो: पीटीआई)

पीएम 2.5 कणों का आपात स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है. रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में यह 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था.

रविवार की सुबह दिल्ली में फैला स्मॉग. (फोटो: पीटीआई)
रविवार की सुबह दिल्ली में फैला स्मॉग. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दीपावली के मौके पर कई जगहों पर आतिशबाजी के बाद रविवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ‘आपात’ स्थिति में पहुंच गया.

पटाखों से निकलने वाले धुएं के कारण बनी धुंध आसमान में छाई रही और उसकी तीखी गंध वातावरण में महसूस हुई.

बीते शनिवार शाम वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी. इस दिन दिल्ली के प्रदूषण में पीएम 2.5 कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत थी, लेकिन पटाखों से निकलने वाले धुएं और हवा की मंद गति से हालात और बिगड़ गए.

दिल्ली-एनसीआर में रविवार सुबह छह बजे पीएम 2.5 कणों का स्तर 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था. जबकि इनका आपात स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है और सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सुबह छह बजे पीएम-10 का स्तर 543 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जबकि इसका आपात स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है और 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर का स्तर भारत में सुरक्षित माना जाता है.

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के मुताबिक यदि 48 घंटे से अधिक समय तक पीएम 2.5 कणों का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक तथा पीएम 10 का स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक बना रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर से अधिक’ तथा ‘आपात’ श्रेणी में मानी जाती है.

बीते शनिवार रात दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर पटाखे चलाए गए. दिल्ली में पुलिस ने शनिवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया तथा उनके पास से 638 किलोग्राम पटाखे बरामद किए.

दिल्ली में दिवाली की रात चलते पटाखे. (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली में दिवाली की रात चलते पटाखे. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली में शनिवार शाम चार बजे एक्यूआई 414 दर्ज किया गया था, जो 2016 के बाद से सबसे ख़राब स्थिति है. रात दस बजे तक यह 454 पर पहुंच गया और रविवार सुबह नौ बजे एक्यूआई का स्तर 465 दर्ज किया गया.

पड़ोसी शहरों में भी एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया. फरीदाबाद में एक्यूआई का स्तर 438, गाजियाबाद में 483, ग्रेटर नोएडा में 439, गुड़गांव में 424 और नोएडा में 466 दर्ज किया गया.

पिछले वर्ष दीपावली 27 अक्टूबर को थी और तब 24 घंटे का औसत एक्यूआई 337 था. अगले दो दिन यह 368 और 400 था.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि नए बने पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंसेस) से रविवार और सोमवार को हवा की गति बढ़ सकती है और हवा की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है. उन्होंने बताया कि रविवार को हल्की बारिश हो सकती है.

विभाग के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वीके. सोनी ने कहा कि पूर्वी-दक्षिणपूर्वी हवा के तेज चलने से प्रदूषक तत्व तितर बितर होंगे और सोमवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार आ सकता है.

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था.

एनजीटी ने कहा था कि पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल से व्यापार और रोजगार प्रभावित हो सकते हैं लेकिन इसी समय इनके इस्तेमाल से प्रदूषण होगा जो आम नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन और पर्यावरण को प्रभावित करेगा, तो ऐसे में इनके इस्तेमाल को ‘सतत विकास’ के एहतियात बरतने के सिद्धांत के अनुसार प्रतिबंधित/निषिद्ध कर सकते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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